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लॉकडाउन के बीच अगर आप जाना चाहते हैं अपने घर, तो करने होंगे आसान से ये तीन काम-coronavirus lockdown how to migrant workers reach their home know here everything in hindi | business – News in Hindi

नई दिल्ली. कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus Lockdown) रोकने के लिए जब सरकार ने लॉकडाउन का ऐलान किया था तब से ही मजदूरों की हालत खराब है. घर लौटने की चाहत में कई मजदूर पैदल ही निकल पड़े. हालांकि अब रेलवे देश भर में अलग-अलग जगह फंसे मजदूरों, छात्रों और तीर्थयात्रियों को उनके घर पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेन चला रही है. लेकिन, जानकारी नहीं होने की वजह से ज्यादातर लोगों को बहुत परेशानियां हो रही हैं. इसीलिए हम आपको इससे जुड़ी सभी जानकारी दे रहे हैं…

गोरखपुर के अजय सिंह ने बताया कैसे वो अपने घर पहुंचे-न्यूज18 हिंदी को अजय सिंह ने अपनी पूरी आपबीती सुनाई है. उन्होंने बताया कि उन्हें लॉकडाउन में राजस्थान के नागौर से अपने घर जाना था.

(पहला काम) वो सबसे पहले नागौर एसडीएम से मिले. इसके बाद उन्होंने प्रवासियों की एक सूची मांगी. इस पर गोरखपुर और आसपास के लोगों की एक लिस्ट नाम पते सहित दी गई.

(दूसरा काम) इसके बाद उस लिस्ट का वेरीफिकेशन हुआ और मेडिकल फिटनेस कराया गया. जिसके बाद रिपोर्ट आई.(तीसरा काम) उसके बाद उन्हें जिस फोन का बहुत बेस्रबी से इंतजार था वो भी आ गया. जी हां, फोन आ गया कि घर जाने के लिए बस आने वाली है.

राजस्थान रोडवेज की बस ने उन्हें मथुरा बस अड्डे तक छोड़ा. वहां से यूपी रोडवेज की बस में गोरखपुर पहुंच गए. अगर किसी भी नौकरी करने वालों को इस कोरोना काल में घर जाना है तो यही सबसे आसान और सरल रास्ता है. हालांकि, अब ज्यादातर राज्यों ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिया है.

अगर आप श्रमिक स्पेशल ट्रेन से सफर करना चाहते हैं, तो सबसे पहले नजदीकी नोडल ऑफिसर से संपर्क करना होगा. उनके जानकारी हासिल करें और अपना रजिस्ट्रेशन कराएं.

नोडल ऑफिसर आपसे एक फॉर्म भरवाएंगे. इसके बाद एक लिस्ट तैयार की जाएगी. ये लिस्ट रेलवे को भेजी जाएगी.

आपको ट्रेन कहां से और कैसे मिलेगी, इसकी जानकारी नोडल ऑफिसर ही देंगे. अगर कोई व्यक्ति बिना आवेदन के रेलवे स्टेशन पहुंच जाता है, तब उसे सफर नहीं करने दिया जाएगा. नीचे दी गई लिस्ट में आप अपने नोडल ऑफिसर की जानकारी हासिल कर सकते हैं.

स्पेशल ट्रेन के लिए रेलवे के दिशा-निर्देश
ट्रेन में सफर करने से पहले सभी यात्रियों की स्क्रीनिग की जाएगी, सिर्फ उन्हीं यात्रियों को जाने दिया जाएगा जिनमें कोविड-19 के लक्षण न हों. ट्रेन प्वाइंट टू प्वाइंट चलेगी. रास्ते में किसी स्टेशन पर नहीं रुकेंगी. यात्रियों की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी. किसी यात्री को कोई टिकट जारी नहीं किया जाएगा. राज्य सरकारें यात्रियों के टिकट का खर्चा उठाएंगी.

रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य है. यात्रा के दौरान हर यात्री को मास्क लगाना अनिवार्य है. यात्रियों को राज्य सरकार की सैनेटाइज़्ड बसों में स्टेशन तक लाया जाएगा.

गंतव्य पर पहुंचने पर इन्हें एक-एक बैच के रूप में उतारा जाएगा और वहां हर यात्री की स्क्रीनिंग की जाएगी. यात्रियों को आइसोलेशन में रखने की जरूरत हुई तो उसकी व्यवस्था राज्य सरकार करेगी. राज्य सरकार उन लोगों के घर तक पहुंचने की व्यवस्था करेगी. 12 घंटे से ज्यादा लंबे सफर वाली ट्रेनों में एक समय का भोजन उपलब्ध कराया जाएगा.

