Coronavirus: देश में संक्रमितों का आंकड़ा 46,711, अब तक 1,583 लोगों की मौत | coronavirus outbreak in india lockdown 42 day infected case death toll on 5th may 2020 live updates | nation – News in Hindi

देश में कोविड-19 (Covid-19) की स्थिति पर दैनिक संवाददाता सम्मेलन में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल (Lav Aggarwal) ने कहा कि मामलों की समय पर जानकारी देना और प्रबंधन करना संक्रामक बीमारी से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है.
देश में एक दिन में सर्वाधिक मौतें
मंत्रालय ने सोमवार सुबह आठ बजे से मंगलवार सुबह आठ बजे तक का आंकड़ा जारी करते हुए कहा कि इन 24 घंटों में कोरोना वायरस से एक दिन में सर्वाधिक 195 मौत और संक्रमण के सर्वाधिक 3,900 मामले सामने आए हैं. इन आंकड़ों के साथ देश में अब कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 46,433 और मृतकों की संख्या 1,568 तक पहुंच गई है. अग्रवाल ने कहा, ‘‘कुछ राज्य कोविड-19 के मामलों की जानकारी समय पर नहीं दे रहे हैं. उन्हें समझाए जाने के बाद उन्होंने इस तरह के मामलों की जानकारी दी है. कल से मामलों में अचानक हुई वृद्धि का यही कारण है.’’ उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित मुद्दे का समाधान कर लिया गया है.अब तक 12,726 लोग हुए ठीक
मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 1,020 रोगी ठीक हुए हैं जिससे ठीक होने वालों की संख्या अब 12,726 हो गई है तथा ठीक होने की दर 27.41 प्रतिशत है. अग्रवाल ने कहा, ‘‘अब कोविड-19 के मामलों के प्रबंधन में हम बहुत सहज हैं, लेकिन फील्ड स्तर पर किसी भी ढिलाई के परिणाम सही नहीं होंगे.’’ उन्होंने राज्यों को सलाह दी कि वे संपर्कों और सक्रिय मामलों का पता लगाने के प्रयासों को प्रभावी ढंग से अंजाम दें और संख्या के आधार पर मामलों के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करें.
बंगाल सरकार ने दी अतिरिक्त मामलों की जानकारी
यह पूछे जाने पर कि क्या पश्चिम बंगाल सरकार मामलों की जानकारी सही ढंग से नहीं दे रही क्योंकि वहां मौत के मामलों में अचानक वृद्धि की खबरें हैं, अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमने राज्य सरकार के साथ समन्वय किया और यह सुनिश्चित किया गया कि मामलों की जो भी देर से जानकारी दी जा रही है, उसे व्यवस्थित किया जाए. राज्य सरकार ने हमें अतिरिक्त मामलों की जानकारी दी है.’’
अचानक मामलों में हुई वृद्धि में सोमवार सुबह से अब तक मौत के 98 और संक्रमण के 296 मामले पश्चिम बंगाल से सामने आए हैं.
यह रेखांकित करते हुए कि कोविड-19 संक्रमित रोगियों के प्रत्येक संपर्क का पता लगाना अत्यंत महत्वपूर्ण है, अग्रवाल ने कहा कि निषेध क्षेत्र स्थित केंद्रों में या अन्यत्र, अत्यंत गंभीर श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) और इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के लक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण डेटा उपलब्ध कराते हैं और आगे की कार्रवाई के लिए निर्देशित करते हैं.
लॉकडाउन के परिणाम अच्छे
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के परिणाम बहुत सकारात्मक रहे हैं. लॉकडाउन से पहले मामले जहां 3.4 दिन में दोगुने हो रहे थे, वहीं अब यह 12 दिन में हो रहा है. प्रयासों की गति बनाए रखने में यह महत्वपूर्ण है.
मामलों में वृद्धि के कारणों और इस बारे में पूछे जाने पर कि भारत में तब मामलों में सर्वाधिक वृद्धि हो रही है, जब दुनिया के कई देशों में संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है, अग्रवाल ने कहा कि बड़ी संख्या में मौत होने की जानकारी एक या दो स्थानों से मिली है और मौतों के राष्ट्रीय आंकड़े में वृद्धि का यह प्राथमिक कारण है. उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि जब दुनिया के अन्य हिस्सों में बड़ी संख्या में संक्रमण के मामलों की खबरें आ रही थीं तो भारत वास्तव में लॉकडाउन और रोकथाम प्रयासों के जरिए यह सुनिश्चित करने में लगा रहा कि मामलों की संख्या में वृद्धि न हो.’’
स्वास्थ्यकर्मियों को लेकर जताई चिंता
अग्रवाल ने कहा, ‘‘हम अब भी उसी मार्ग पर चल रहे हैं. इसलिए जब आप हमारी तुलना विश्व के अन्य हिस्सों से करेंगे तो आपको महसूस होगा कि उनके अत्यधिक मामलों में थोड़ी कमी आई है, लेकिन भारत में मामलों की रफ्तार कम संख्या वाली ही रही है.’’
लॉकडाउन की अवधि में मामलों के बढ़ने से संबंधित सवाल के जवाब में अग्रवाल ने कहा कि कोई भी संक्रामक रोग ज्यामितीय वृद्धि करता है. उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमण की चपेट में आने पर चिंता जताई और कहा कि स्वास्थ्य पेशेवरों को आवश्यक सावधानियां बरतनी चाहिए.
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