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पलायन से फिर लौटने लगे बेबस प्रवासी मज़दूर, सिस्टम की व्यवस्था देख नाराज व निराश, जिम्मेदार अनजान (संक्रमण व लॉकडाउन के पिछले दौर से शासन-प्रशासन ने नही ली कोई सबक का नतीजा)

देवकर:- ज़िले के देवकर नगर-क्षेत्र में पिछले बार की तरह प्रवासी मज़दूरों के पुनः पलायित कर लौटने का सिलसिला फिर शुरू हो गया है।जिसमे विगत मंगलवार को नगर के जालबान्धा व खैरागढ मार्ग के सहारे हैदराबाद(तेलंगाना) के निजी कम्पनी में मज़दूर के तौर पर कार्यरत युवा देवकर से सात किलोमीटर दूर ग्राम सिंघनपूरी के लिए जाते देखे गए।जिनमे प्रशासन की व्यवस्था व इंतज़ाम को लेकर निराशा व नाराजगी थी।बताया जा रहा है, कि शासन-प्रशासन प्रोटोकॉल के हिसाब से इनके लिए पर्याप्त सुविधाएं व व्यवस्था कर पाने में इस बार नाकाम साबित हो रहे है।जिसमे कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन के इस भीषण दौर में अब रोजाना दर्जनों की तादाद में युवा, महिला, बुजुर्ग व बच्चे परिवार सहित पलायित परिवार नगर-क्षेत्र में दस्तक देने लगे है।जिसकी उचित जानकारी व उनके लिए तैयारियां करने में प्रशासन की कोई सुनियोजित व्यवस्था नज़र नही आ रही है।जबकि यही मज़दूर पिछले संक्रमण के दौर में बमुश्किल परिस्थितियों में मूलगांव को वापसी हुए थे।जिन्हें शासन-प्रशासन द्वारा अलग 14 दिनों के लिए एकांतवाश(क्वारन्टाईन) करके स्कूलों में रखा गया था।जिसके बाद सामान्य होने पर घर जाकर घर-पृथकवाश(होम आइसोलेट) किया गया था।किंतु समय बदली हालात बदले, इन्ही सामान्य दौर में पुनः गाँव के मूल रहवासी काम धाम व रोजगार की तलाश में फिर पलायन को मजबूर हो गए।जिसके बाद अब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच घर वापसी कर रहे है।जिससे पिछली बार की तरह प्रशासन द्वारा उचित मदद नही मिलने से पचासों किलोमीटर की दुरी की खाक छानकर घर आने को मजबूर हो रहे है।जिसमे आवागमन के दौरान न ही इनसे पर्याप्त जानकारी ली जा रही है और न ही कोई मदद।लिहाजा ऐसी परिस्थितियों से अब सिस्टम की खामी नज़र आने लगी है।

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