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अमीरों और ताकतवरों के पक्ष में हो गई है देश की कानून व्यवस्था: रिटायर्ड जस्टिस दीपक गुप्ता | laws and legal system are totally geared in favour of powerful says justice deepak gupta | nation – News in Hindi

अमीरों और ताकतवरों के पक्ष में हो गई है देश की कानून व्यवस्था: रिटायर्ड जस्टिस दीपक गुप्ता

मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से आने वाले जस्टिस दीपक गुप्ता ने 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की थी.

जस्टिस दीपक गुप्ता (Deepak Gupta) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फेयरवेल दिया गया, देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ. इस दौरान उन्होंने कहा कि न्यायपालिका को खुद ही अपना ईमान बचाना चाहिए, क्योंकि लोगों को ज्यूडिशियरी में बहुत भरोसा है.

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जस्टिस दीपक गुप्ता (Deepak Gupta) बुधवार को रिटायर हो गए. उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए फेयरवेल दिया गया. जस्टिस गुप्ता ने अपने संबोधन में न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि देश का लीगल सिस्टम अमीरों और ताकतवरों के पक्ष में हो गया है. जज शुतुरमुर्ग की तरह अपना सिर नहीं छुपा सकते. उन्हें समस्याएं पहचाननी होंगी और उनसे निपटना होगा.

न्यायपालिका के इतिहास में ऐसा पहली बार है, जब किसी जज को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से फेयरवेल दिया गया हो. इस दौरान जस्टिस गुप्ता ने कहा कि कोई अमीर सलाखों के पीछे होता है तो कानून अपना काम तेजी से करता है लेकिन, गरीबों के मुकदमों में देरी होती है. अमीर लोग तो जल्द सुनवाई के लिए उच्च अदालतों में पहुंच जाते हैं लेकिन, गरीब ऐसा नहीं कर पाते. दूसरी ओर कोई अमीर जमानत पर है तो वह मुकदमे में देरी करवाने के लिए भी वह उच्च अदालतों में जाने का खर्च उठा सकता है.

उन्होंने कहा, ‘आप देखते हैं कि देश को न्यायपालिका पर बड़ा विश्वास है. मेरा मतलब है कि, हम ऐसा बार बार कहते हैं लेकिन उसी समय हम शुतुरमुर्ग की तरह अपना सिर नहीं छुपा सकते और कहें कि कि न्यायपालिका में कुछ नहीं हो रहा है. हमें समस्याएं पहचाननी होंगी और उनसे निपटना होगा. इस संस्थान की ईमानदारी ऐसी है कि उसे किसी भी हालत में दांव पर नहीं लगाया जा सकता.’

मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से आने वाले जस्टिस दीपक गुप्ता ने 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की थी. 2004 में वह हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट मे जज बने थे. बाद में वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. तीन साल से अधिक समय तक शीर्ष अदालत में जज रहे. (PTI इनपुट के साथ)ये भी पढ़ें:  क्या होती है जीरो FIR, जो हरिद्वार के एक मामले में दर्ज की गई है

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First published: May 7, 2020, 10:10 AM IST



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