श्रमिक एक्सप्रेस के परिचालन को लेकर सभी स्टेशनों में बरती जा रही है विशेष सतर्कता
सिग्नल सिस्टम दुरुस्त रखने दिए गए मौखिक आदेश
भिलाई। लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों की घर वापसी के लिए रेलवे द्वारा चलाये जा रहे श्रमिक एक्सप्रेस के परिचालन को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। सभी स्टेशन और परिचालन व्यवस्था देखने वाले सटाफ को किसी भी हाल में श्रमिक एक्सप्रेस का बेवजह ठहराव नहीं रोकने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए सिग्नल सिस्टम को दुरुस्त रखने को कहा गया है।
कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों के लाखों मजदूर अपने कर्मस्थली पर फंसे हुए हैं। इन मजदूरों की घर वापसी सुनिश्चित करने रेलवे की ओर से श्रमिक एक्सप्रेस चलाये जाने का निर्णय लिया गया है। शुक्रवार को हैदराबाद से झारखंड के हटिया के लिए चली पहली श्रमिक एक्सप्रेस दुर्ग रायपुर होकर गुजरी है। इस ट्रेन को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्टेशन में सवार मजदरों को भोजन उपलब्ध कराने के साथ ही रनिंग स्टाफ बदलने के लिए रोका गया। रेलवे प्रशासन की कोशिश है कि श्रमिक एक्सप्रेस को किसी भी स्टेशन पर रोका नहीं जाए। इस विशेष ट्रेन को रोके जाने से लकडाउन में फंसे अन्य मजदूर सवार होकर आगे जा सकते हैं। ऐसा हो से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाने की संभावना है। लिहाजा स्थानीय रेलवे प्रशासन ने इस तरह की संभावना को टालने किसी भी श्रमिक एक्सप्रेस को बीच रास्ते या फिर स्थानीय स्टेशन पर न रुकने देने का मौखिक फरमान रेल परिचालन में लगी टीम को दे रखा है।
बताया जाता है कि रेलवे द्वारा सिग्नल विभाग को विशेष सतर्कता बरतने को कहा जा रहा है। इसके लिए सिग्नल सिस्टम को बराबर निगरानी में रखते हुए आने वाली खामियों को दुरुस्त करने में फुर्ती बरतने को कहा गया है।
दरअसल सिग्नल सिस्टम से ही ट्रेनो का परिचालन बिना किसी रुकावट के होता है। सिग्नल सिस्टम फेल हो जाने की स्थिति में ट्रेन की रवानगी संभव नहीं हो पाएगी। ऐसी स्थिति में आवश्यक संधारण होने तक ट्रेन रुकी रहेगी। यह परिस्थिति श्रमिक एक्सप्रेस के साथ भी पेश आ सकती है। सिग्नल खराब होने से श्रमिक एक्सप्रेस रुकती है तो ट्रेन में सवार मजदूर स्टेशन पर उतर सकते हैं। वहीं मौके पर फायदा उठाकर उसी रुट पर जाने की चाह रखने वाले उस टे्रन में सवार हो जाएंगे, इससे कोरोना संक्रमण का खतरा काफी हद तक बढ़ जाएगा।
ट्रेन में न कोई चढ़े न ही उतरे
सिग्नल सिस्टम या अन्य किसी तकनीकी खराबी को देखते हुए श्रमिक एक्सप्रेस का पहिया थमता है तो कोरोना संक्रमण के खतरे की संभावना बढ जाएगी। रेलवे की कोशिश है कि इस खतरे की संभावना को टालने किसी भी हाल में ट्रेन रुकना नहीं चाहिए। जिन स्टेशनों पर रनिंग स्टाफ बदलने व भोजन आदि की व्यवस्था के लिए ट्रेन का रोका जाना तय है वहंां पहले से ही आवश्यक तैयारी रहने से कोई अड़चन नहीं आएगी। लेकिन किसी गैर सूचित स्टेशन पर श्रमिक एक्सप्रेस के रुकने से लोगों को चढऩे और उतरने से रोकना मुश्किल होगा। ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए परिचालन से संबंधित सारी तकनीकी पहलुओं को दुरुस्त रखने का फरमान आला अधिकारियों ने दे रखा है।