एचएमएस की बोरिया गेट पर गेट मीटिंग संपन्न

भिलाई। भिलाई श्रमिक सभा एचएमएस की बोरिया गेट पर गेट मीटिंग हुई। गेट मीटिंग में सभी सदस्यों ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए 2011 में जारी सर्कुलर की निंदा की एवं कहा कि ऐसे सर्कुलर को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाना चाहिए। सचिव अरुण चौबे ने कहा कि जब 2001 से अभी तक के सारे सर्कुलर को इंट्रानेट उपलब्ध कराया गया है तो 2011 के इस सर्कुलर को क्यों छुपाया गया है इसे भी कर्मचारियों के सामने सार्वजनिक किया जाना चाहिए ताकि कर्मचारियों को पता चल सके कि प्रबंधन ने कर्मचारियों के लिए किस प्रकार के कायदे कानून बनाए हैं।
उप महासचिव धनंजय चतुर्वेदी एवं दीपक चौबे ने कहा कि स्वर्गीय राम कुमार ध्रुव की अनुकंपा नियुक्ति पर प्रबंधन चुप्पी साधे हुए हैं क्योंकि 2011 में जारी सर्कुलर के पैरा 9ण्2 में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि कार्य स्थल पर होने वाली सामान्य मृत्यु को परिजनों द्वारा प्रमाणित करना होगा कि सामान्य मृत्यु में कार्यस्थल पर मृत्यु का कारण कार्य से संबंधित हैए जो संभव नहीं है यदि कार्यस्थल पर मृत्यु हुई है तो अनुकंपा नियुक्ति मिलनी चाहिए।
महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र ने शुक्रवार को सी ई ओ एवं समस्त कार्यपालक निदेशकों के साथ यूनियन की चर्चा की जानकारी देते हुए बताया कि प्रबंधन द्वारा 9 अक्टूबर की हुई दुर्घटना से सबक लेते हुए निर्णय लिया है कि भविष्य में गैस लाइन में कार्य के दौरान वाटर यू सील का प्रयोग किया जाएगा तथा जहां यू सील नहीं है वहां यू सील का निर्माण किया जाएगा। यूनियन द्वारा संयंत्र में सुरक्षित कार्य हेतु कुछ सुझाव भी दिए जैसे बीएसपी में उत्पादन एवं अनुरक्षण के कार्य के पश्चात कार्य की समीक्षा करने का प्रावधान नहीं है यूनियन द्वारा सुझाव दिया गया है कि साप्ताहिक हर विभाग में 20 लोगों की टीम बनाकर पूर्व 1 सप्ताह में किए गए कार्य की समीक्षा की जानी चाहिए समीक्षा बैठक में विभाग के सभी कर्मचारियों को सम्मिलित किया जाना चाहिए जिससे सुरक्षित कार्य के उचित सुझाव प्राप्त होंगेए विशिष्ट सुझाव देने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया जाना चाहिए।
भिलाई इस्पात संयंत्र में क्रेन ऑपरेटर को ट्रेनिंग देने का प्रावधान नहीं है बिना ट्रेनिंग दिए ही नए कर्मचारियों को क्रेन ऑपरेट करने के लिए लगा दिया जाता है क्रेन ऑपरेटर को ट्रेनिंग दी जानी चाहिए जिससे सुरक्षित क्रेन ऑपरेशन तथा ब्रेकडाउन कम करने में मदद मिलेगी। भिलाई इस्पात संयंत्र में सुपरवाइजरी कैडर नहीं है सुपरवाइजरी कैडर होने से सुरक्षित कार्य में मदद मिलेगी तथा अधिकारियों द्वारा अनावश्यक कार्य का दबाव बनाने से मुक्ति मिलेगी।सुरक्षित कार्य के लिए सुरक्षित वातावरण की नितांत आवश्यकता है पूरे संयंत्र से स्क्रैप का सफाया किया जाना चाहिए।
तथा डस्ट वाले स्थान पर डस्ट कैचर लगाया जाना चाहिए।
