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गरीबों को राशन कार्ड और हाथ में पैसा, कोरोना संकट पर अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने दिए ये 7 सुझाव | give temporary ration cards bigger stimulus package abhijit banerjee to rahul gandhi on covid 19 hurdle | nation – News in Hindi

नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर जारी है. संक्रमितों का आंकड़ा 46 हजार पार कर गया है. कोरोना संकट से देश की अर्थव्यवस्था को लगातार नुकसान हो रहा है. ऐसे में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इन दिनों देश की आर्थिक हालत को लेकर विशेषज्ञों से बात कर रहे हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को राहुल गांधी ने नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) से बात की. इस दौरान अभिजीत बनर्जी ने कोरोना संकट से निपटने के लिए कई सुझाव दिए.

कांग्रेस ने करीब 27 मिनट का वीडियो जारी किया है, जिसमें राहुल गांधी और बनर्जी मौजूदा कोरोना संकट के कारण देश की अर्थव्यवस्था के सामने उत्पन्न चुनौतियों पर चर्चा की है. आइए जानते हैं अभिजीत बनर्जी ने कोरोना संकट पर दिए कौन-कौन से सुझाव:-

1.अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा है कि मौजूदा संकट के दौर में हर किसी को अस्थायी राशन कार्ड दे देना चाहिए. इसका इस्तेमाल आम लोगों को मनी ट्रांसफर और गेहूं-चावल देने में करना चाहिए.

2. उन्होंने कहा कि देश में मांग बढ़ाने के लिए 60 फीसदी सबसे गरीब लोगों को ज्यादा पैसा दिया जाए, तो यह अत्यंत महत्वपूर्ण होगा. इससे अर्थव्यवस्था को फायदा ही होगा.3. अभिजीत बनर्जी ने कहा कि मांग सुधारने के लिए नागरिकों के हाथ में ज्यादा पैसा देने के लिए भारत को अमेरिका से सीखना चाहिए. अमेरिका ने अपने यहां नागरिकों के लिए कई बड़े पैकेजों की घोषणा की है. भारत को राहत पैकेज की जरूरत है. अभी तक जो वित्तीय पैकेज दिया गया है, वह संकट और चुनौतियों को देखते हुए काफी नहीं है.

4. उन्होंने कहा कि हमें लॉकडाउन खत्म करने पर फैसला करने से पहले कोरोना वायरस के आगे संक्रमण को रोकने की रणनीति पर विचार करना होगा.

5. अर्थव्यवस्था की चर्चा करते हुए बनर्जी ने कहा कि हमें लॉकडाउन के बाद आर्थिक रफ्तार की बहाली के लिए आशावादी माहौल बनाए रखने का प्रयास करना होगा. सकारात्मक माहौल से भी हम जल्दी मौजूदा संकट से उबर सकते हैं.

6. बनर्जी ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए खर्च करना सबसे आसान और प्रभावी तरीका है. व्यय से अर्थव्यवस्था पर तुरंत असर दिखाई देगा.

7. लघु, कुटीर व मध्यम उपक्रम यानी एमएसएमई पर उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लिए अभी कोई निश्चित लक्ष्य देना सही नहीं होगा. मांग में सुधार लाने के लिए हर किसी को पैसा देने की ही फिलहाल जरूरत है.

वहीं, चर्चा के आखिर में राहुल गांधी ने कहा कि राज्यों को लॉकडाउन के बारे में फैसला करने की अनुमति दी जानी चाहिए. हर राज्य की अपनी जरूरत और चुनौतियां हैं. उन्हें वही बेहतर तरीके से समझ सकते हैं.

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