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हरदीप सिंह पुरी ने कहा- विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के बाद राज्यों की​ जिम्मेदारी, उड़ानें शुरू करने पर भी दी जानकारी – States Will Have to Work in Tandem with Centre Once Indians from Abroad are Brought Back says Hardeep Singh Puri | business – News in Hindi

नई​ दिल्ली. दूसरे देशों में फंसे भारतीयों (Indians Abroad) को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार अब एयरक्राफ्ट्स, मिलिट्री प्लेन्स और नेवी की जहाजों की सहायता ले रही है. सरकार ने गुरुवार को कहा कि जो सबसे अधिक संकट में फंसे हैं और इमरजेंसी की स्थिति में हैं, उन्हें सबसे पहले प्राथमिकता दी जाएगी. केरल के लोगों द्वारा सबसे अधिक आवेदन को देखते हुए यूएई से आने वाली पहली दो फ्लाइट्स कोच्चि और कोजीकोड के लिए होंगे.

केंद्रीय नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने बुधवार को CNN-News18 से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि इतने बड़े स्तर पर विदेशों में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या है. इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना वायरस की वजह से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले सेक्टर्स में से एक एविएशन सेक्टर को उबारने के लिए केंद्र सरकार क्या कर रही है. इस दौरान उन्होंने बताया कि एअर इंडिया की विनिवेश की प्रक्रिया भी चल रही है.

विदेशों से 15 हजार भारतीयों को वापस लाया जाएगा
विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने को लेकर हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ती है तो हम प्राइवेट विमान कंपनियों को भी इसमें लगाएंगे. दुनियाभर के करीब 10 से अधिक देशों में फंसे 15,000 भारतीयों को अगले 7 दिन में 64 फ्लाइट्स के जरिए भारत वापस लाया जाना है. 7 मई यानी गुरुवार से यह काम शुरू कर दिया है. औसतन, हर रोज करीब 2,000 भारतीय लोगों को वापस लाया जाएगा.यह भी पढ़ें: चीन को छोड़कर भारत में यहां निवेश कर सकती हैं विदेशी कंपनियां, चल रही तैयारी!

भारत आने बाद 14 दिन तक क्वारंटीन सेंटर में रहना होगा
भारत में वापस आने के बाद इन लोगों को एक सेल्फ रिपोर्टिंग फॉर्म भरना होगा जिसमें उन्हें कोविड—19 संक्रमण के लक्षण के बारे में जानकारी देनी होगी. उन्हें आरोग्य सेतु ऐप पर रजिस्टर भी करना होगा. जांच के बाद उन्हें 14 दिन तक क्वारंटीन में रहना होगा. इसके लिए उन्हें किसी हॉस्पिटल में या क्वारंटीन के लिए अधिकृत संस्थान में पेमेंट बेसिस पर रहना होगा, जिसका खर्च राज्य सरकार उठाएगी.

क्वारंटीन प्लान के​ साथ राज्यों को तैयार होना होगा
राज्य सरकारों की भूमिका को लेकर पुरी ने कहा, ‘अगर राज्य सरकारें क्वारंटीन प्लान के लिए तैयार नहीं होती हैं तो हम इवैक्युवेशन नहीं करेंगे. केंद्र केवल लोगों को विदेश से लाकर उनके राज्य तक पहुंचाने का काम कर सकती है. इसके बाद सभी लॉजिस्टिक्स का काम राज्यों को करना होगा.’

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एविएशन सेक्टर में कोविड—19 से पहले का संकट
एविएशन सेक्टर की मौजूदा स्थिति पर पुरी ने कहा, ‘विमान कंपनियों के सामने जो चुनौती है, वो कोविड—19 महामारी से पहले की है. हम सभी को पता है कि पहले ही एविएशन सेक्टर संकट के दौर से गुजर रहा था.’ एविएशन सेक्टर में करीब 2.5 लाख लोग काम करते हैं.

कब शुरू होंगी फ्लाइट्स?
लॉकडाउन के बाद विमान कंपनियों के परिचालन शुरू करने को लेकर ​एविएशन मिनिस्टर ने कहा कि आगे के दिनों में जो स्थिति होगी, उसी के आधार पर कोई रास्ता निकाला जाएगा. उन्होंने कहा, ‘एविएशन सेक्टर को हमें क्रमिक एवं कैलिब्रेटेड तरीके से खोलना होगा. हम केवल दो ग्रीन जोन के बीच ही फ्लाइट्स शुरू कर सकते हैं. रेड ज़ोन में सेवाएं शुरू करना मुश्किल होगा.’

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विमान किराया बढ़ने पर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि अन्य ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्रीज के लिए भी यही समस्या है. लेकिन, सभी ज़ोन्स को सावधानी पूवर्क देखते हुए हम 25 फीसदी फ्लाइट्स को शुरू कर सकते हैं. इसके बाद स्थिति को देखते हुए आगे का फैसला लिया जाएगा. विमान किराया में बढ़ोतरी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम हमेशा कस्टमर फ्रेंडली देश रहे हैं. लेकिन, लॉकडाउन के बाद यह देखना होगा कि विमान कंपनियां पैसेंजर्स के लिए फेयर स्ट्रक्चर को मेंटेन करें. हम इन सभी बातों का ध्यान रखेंगे.

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