विदेश में फंसे भारतीयों को घर वापस लाएगी सरकार, लेकिन उससे पहले जानें लें ये जरूरी बातें | government will bring all indians from abroad amid covid 19 lockdown all facts here | nation – News in Hindi
सरकार भारतीयों को वापस लाएगी.
कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण खाड़ी देशों और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हजारों भारतीयों (Indians) को घर लाने के लिए भारत कई दशकों में सबसे बड़ा देश वापसी अभियान शुरू करने जा रहा है.
खाड़ी देशों में 3 लाख से अधिक ने कराया रजिस्ट्रेशन
सरकार के सूत्रों ने बताया कि खाड़ी क्षेत्र में 3 लाख से अधिक लोगों ने वहां से निकलने के लिए पंजीकरण कराया है, लेकिन सरकार केवल उन्हें पहले वापस लाएगी जिनके सामने घर वापसी के लिए चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति, वीजा अवधि समाप्त होने या निर्वासन की संभावना जैसे अत्यावश्यक कारण हैं. अधिकारियों के अनुसार, खाड़ी देशों में दस हजार से अधिक भारतीयों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पता चला है जिनमें से 84 की मौत हो चुकी है.
सरकार का वंदे भारत मिशनसूत्रों ने बताया कि कई एजेंसियों के सहयोग से चलाये जाने वाले ‘वंदे भारत मिशन’ नाम के इस अभियान में सबसे प्रमुख ध्यान खाड़ी क्षेत्र, पड़ोसी देशों के साथ ही अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर से भारतीयों को वापस लाने पर केंद्रित किया जाएगा. हजारों भारतीय जहां विदेशों में नौकरी जाने के बाद अपने देश लौट रहे हैं, ऐसे में विदेश मंत्रालय राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों के साथ कुशल कामगारों के लिए संभावित रोजगार के अवसरों के बारे में विस्तृत डेटाबेस साझा करेगा. सूत्रों ने बताया कि इसमें राज्यों के साथ तालमेल के लिए बड़ी संख्या में अतिरिक्त सचिवों और संयुक्त सचिवों को तैनात किया गया है.
नौसेना ने भेजे 2 जलपोत
भारतीय नौसेना पहले ही दूसरे देशों से भारतीयों को वापस लाने के प्रयासों के तहत ‘ऑपरेशन समुद्र सेतु’ शुरू कर चुकी है. भारतीय नौसेना के पोत ‘जलाश्व’ और ‘मगर’ इस समय मालदीव से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए माले बंदरगाह के रास्ते पर हैं. ये भारतीयों को लेकर कोच्चि आएंगे. मालदीव में उन भारतीयों की सूची तैयार की जा रही है जो नौसेना के जहाज से वापस भारत आने हैं. साथ ही मेडिकल स्क्रीनिंग का भी इंतजाम किया जा रहा है. इसके लिए बाकायदा भारत सरकार की तरफ से जारी किए गए दिशानिर्देशों का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग और मेडिकल सुविधा का भी इंतेजाम जहाजों पर किया गया है.
इन लोगों को मिलेगी प्राथमिकता
एक सरकारी आदेश में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि विदेश से लौटने के लिए विवशता वाले ऐसे मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां लोग संकट में हैं. उनमें नौकरी से निकाले जा चुके प्रवासी कामगार तथा वे लोग भी शामिल हैं जिनकी अल्पावधि वीजा की समयसीमा बीत गई है. गृह मंत्रालय ने कहा कि आपात चिकित्सा स्थिति वाले व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों तथा परिवार के सदस्य की मौत की वजह से भारत लौटने को इच्छुक लोगों एवं विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी तथा यात्रियों को ही यात्रा का भाड़ा देना होगा.
खुद देना होगा किराया
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की ओर से कहा गया है कि विदेश से भारत आने वाले सभी भारतीयों को अपना हवाई किराया खुद देना होगा. उन्होंने इन टिकटों के किराये का आकलन भी किया है. उनके अनुसार लंदन से मुंबई या दिल्ली आने वाली फ्लाइट का किराया 50000 रुपये हो सकता है. वहीं शिकागो या सैन फ्रांसिस्को से आने वाली फ्लाइट का किराया 1 लाख रुपये तक हो सकता है. हालांकि मंत्रालय इसके संबंध में गाइडलाइंस जारी करेगा.
64 उड़ानें होंगी शुरू
भारत सरकार फंसे भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए सात से 13 मई तक 64 उड़ानें संचालित करने की तैयारी में है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि इन विशेष उड़ानों का संचालन एअर इंडिया और उसकी सहायक एअर इंडिया एक्सप्रेस करेगी. वे 12 देशों- संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपींस, बांग्लादेश, बहरीन, कुवैत और ओमान से भारतीयों को वतन वापस लेकर आएंगी.
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First published: May 6, 2020, 5:14 AM IST