नई सरकार के गठन होते ही किसानों के चेहरे पर मुस्का आ गई

सबका संदेस न्यूज छत्तीसगढ़ करगिरोड कोटा- प्रदेश में नई सरकार के गठन होते ही किसानों के चेहरे पर मुस्का आ गई है। धान का समर्थन मूल्य 2500 और किसानों का कर्जा माफी के चलते पूरे प्रदेश में धान की मंडियों में बंपर धान की आवक हुई है। प्रदेश सरकार ने इस बार 78 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित की थी,इसके चलते शहरी क्षेत्र की धान मंडियों के साथ ग्रामीण धान समितियों में किसानों ने अपने धान बेचे। इस बार बंफर धान की खरीदी होने और उठाव नहीं होने से अभी भी भारी मात्रा में धान खुले में रखे गए हैं। अभी भी एक लाख 66 हजार 524.20 क्विंटल धान खुले में रखे हुए हैं। बदली बारिश को देखते हुए प्रबंधकों की नींद उड़ गई है परंतु उठाव नहीं हो रहा है।
समर्थन मूल्य 25 सौ रुपये होने पर धान खरीदी बंद के बाद भी कुछ किसानों के धान बचे हुए थे, जिस पर कुछ जनप्रतिनिधियों ने धान खरीदी की समय सीमा एक हफ्ते और बढ़ाने की वकालत की थी, किंतु धान खरीदी के बाद धान उठाव नहीं होने से सहकारी समितियों में जहां पर धान खुले आसमान के नीचे रखे हुए हैं, बदली बारिश को देखते हुए सहकारी समिति के प्रबंधक और समिति के कर्मचारी काफी चिंतित हैं। बीते चार दिन पहले ही बेमौसम बारिश के कारण समिति के प्रबंधकों द्वारा आनन-फानन में तिरपाल खरीदी की गई ,वहीं पर ऊपर की धान के साथ ही नीचे रखे हुए धान भीग जाने से नुकसान होने का अंदेशा भी समिति के प्रबंधक और कर्मचारियों को सता रहा है। ज्ञात हो कोटा विकासखंड की नौ सहकारी समितियां में खुले आसमान के नीचे धान रखे हुए हैं। इसमें नेवरा,भरारी, करगीखुर्द ,धूमा, पीपरतराई ,करगीकला,मिट्ठू-नवागांव,बेलगहना की सरकारी धान की मंडियों में लगभग चार लाख 59 हजार 526.20 क्विंटल धान खरीदी की जा चुकी है। इसमें लगभग दो लाख 92 हजार 992 क्विंटल धान का अब तक ट्रांसपोर्ट के माध्यम से उठाव हो चुका है, शेष बचे हुए एक लाख 66हजार 534.20 क्विंटल धान का उठाव होना है। भारी मात्रा में समितियों में धान का उठाव नहीं होने से बारिश में भीगने के खतरे से समितियों के प्रबंधक और कर्मचारी के हाथ पांव फूल हुए हैं कि कहीं भी परेशान आएगी तो भुगतना उन्हें होगा। कोटा कॉपरेटिव बैंक के ब्रांच मैनेजर ने बताया कि इस बारे में विभाग के संबंधित उधा-अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है,धान के समय से उठाव नहीं होने पर मौसम में हो रहे रोज बदलाव को देखते हुए खुले में रखे धान की भीगने की संभावना दिखाई पड़ रही है। इस पमामले में डीएमओ शोभना तिवारी से वस्तुस्थिति जानने की कोशिश की गई परंतु फोन रिसीव नहीं किया गया।
केवल किसानों का धान खरीदना ही पर्याप्त नहीं है। धान का उचित परिवहन की व्यवस्था करना भी शासन प्रशासन का दायित्व है। एक माह बाद भी धान खुले आसमान के नीचे धान रखा हुआ है,शासन प्रशासनिक अधिकारियों को चाहिए कि जल्द से जल्द उठाव कराएं।
वेकेंट अग्रवाल, भाजपा नेता और पूर्व पर्यटन सलाहकार सदस्य
धान की बोरियां खुले मैदान और परिवहन नहीं होने की जानकारी उन्हें हो गई थी। इस मामले में विभागीय अधिकारी से बात कर इस पर त्वरित संज्ञान लेने को कहा गया है, साथ ही इस मामले की जानकारी मंत्री तक को भी अवगत कराया जा चुका है ।
वादिर खान, अध्यक्ष ,ब्लॉक किसान कांग्रेस
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