Lockdown में राजस्थान के फालना गांव से जुड़े हैं देशभर के 500 मासूमों की जिंदगी के तार-Lockdown camel milk are giving life to child suffering from autism cargo train from rajasthan dlnh | delhi-ncr – News in Hindi


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ऐसे में भारतीय रेलवे (Indian Railway) की सेतू हैल्पलाइन भी ऐसे बच्चों के लिए मददगार साबित हो रही है, जो उनके शहर तक बहुत ही वाजिब दामों में ऊंटनी का दूध (Camel milk) पहुंचा रही है.
लेकिन लॉकडाउन (Lockdown) के बाद से अब ऐसे बच्चों के सामने दिक्कत आ रही है. उनके लिए अमृत बन चुका ऊंटनी का दूध (Camel milk) दूसरे शहरों तक आसानी से नहीं पहुंच पा रहा है. हाल ही में गांव के रेलवे स्टेशन पर स्टॉप न होने पर भी स्पेशल मालगाड़ी रोकी गई. तीन अलग-अलग जगहों पर बच्चों के लिए ऊंटनी का दूध भेजा गया. ऐसे में भारतीय रेलवे (Indian Railway) की सेतू हैल्पलाइन भी ऐसे बच्चों के लिए मददगार साबित हो रही है, जो उनके शहर तक बहुत ही वाजिब दामों में दूध पहुंचा रही है.
देश के 500 बचचों को इसलिए पिलाया जाता है ऊंटनी का दूध
पाली शहर के फालना गांव में ऊंट संरक्षण केन्द्र चलाने वाले हनुमंत सिंह बताते हैं कि कुछ बच्चों को छोटी सी उम्र में ही ऑटिज़्म नाम की बीमारी हो जाती है. मोटे-मोटे शब्दों में कहें बचचों के विकास को रोक देती है. देशभर के करीब 500 ऐसे बच्चे हमारे सेंटर से जुड़े हुए हैं. उनके मां-बाप की डिमांड पर हम यहां से ऊंटनी का 20 लीटर दूध और दूध पाउडर भेज देते हैं.

ऊंटनी के दूध से बने पदार्थ.
इसके अलावा भैंस, गाय और बकरी का दूध पीने से उन्हें एलर्जी हो सकती है. 1995 में हमने एक विदेश मैडम की मदद से यह सेंटर शुरु किया था. ऊंटनी के दूध से बने दूसरे पदार्थ भी हम बनाते हैं. जैसे पनीर, आइसक्रीम और साबुन आदि. ज़्यादातर लोग इसका इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों में करते हैं.
फालना स्टेशन पर रुकवाई गई मुम्बई जा रही मालगाड़ी
हनुमंत सिंह बताते हैं कि मुम्बई के बांद्रा में एक बच्चा इसी बीमारी से ग्रासित है. उसे इस दूध की जरूरत होती है. लेकिन लॉकडाउन के चलते दूध मुम्बई नहीं जा पा रहा था. इसके बाद उस बच्चे की मां प्रिया ने पीएम नरेन्द्र मोदी को ट्वीट किया. वहां से सूचना रेलवे को गई. फिर बात हम तक आई. हम तो तैयार ही बैठे थे. इसके बाद मुम्बई की ओर जा रही एक स्पेशल मालगाड़ी को फालना रेलवे स्टेशन पर रोका गया. यह गाड़ी खाने-पीने का सामान लेकर जा रही थी.
इसी गाड़ी में दूध और दूध पाउडर मुम्बई भेजा गया. एक डिमांड बंगलौर से आई. यूपी के मथुरा से भी आई. मथुरा में एक कैंसर पेशेंट के लिए मंगाया गया था. लेकिन हमारा ऐसा कोई दावा नहीं है कि इससे कैंसर ठीक हो जाता है. यह तो मंगाने वाला और पीने वाला जाने. लेकिन लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को दूध सप्लाई करने में बहुत ज़्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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First published: May 5, 2020, 4:13 PM IST