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जमालपुर ट्रेनिंग सेन्टर को लखनऊ शिफ्ट करने के फैसले पर क्यों मचा है सियासी घमासान? – indian railway decision to shift Jamalpur training center to Lucknow created a political fire nodrss | patna – News in Hindi

जमालपुर ट्रेनिंग सेन्टर को लखनऊ शिफ्ट करने के फैसले पर क्यों मचा है सियासी घमासान?

ऐतिहासिक ट्रेनिंग सेन्टर को बिहार से बाहर ले जाने के फैसले पर बवाल मचा हुआ है.

बिहार के मुंगेर (Munger) जिले के जमालपुर (Jamalpur) का इंडियन रेलवे इंस्टिट्यूट ऑफ मेकैनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियर यानी (IRIMEE) रेलवे के सबसे पुराने ट्रेनिंग सेन्टर में से एक है. अंग्रेजों के जमाने में 1888 में यह एक ट्रेनिंग स्कूल के तौर पर शुरू हुआ था.

नई दिल्ली. बिहार के जमालपुर में मौजूद रेलवे के ट्रेनिंग सेन्टर इंडियन रेलवे इंस्टिट्यूट ऑफ मेकैनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियर (IRIMEE) को लखनऊ शिफ्ट करने के फैसले पर बड़ा सियासी घमासान मच गया है. पूर्व भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने इस मामले पर ट्वीट कर इसे बिहार के अस्मिता से जोड़ दिया है. सिन्हा ने बिहार के लोगों को इस मसले पर विरोध करने की अपील की है. सूत्रों के मुताबिक इस मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(CM Nitish Kumar) ने भी रेल मंत्री को पत्र लिखकर ये फैसला रद्द करने की मांग की है.

1888 में यह एक ट्रेनिंग स्कूल के तौर पर शुरू हुआ था
बिहार के मुंगेर जिले के जमालपुर का इंडियन रेलवे इंस्टिट्यूट ऑफ मेकैनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियर यानी IRIMEE रेलवे के सबसे पुराने ट्रेनिंग सेन्टर में से एक है. अंग्रेजों के जमाने में 1888 में यह एक ट्रेनिंग स्कूल के तौर पर शुरू हुआ था. बाद में 1927 से यहां मेकेनिकल के ऑफिसर्स की ट्रेनिंग भी शुरू की गई थी.

बिहार में सियासत शुरूइस ऐतिहासिक ट्रेनिंग सेन्टर को बिहार से बाहर ले जाने के फैसले पर बवाल होना जाहिर सी बात है. यह साल बिहार विधानसभा चुनावों के लिहाज से भी काफी अहम है, ऐसे में इस मुद्दे पर सियासत शुरू हो गई है. पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिंहा ने इस मामले में बिहार के लोगों से संघर्ष तक करने की अपील कर डाली है.

न्यूज 18 हिंदी ने इस मामले में रेलवे का पक्ष जानने की भी कोशिश की, लेकिन खबर लिखे जाने तक रेलवे की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई. दरअसल जमालपुर का ट्रेनिंग सेन्टर बिहार के लिए गौरव की बात रही है. साल 2016 में UPSC की परीक्षा से भरे जाने वाले SCRA अधिकारियों की नियुक्ति रेलवे ने बंद करा दी थी. उससे पहले जमालपुर SCRA की ट्रेनिंग का बड़ा केंद्र था जो कि रेलवे में बहुत प्रतिष्ठित रहा है.

हालांकि, उसके बाद भी यहां हर साल हजार से ज्यादा नॉन गजेटेड अफसर की इन-सर्विस ट्रेनिंग होती रही है, जिसमें मालगाड़ी के डिब्बों, रेलवे व्हील, इंजिन, कोच और फायर सेफ्टी जैसे सब्जेक्ट की ट्रेनिंग दी जाती है. इसके अलावा हर साल यहां रेलवे को समझने के लिए कई अशिकारियों को ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है.

जमालपुर के लिए कनेक्टिविटी बेहतर नहीं
जमालपुर रेलवे वर्क शॉप की वजह से यह काम यहां आसानी से हो जाता है, लेकिन सूत्रों की माने तो जमालपुर की कनेक्टिविटी बेहतर नहीं होने की वजह से खासकर यहां न तो एयरपोर्ट है और न हवाई जहाज की सुविधा इसलिए अफसर यहां आने से कतराते रहे हैं. कोचिंग के लिए बाहर से प्रोफेसर्स वगैरह भी यहां आने को जल्दी तैयार नहीं होते हैं.

वहीं, रेलवे के पास वाराणसी और लखनऊ जैसे जगहों में बड़ी अपनी विशाल जमीन मौजूद है. इन शहरों में हवाई जहाज की सुविधा भी है. साथ ही बनारस का DLW या लखनऊ के पास रायबरेली का मॉडर्न कोच फैक्ट्री भी मौजूद है, जहां पर ऑफिसर्स को प्रैक्टिकल चीजें भी दिखाई- समझाई जा सकती हैं. देखना होगा कि बिहार के लिए चुनावी साल में ये मुद्दा और कितना गर्म होता है.

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First published: May 6, 2020, 5:26 PM IST



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