देश दुनिया

…तो क्या अब GST के दायरे में आएगा पेट्रोल-डीजल? BJP और कांग्रेस ने कही ये बड़ी बात – Petrol diesel under GST unlikely in near future says BJP Congress leaders | business – News in Hindi

...तो क्या अब GST के दायरे में आएगा पेट्रोल-डीजल? BJP और कांग्रेस ने कही ये बड़ी बात

पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी लगने की क्या है संभावना?

1 जुलाई 2017 को जीएसटी (Goods & Services Tax) लागू किए जाने के बाद से ही पेट्रोल-डीजल को इसके दायरे में लाने की बात की जा रही है. इस अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल (GST Council) को ही लेना है. हालांकि, केंद्र और राज्य सरकारें अपने राजस्व को लेकर पेट्रोलियम पदार्थों पर अधिक निर्भर हैं.

नई दिल्ली. वस्तु एवं सेवा कर (Goods & Services Tax) लागू किए जाने के बाद से ही पेट्रोलियम पदार्थों को इसके दायरे में लाने की मांग चल रही है. लेकिन, बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस ने संकेत दिया कि हाल में पेट्रोलियम पदार्थों को GST के दायरे में लाने को लेकर कोई फैसला नहीं होगा.

क्या है कांग्रेस का कहना?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्प मोइली ने बुधवार को कहा उनकी पार्टी चाहती है कि पेट्रोल-डीजल (Tax on Petrol-Diesel) को जीसटी के दायरे में लाया जाए. लेकिन उन्होंने यह भी कहा मौजूदा स्थिति ऐसी नहीं है कि यह फैसला लिया जा सके. लॉकडाउन (Lockdown Part 3) की वजह से सभी तरह के कारोबार ठप हैं और राज्यों को वित्तीय प्रबंधन में परेशानी हो रही है.

​एक-दो साल बाद ही कर सकते हैं विचारउन्होंने कहा कि मौजूदा संकट में कोई भी राज्य इस फैसले से सहमत नहीं होगा. पूर्व केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का यह उचित समय नहीं है. न्यूज एजेंसी पीटीआई से उन्होंने कहा कि अगले एक या दो साल में इस प्रस्ताव पर कोई कदम उठाने की गुंजाइश नहीं है.

यह भी पढ़ें: लॉकडाउन में सरकारी कर्मचारियों को लगा झटका!PF की ब्याज दरों में हुई बड़ी कटौती

क्या है भाजपा का कहना?
भाजपा के प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य जी वी एल नरसिम्हा राव ने कहा कि कई मौके पर केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम और ​शराब को जीएसटी के दायरे में लाने का प्रस्ताव दिया है. लेकिन, राज्यों का कहना है कि उनके राजस्व का सबसे बड़ा हिस्सा इन्हीं दो उत्पादों से आता है. ऐसे में वो यह फैसला नहीं लेना चाहते.

जीएसटी काउंसिल ही लेगा कोई फैसला
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चाहती है और उसे इसमें रुचि भी है, लेकिन राज्य सरकारों ने अपना हाथ पीछे खींच लिया है. जीएसटी को लेकर कोई भी फैसला केंद्र सरकार अकेले नहीं ले सकती है. इसके लिए जीएसटी काउंसिल (GST Council) की सह​मति होना जरूरी है.

यह भी पढ़ें: 18 रुपये का पेट्रोल ऐसे आपके पास पहुंचते-पहुंचते हो जाता है 71 रुपये का!

राव ने कहा कि यह एक ऐसा मामला है जिसपर जीएसटी काउंसिल की बैठक में चर्चा की जा सकती है. ऐसे में अगर जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में इस एक बार विचार किया जा सकता है लेकिन राज्य सरकारें इसके लिए तैयार नहीं है.

पेट्रोल-डीजल पर सरकारों अधिक निर्भर
ASSOCHAM ने कहा मंगलवार को कहा था कि निकट भविष्य में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना संभव नहीं दिख रहा है. हालांकि, अगर ऐसा होता है तो भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के लिए यह बेहतर कदम होगा. एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल दीपक सूद का कहा है कि राज्य और केंद्र सरकारें पेट्रोल-डीजल से आने वाले राजस्व पर अत्यधिक निर्भर हैं.

यह भी पढ़ें: एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी के बाद भी Petrol-Diesel अभी महंगा नहीं, जानें वजह

News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए मनी से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.


First published: May 6, 2020, 3:45 PM IST



Source link

Related Articles

Back to top button