ठेका श्रमिकों का सुरक्षित कार्य सुनिश्चित करने के लिए मिनिमम वेजेस भी सुनिश्चित किया जाना चाहिये जिससे तकनीकी दक्ष ठेका श्रमिक संयंत्र की ओर आकर्षित होगा जिससे संयंत्र की उत्पादकता बढ़ेगी तथा दुर्घटनाओं में कमी आएगी। वरिष्ठ सचिव वीके सिंह ने कहा कि प्रबंधन द्वारा असुरक्षित कार्य के लिए अनावश्यक दबाव भी डाला जाता है और असुरक्षित कार्य मना करने पर दूसरे विभाग में ट्रांसफर करने की धमकी दी जाती है यह परंपरा बंद होनी चाहिएए कई विभागों में ऐसा किया गया है ट्रांसफर किए गए कर्मचारियों का वापस मूल विभाग में ट्रांसफर किया जाना चाहिए।
कार्यवाहक अध्यक्ष प्रेम सिंह चंदेल ने कहा कि 9 अक्टूबर को दुर्घटना में मारे गए उदय पांडे सहित चारों कर्मचारियों के परिवारों को प्रबंधन तत्काल अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करें अन्यथा यूनियन उग्र कदम उठाने के लिए बाध्य होगी यदि कानून व्यवस्था बिगड़ती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी।
ब्रेकिंग न्यूज, फोटो मर्डर न्यूज
ट्रांस्पोर्टर सूरज सिंह के हत्या के मामले का हुआ खुलासा आरक्षक ही निकला हत्यारा
सूरज के साथ अपनी बीबी का अवैध संबंध होने के शक में कर दी हत्या
हथौड़ा से सर पर वार कर दिया हत्या की घटना को अंजाम
भिलाई। गत 29 जनवरी को खुर्सीपार में हुए ट्रांस्पोर्टर सूरज सिंह की हत्या सूरज सिंह के घर के कुछ ही दूरी पर रहने वाले पुलिस आरक्षक रामप्रकाश यादव ने इस लिए कर दिया कि उसे शक था कि सूरज का संबंध उसकी पत्नी के साथ था। इसलिए वह सूरज की हत्या की योजना बनाकर जब सूरज सिंह अपने घर में अकेला था उसी दौरान उसके सर पर हथौड़ा से वार कर बाहर से ताला लगाकर फरार हो गया। सूरज के सर से अत्यधिक खून रिसाव के कारण उसकी मौत हो गई। घटना को अंजाम देने के बाद सूरज के दोनो मोबाईल और प्राण घातक हमला के लिए उपयोग में लाये जाने वाले हथौड़ा को मरोदा टैँक में फेंक दिया था। पुलिस ने उसे जब्त कर लिया है। उक्त जानकारी आज देर शाम पुलिस कंट्रोल रूम सेक्टर 6 में आईजी रतनलाल डांगी ने एक पत्रवारवार्ता में दी। इस मामले का खुलासा करते समय पुलिस अधीक्षक प्रखर पांडे,एएसपी ग्रामीण गोपीचंद मेश्राम, अजीत यादव नगर पुलिस अधीक्षक छावनी, प्रवीर चंन्द्र तिवारी उप पुलिस अधीक्षक क्राईम, एस एस शर्मा नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।
श्री डांगी ने आगे बताया कि घटना के दिन से ही घटना स्थल पर कैम्प लगा कर पुलिस टीम के द्वारा लगातार जांच जारी रखी गई तथा प्रत्येक दिन की गई कार्यवाही की मॉनिटरींग पुलिस अधीक्षक प्रखर पांडेय के द्वारा की गई। जांच के दौरान मृतक सूरज सिंह के साथ उठने बैठने वाले को चिन्हीत कर उनसे पूछताछ प्रारंभ की गई। जिससे यह ज्ञात हुआ की मृतक सूरज सिंह का संबंध खुर्सीपार सडक 04 में रहने वाले आरक्षक रामप्रकाष यादव से था। आरक्षक रामप्रकाष का मृतक सूरज सिंह के यहां आनाजाना बना था। उक्त संबंध में इस बात की पुष्टिकृत