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देश में 47,000 के करीब मामले, स्वास्थ्य मंत्री बोले- कोरोना का मुकाबला करना रॉकेट साइंस नहीं, दी यह सलाह | Record increase in covid 19 figures in the country cases increased to near 50 thousand | nation – News in Hindi

नई दिल्ली. कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में मंगलवार को रिकार्ड वृद्धि होने से संक्रमण के मामले 50 हजार के करीब पहुंच गए और 200 और मौतें होने से मृतक संख्या 1600 से ऊपर चली गई. वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, ‘कोरोना वायरस से मुकाबला कोई ‘राकेट साइंस’ नहीं है और लोग यदि स्वच्छता की अच्छी आदतों को आत्मसात कर लेते हैं तो वे आदतें ‘अप्रत्यक्ष वरदान’ साबित होंगी . इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस टीका विकसित करने,दवा की खोज करने , पता लगाने और जांच करने के लिए गठित कार्यबल की बैठक की और कोविड-19 से पार पाने के भारत के प्रयासों की समीक्षा की.

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन ने कहा कि अगर भारतीय संक्रमण के चलते अपने व्यवहार में हाथ धोने, सांस संबंधी और पर्यावरण स्वच्छता की आदत को बरकरार रखते हैं, तो कोरोना वायरस संकट के समाप्त होने के बाद, भविष्य में जब देश महामारी के इस काल को देखेगा तो वे इन आदतों को वह ‘ अप्रत्यक्ष वरदान’ मान सकते हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने घातक वायरस संक्रमण के प्रसार को लेकर शाम पांच बजे के अपने आधिकारिक अपडेट में कहा कि कोविड-19 से सोमवार शाम से 194 मौतें हुई हैं जिससे मृतक संख्या बढ़कर 1,583 हो गई है, जबकि 3,875 नए मामले सामने आने से कुल मामले बढ़ कर 46,711 हो गए हैं.

हालांकि रात 10 बजे तक विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से घोषित आंकड़ों के आधार पर पीटीआई-भाषा द्वारा संकलित ब्यौरे के अनुसार पुष्ट मामले बढ़कर 49,369 हो गए हैं, वहीं मृतकों की संख्या बढ़कर 1,621 हो गयी है. इससे यह भी पता चलता है कि इस बीच 13,500 से अधिक मरीज ठीक भी हो चुके हैं.तमिलनाडु में मंगलवार को 500 से अधिक नए मामले सामने आये जिससे उसके कुल मामले 4,000 के पार हो गए, जबकि गुजरात में 441 और व्यक्ति संक्रमित पाये गए जिससे राज्य में कुल मामले 6,200 से अधिक हो गए. कई अन्य राज्यों में भी मामलों में बढ़ोतरी हुई. हालांकि, विशेषज्ञों ने कहा कि इस घातक वायरस के प्रकोप का चरम अभी बाकी है और अगले 4-6 हफ्तों में भारत में सामने आ सकता है, मामलों में एक और बढ़ोतरी का दौर बाद में सर्दियों के मौसम में सामने आ सकता है.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोविड-19 का ग्राफ अबतक अपेक्षाकृत फ्लैट (समतल) बना हुआ है लेकिन लगातार समान रफ्तार से मामलों में वृद्धि चिंता का विषय है.

गुलेरिया ने कहा कि विभिन्न मॉडलिंग विशेषज्ञों का अनुमान है कि कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में चरमोत्कर्ष अगले चार से छह सप्ताह यानी मई के आखिर या जून के मध्य तक हो सकता है, ऐसे में हमें और चौकस रहने तथा हॉटस्पॉट में मामलों की संख्या घटाने की कोशिश करने की जरुरत है.उन्होंने यह भी कहा, ‘देश में सर्दियों में एक बार फिर कोविड-19 के मामले बढ़ सकते हैं लेकिन यह तो वक्त ही बताएगा.’’

गुलेरिया ने कहा, ‘यह ग्राफ लॉकडाउन और अन्य निषिद्ध उपायों से अबतक अपेक्षाकृत रूप से फ्लैट (समतल) रहा है और इसने हमें देश में अपना स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा खड़ा करने और परीक्षण सुविधाएं बढ़ाने का समय दे दिया है.’’ कई राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों ने भी कहा कि हाल के दिनों में मामलों की संख्या इसलिए बढ़ रही है क्योंकि की जा रही जांच की संख्या बढ़ी है.

गुलेरिया ने कहा, ‘लेकिन मामलों की संख्या स्थिर दर से लगातार बढ़ रही है और यह चिंता का विषय है. हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और लॉकडाउन के सिद्धांतों और एक दूसरे से दूरी बनाकर रखने के नियम का ईमानदारी से पालन करना चाहिए खासकर यदि वे हॉटस्पॉट या निषिद्ध में हैं तो.’’

स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी देशव्यापी लॉकडाउन के महत्व को रेखांकित किया जो 24 मार्च से लागू है और 17 मई तक रहने वाला है और कहा कि अर्थव्यवस्था की ही तरह स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण है. कई विशेषज्ञ महामारी और लॉकडाउन से अर्थव्यवथा पर प्रभाव पड़ने के बारे में बात कर चुके हैं.

 

 

हर्षवर्धन ने कहा, ‘सरकार को एक संतुलनकारी कार्य करना होगा.’’ उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के साथ ही लोगों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है.

 

 



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