…तो क्या अब GST के दायरे में आएगा पेट्रोल-डीजल? BJP और कांग्रेस ने कही ये बड़ी बात – Petrol diesel under GST unlikely in near future says BJP Congress leaders | business – News in Hindi
पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी लगने की क्या है संभावना?
1 जुलाई 2017 को जीएसटी (Goods & Services Tax) लागू किए जाने के बाद से ही पेट्रोल-डीजल को इसके दायरे में लाने की बात की जा रही है. इस अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल (GST Council) को ही लेना है. हालांकि, केंद्र और राज्य सरकारें अपने राजस्व को लेकर पेट्रोलियम पदार्थों पर अधिक निर्भर हैं.
क्या है कांग्रेस का कहना?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्प मोइली ने बुधवार को कहा उनकी पार्टी चाहती है कि पेट्रोल-डीजल (Tax on Petrol-Diesel) को जीसटी के दायरे में लाया जाए. लेकिन उन्होंने यह भी कहा मौजूदा स्थिति ऐसी नहीं है कि यह फैसला लिया जा सके. लॉकडाउन (Lockdown Part 3) की वजह से सभी तरह के कारोबार ठप हैं और राज्यों को वित्तीय प्रबंधन में परेशानी हो रही है.
एक-दो साल बाद ही कर सकते हैं विचारउन्होंने कहा कि मौजूदा संकट में कोई भी राज्य इस फैसले से सहमत नहीं होगा. पूर्व केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का यह उचित समय नहीं है. न्यूज एजेंसी पीटीआई से उन्होंने कहा कि अगले एक या दो साल में इस प्रस्ताव पर कोई कदम उठाने की गुंजाइश नहीं है.
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क्या है भाजपा का कहना?
भाजपा के प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य जी वी एल नरसिम्हा राव ने कहा कि कई मौके पर केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम और शराब को जीएसटी के दायरे में लाने का प्रस्ताव दिया है. लेकिन, राज्यों का कहना है कि उनके राजस्व का सबसे बड़ा हिस्सा इन्हीं दो उत्पादों से आता है. ऐसे में वो यह फैसला नहीं लेना चाहते.
जीएसटी काउंसिल ही लेगा कोई फैसला
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चाहती है और उसे इसमें रुचि भी है, लेकिन राज्य सरकारों ने अपना हाथ पीछे खींच लिया है. जीएसटी को लेकर कोई भी फैसला केंद्र सरकार अकेले नहीं ले सकती है. इसके लिए जीएसटी काउंसिल (GST Council) की सहमति होना जरूरी है.
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राव ने कहा कि यह एक ऐसा मामला है जिसपर जीएसटी काउंसिल की बैठक में चर्चा की जा सकती है. ऐसे में अगर जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में इस एक बार विचार किया जा सकता है लेकिन राज्य सरकारें इसके लिए तैयार नहीं है.
पेट्रोल-डीजल पर सरकारों अधिक निर्भर
ASSOCHAM ने कहा मंगलवार को कहा था कि निकट भविष्य में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना संभव नहीं दिख रहा है. हालांकि, अगर ऐसा होता है तो भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के लिए यह बेहतर कदम होगा. एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल दीपक सूद का कहा है कि राज्य और केंद्र सरकारें पेट्रोल-डीजल से आने वाले राजस्व पर अत्यधिक निर्भर हैं.
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First published: May 6, 2020, 3:45 PM IST