आपको बता दें, लॉकडाउन के कारण पहली बार ऐसा हुआ कि 41 दिनों तक पूरे देश में एक भी ट्रेन नहीं चली. 4 मई से लॉकडाउन का तीसरा फेज शुरू हो गया है. ये लॉकडाउन 17 मई तक चलेगा.

यहां जानें हर जरूरी सवाल के जवाब:-

(1) सवाल- घर जाने की मंजूरी कौन देगा?
जवाब- गांव जाने के लिए पुलिस के माध्यम से मंजूरी मिलेगी. इसके लिए सभी डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.

(2) सवाल-रजिस्ट्रेशन कैसे होगा?
जवाब-https://covid19.mhpolice.in/registration पर ऑनलाइन तरीके से आवेदन पत्र भर सकते हैं. लोकल पुलिस स्टेशन में ऑफलाइन भी फॉर्म भरकर दिया जा सकता है.

(3) सवाल कौन-कौन से कागज चाहिए?
जवाब-समूह में जाने वाले लोगों को अपने लीडर (मुख्य आदमी) का चुनाव करना होगा. सभी सदस्यों के नाम, आधार कार्ड नंबर, यात्रा कहां से कहां तक करनी है, निजी वाहन या बस/ट्रेन से जाने का जिक्र, पंजीकृत डॉक्टर से मेडिकल रिपोर्ट और मोबाइल नंबर देना अनिवार्य है.

(4) सवाल- जानकारी कैसे मिलेगी?
जवाब-प्रशासकीय स्तर पर आपके फॉर्म को मंजूरी मिलने के बाद आपको पास जारी करने की हरी झंडी दी जाएगी. इस बारे में संबंधित व्यक्ति को ई-मेल या मोबाइल नंबर से सूचना दी जाएगी.

(5) सवाल-कब तक इंतजार करना होगा?
जवाब-
जिस राज्य में आप जाना चाहते हैं, वहां के भी अधिकारी को इसकी सूचना दी जाएगी और उसी अनुसार भेजने की तैयारी होगी. आपको यात्रा की सूचना भी विभिन्न माध्यमों से प्रशासन द्वारा दी जाएगी. तब तक आपको घर पर ही रहना होगा.

(5) सवाल- क्या प्राइवेट गाड़ी से जा सकते हैं?
आपको निजी वाहन से जाने की अनुमति भी इसी तरह मिल सकती है. इसके लिए भी तय प्रक्रिया में आवेदन करना होगा, जिसमें गाड़ी का नंबर और ड्राइवर की जानकारी भी देनी होगी.

उदाहरण के तौर पर बताए तो… अगर आप हरियाणा में फंस गए है तो घर जाने के लिए आपको ऑनलाइन इन प्रोसेस को पूरा करना होगा… 

हरियाणा से अपने घरों को जाने वाले प्रवासी लोगों को सरकार द्वारा ई-दिशा पोर्टल के वेब पेज https://edisha.gov.in/eForms/MigrantService पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. रजिस्ट्रेशन में हेल्प के लिए एक कॉल सेंटर भी चलाया जाएगा जो प्रवासियों की मदद करेगा.

रजिस्ट्रेशन के बाद हरियाणा सरकार यहां फंसे बिहार, झारखंड तथा मध्य प्रदेशों के प्रवासी मजदूरों तथा खेतिहर मज़दूरों को शीघ्र उनके गृह राज्यों में सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से विशेष श्रमिक रेलगाड़िय़ों के माध्यम से निशुल्क भेजा जाएगा.

शेष राज्यों के प्रवासी मजदूरों की संख्या हरियाणा में कम है, इसलिए नई दिल्ली से विशेष ट्रेनों के माध्यम से उनकी वापसी सुनिश्चित की जाएगी.

उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों के खेतिहर मजदूरों को बसों के जरिए भी उनके घर भेजने की व्यवस्था की जा रही है.

गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन ने प्रवासी मजदूरों से अपील की है कि वे जहां हैं, वहीं रहें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. सरकार उन्हें भेजने की व्यवस्था कर रही है.

मूवमेंट पास प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति नम्बर-1950 पर संबंधित जिलों के नियंत्रण कक्ष से या नंबर-1100 पर राज्य नियंत्रण कक्ष से संपर्क कर सकते हैं.

ये है शर्त – हरियाणा से बाहर भेजे जाने वाले सभी व्यक्तियों की भी उचित रूप से जांच की जाएगी. हरियाणा आने और बाहर जाने वाले सभी लोगों के पास चिकित्सा अधिकारी का प्रमाण पत्र होना चाहिए कि उनकी जांच की गई है और कोई कोविड-19 का कोई लक्षण नहीं है.



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