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उद्योगपति केवल कमाई के आगे नही समझ रहे हैं गरीब मजदूरों के जानक की कीमत

तुल पकडऩे लगा है श्याम केमिकल के आगजनी में एक मजदूर की मौत
सांठगांठ और लीपापोती किये जाने की मिल रही है जानकारी
मृतक के ग्रामवासी मुख्यमंत्री से मिलकर शिकायत करने की तैयारी में
इस फेक्ट्री में प्राय: आग क्यों लगती है या लगाई जाती है, होनी चाहिए जांच
भिलाई। हथखोज भारी औद्योगिक क्षेत्र के श्याम केमिकल में गत एक सप्ताह पूर्व हुए आगजनी में एक गरीब मजदूर की मौत ने इस बात को साफ कर दिया है कि  उद्योग मालिकों की लापरवाही और हर परिस्थिति में कमाई को प्राथमिकता दिए जाने की प्रवृत्ति मजदूरों पर जानलेवा साबित हो रही है। उद्योगपतियों को अपनी कमाई के आगे गरीब मजदूरों के जान की कोई कीमत महसूस ही नहीं होती। गरीब मजदूर स्वयं और परिवार के पेट की खातिर केमिकल फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर पल-पल खतरों से खेलने को मजबूर है। एक मजदूर की मौत और दूसरे के जीवन और मौत से संघर्षरत रहने के बावजूद श्याम केमिकल के मालिक कमल सेन उर्फ कमल चौहान में मानवीय संवेदना का नहीं जागना और मामले को सांठगांठ कर लीपातोपी करने की जा रही कोशिश खासा चर्चे में है।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को हथखोज के भारी औद्योगिक क्षेत्र में स्थित श्याम केमिकल फैक्ट्री में भीषण आगजनी हो गई थी। केमिकल आधारित उद्योग होने से आग तेजी से भभकने लगा और इसके चपेट में आकर वहां काम करने वाले दो मजदूर बुरी तरके से झुलस गए। इसमें से एक मजदूर गोपेन्द्र पिता ईश्वर (35 वर्ष) की 4 मई को सेक्टर-9 अस्पताल मे इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक गोपेन्द्र मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्वाचन क्षेत्र पाटन विधानसभा के पचपेड़ी गांव का निवासी था। पचपेड़ी गांव भिलाई-3 से तकरीबन 7 किमी की दूरी पर है। गोपेन्द्र की मौत को लेकर भिलाई-3 चरोदा से लकर पचपेड़ी गांव तक लोगों में भारी आक्रोश पनपने रहा है। लोगों का आक्रोश इस बात को लेकर भी है कि आगजनी की घटना में मजदूर की मौत के बावजूद उद्योग मालिक कमल सेन उर्फ कमल चौहान ने शोकाकुल परिवारजनों की कोई सुध नहीं ली। इस बीच मामले में सांठगांठ के जरिए लीपापोती किए जाने का संकेत मिलने से भी लोग खासे आक्रोशित है।
बताया जाता है कि औद्योगिक क्षेत्र में केमिकल उद्योग का संचालन करने वाले ज्यादातर उद्योगपतियों मेंं आगजनी जैसी दुर्घटना को रोकने जरुरी संसाधन रखे जाने के प्रति गंभीरता बरती नहीं जाती। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि उद्योगपतियों को अपनी कमाई के आगे गरीब मजदूरों के जान की कोई कीमत महसूस ही नहीं होती। श्याम केमिकल में मंगलवार को हुई आगजनी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। एक मजदूर की मौत और दूसरे के जीवन और मौत से संघर्षरत रहने के बावजूद श्याम केमिकल के मालिक कमल सेन उर्फ कमल चौहान में मानवीय संवेदना का नहीं जागना खासा चर्चे में है।
पचपेड़ी निवासी मजदूर गोपेन्द्र की मौत का मामला धीरे-धीरे तुल पकडऩे लगा है। ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल इस मामले पर श्याम केमिकल के मालिक की शिकायत लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने की तैयारी में है। शिकायत उद्योगमंत्री कवासी लखमा सहित शासन प्रशासन के अन्य जिम्मदारों तक पहुंचाने की भी कवायद शुरू हो गई है। ग्रामीणों की मांग है कि मृतक मजदूर के परिवार को वाजिब मुआवजा मिलना चाहि।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि श्याम केमिकल फैक्ट्री में प्राय: आगजनी की घटनाएं होती रहती है। फैक्ट्री में आग लगती है या फिर लगा दी जाती है यह भी आये दिन होने वाली आगजनी की घटनाओं के लिहाज से जांच का विषय है। स्वाभाविक दुर्घटनावश आग लगती है तो फिर इसे रोकने की दिशा में फैक्ट्री मालिक के द्वारा किस तरह सतर्कता बरता जा रहा है इसे भी सामने लाया जाना आवश्यक प्रतीत हो रहा है।

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