सूचना प्राप्त हुई कि घटना दिनांक को आरक्षक रामप्रकाष यादव को मृतक सूरज सिंह के साथ देखा गया था। उक्त आधार पर आरक्षक रामप्रकाष यादव से गहन पूछताछ की गई जिसमें दिनांक घटना को उसकी उपस्थिति सूरज सिंह के साथ देखे जाने के संबंध में प्रश्नावली के माध्यम से विभिन्न प्रश्न पूछे गये जिसमें रामप्रकाष यादव द्वारा संतोष जनक उत्तर नहीं दिया गया इसके अतिरिक्त तकनीकी टीम के द्वारा कॉल डिटेल के आधार पर उपलब्ध सक्ष्य के आधार पर भी प्रष्न पूछे गये जिसका भी संतोष जनक उत्तर नहीं दिया गया। लगातार पूछताछ करने पर अन्तत: आरक्षक रामप्रकाश यादव ने बताया कि वह अपनी पत्नी पर शक करता था। जिसके फलस्वरूप वह मानसिक तनाव में रहता था अत: दिनांक घटना को मृतक सूरज सिंह जब अपने घर में अकेला था तब वह जाकर लोहे के हथौडे से मृतक के सिर भाग पर चोट पहुंचा कर हत्या कर दिया तथा घटना के पश्चात घटना में प्रयुक्त लोहे के हथौडे एवं दोनो मोबाईल को मरोदा टैंक में फेंक दिया है। घटना स्थल के निरीक्षण एवं मृतक सूरज सिंह के सिर में आई चोंटों के प्रकार सेे घटना में रामप्रकाष के अतिरिक्त अन्य लोगों के सम्मिलित रहने की संभावना को देखते हुए एक टीम राज्य के बाहर भेजी गई है। आरक्षक रामप्रकाष यादव को पुलिस अभिरक्षा में लेकर घटना से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ की जा रही है।
आरोपी के पकडऩे इतने लोगों की लगी थी टीम
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए प्रखर पांडेय पुलिस अधीक्षक दुर्ग, विजय पांडेय अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर दुर्ग, गोपीचंद मेश्राम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, अजीत यादव नगर पुलिस अधीक्षक छावनी, प्रवीर चंन्द्र तिवारी उप पुलिस अधीक्षक क्राईम, एस एस शर्मा नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर एवं थाना प्रभारी छावनी, इसके अतिरिक्त साईबर सेल के प्रभारी निरीक्षक गौरव तिवारी एवं वैषाली नगर पुलिस चैकी प्रभारी राजेन्द्र कंवर एवं अन्य 10 कर्मचारियों की टेक्निकल टीम गठीत की गई और इनकेद्वारा आरोपी को पकड़ा जा सका।
ज्ञातव्य हो कि गत 29 जनवरी को रात्रि के समय पुलिस को जानकारी मिली कि खुर्सीपर स्थित सडक नं. 02 के एक मकान में सूरज सिंह नाम का व्यक्ति अपने निवास स्थान के अंदर मृत अवस्था में पडा था तथा उसके सिर पर भारी चोट होने के कारण सिर भाग पर गंभीर चोट के कारण अत्यधिक खून निकल कर कमरे के फर्स मे फैला हुआ था। घटना स्थल का निरीक्षण श्रीमती अनुपमा मेश्राम वरिष्ठ विधिविज्ञान अधिकारी दुर्ग के द्वारा भी किया गया। मृतक सूरज सिंह के सिर मे आई चोट को देखते हुए थाना खुर्सीपार में अज्ञात आरोपी के विरूद्ध धारा 302 भादवि के अन्तर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया। मृतक सूरज सिंह के शव को पोस्टमार्टम हेतु जिला चिकित्सालय दुर्ग भेजा गया। प्राप्त सूचना में मृतक को गोली मारकर हत्या करने का उल्लेख हुआ था अत: मृतक के घर का बारीकी से निरीक्षण किया गया जहां मृतक के दो मोबाईल भी गायब मिले। घटना स्थल में उपस्थित लोगों से पूछताछ की गई जिससे ज्ञात हुआ की मृतक सूरज सिंह अकेला रहता था एवं घर का सामने एवं पीछे का दरवाजा बंद था उक्त स्थिति मे घर के सामने के दरवाजा के ताले को तोडकर घर मे प्रवेष किया गया जहां मृतक सूरज सिंह का शव कमरे में पाया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल एक विषेष टीम गठीत की गई जिसमे थाना खुर्सीपार, जामुल, पुरानी भिलाई एवं कुम्हारी के अतिरिक्त 70 अधिकारी कर्मचारियों को अज्ञात आरोपी की पतासाजी हेतु सम्मिलित किया गया। घटना दिनांक की रात्रि को ही मृतक सूरज सिंह के साथ उठने बैठने वालों से पूछताछ कर मृतक के बारे में जानकारी प्राप्त की गई जिससे ज्ञात हुआ कि करीब 15 -16 वर्ष पूर्व मृतक ग्राम लखीपुर कोली थाना गौरीचक जिला पटना बिहार से भिलाई आकर ट्रक में क्लिनर कार्य करता था धीरे-धीरे उसने अपने स्वयं का ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय प्रारंभ किया फलस्वरूप घटना के दिन तक उसके पास स्वयं की आठ ट्रकें थीं। इसके अतिरिक्त पूर्व में मृतक शराब व्यवसाय में भी संलग्न था। 30 जनवरी को मृतक के शव परीक्षण पर पाया गया कि मृतक के सिर पर पाई गई चोट गोली लगने से न होकर किसी सख्त एवं भोथले हथियार से पहुंचाई गई है उक्त आधार पर पुलिस जांच की दिषा बदल कर विवेचना आरंभ की गई।
205 लोगों से पूछताछ के बाद मिली पुलिस को सफलता
जांच के दौरान ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुडे 132 लोगों से पूछताछ की गई एवं मृतक के घर के आस पास रहने वाले एवं मृतक के घर कार्य करने वाले 73 महिला एवं पुरूष से पूछताछ की गई। अज्ञात आरोपी के द्वारा अपराध घटित करने के पश्चात भागने के मार्गो मे लगे सीसी टीवी के फुटेजों का खंगाला गया इसके अतिरिक्त इन्टिग्रटेड ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिंस्टम में शहर के कैमरों के रिकॉडींग का भी अवलोकन किया गया। जिलें एवं आसपास के जिलों में ऐसे अपराध घटित करने वालों का चिन्हीत कर जांच प्रारंभ की गई। मृतक मे मूल ग्राम लखीपुर कोली पटना बिहार भी पुलिस की एक टीम रवाना की गई एवं अज्ञात आरोपियों के बारे में सूचना देने वालों के लिए 5,000/- रू. नगद पुरस्कार की घोषणा भी की गई। घटना के दिन से ही घटना स्थल पर कैम्प लगा कर पुलिस टीम के द्वारा लगातार जांच जारी रखी गई तथा प्रत्येक दिन की गई कार्यवाही की मॉनिटरींग पुलिस अधीक्षक प्रखर पांडेय के द्वारा की गई। जांच के दौरान मृतक सूरज सिंह के साथ उठने बैठने वाले को चिन्हीत कर उनसे पूछताछ प्रारंभ की गई।
और पूछताछ करने पुलिस लेगी आज रिमांड पर-एसपी
एसपी प्रखर पांडे ने बताया कि इस घटना में आरक्षक रामप्रकाश यादव के अलावा अन्य लोगों के भी शामिल होने की संभावना है। इसके लिए पुलिस को आरोपी यादव से और पूछताछ के लिए सोमवार को न्यायालय में पेश कर उसे रिमांड पर लेकर और पूछताछ करेगी।