दिल्ली-NCR में रहने वाले बिहार, उत्तर प्रदेश के प्रवासी लोगों की कब होगी घर वापसी? – lockdown covid19 migrant labour people students of Bihar Uttar Pradesh Delhi NCR return home indian railway nodrss | patna – News in Hindi
दिल्ली से भी श्रमिक ट्रेन खुलने का इंतजार
दिल्ली से दूसरे राज्यों खासकर यूपी-बिहार और झारखंड के लिए अभी भी श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है. दिल्ली के सभी 11 जिले रेड जोन घोषित हैं और यहां पर कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 4 हजार पार कर गया है. ऐसे में अभी तक फैसला नहीं हो सका है कि दिल्ली से स्पेशल श्रमिक ट्रेन चलाई जाएंगी तो कब चलाई जाएंगी और उसके लिए क्या-क्या जरूरी चीजें होंगी.
लॉकडाउन ने इकोनॉमिक एक्टिविटी को बुरी तरह से प्रभावित किया है.
19 मार्च एक बाप-बेटी फंसे हैं
खगड़िया के राजेश कुमार न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं. ’19 मार्च को बेटी को केट क्लासेज में दाखिला दिलाने के लिए दिल्ली आया था. 21 मार्च को बेटी को लक्ष्मी नगर के एक गर्ल्स पीजी में रख कर सोचा कि एक-दो दिन में घर निकल जाएंगे. इसी बीच लॉकडाउन का ऐलान हो गया. बेटी को भी पीजी से लाना पड़ा. पिछले डेढ़ महीने से भी ज्यादा समय से बेटी को लेकर एक रिश्तेदार के यहां रह रहा हूं. न ही बिहार सरकार और न ही केंद्र सरकार की तरफ से अभी तक कोशिश हो रही थी अब जबकि केंद्र सरकार ने बोल दिया है तो भी स्थिति साफ नहीं हो रही है. बिहार सरकार ने जिन लोगों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है उनका नंबर हमेशा स्वीच ऑफ रहता है. समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें औऱ क्या न करें. मन में ये भी डर है कि ठीक होने के बावजूद बिहार जाने पर 21 दिनों तक क्वारंटीन भी तो किया जाएगा. लिहाजा अब सब भगवान भरोसे ही छोड़ रखे हैं.’
राज्य सरकारों को लगता है कि इन मजदूरों को सुरक्षित घर पहुंचाने के काम में बहुत दिक्कत आने वाली है. दिल्ली-एनसीआर में बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के मजदूरों की बड़ी संख्या है. होम मिनिस्ट्री का गाइडलाइंस के मुताबिक विशेष श्रमिक ट्रेन चलाने के लिए यह जरूरी है कि जिस राज्य में मजदूर फंसे हुए हैं और जहां के रहने वाले हैं उन दोनों राज्यों की सहमति जरूरी है. इस स्थिति में दिल्ली सरकार के साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों की सरकार के सहमति के बाद ही विशेष ट्रेन चलाना संभव है.
विशेष श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला लिया गया है.
दिल्ली से ट्रेन चलने को लेकर अभी भी संशय
अधिकारियों की मानें तो बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के श्रमिकों को भेजने से पहले स्क्रीनिंग कराना एक बड़ी चुनौती है. होम मिनिस्ट्री की गाइडलाइंस के मुताबिक, दिल्ली सरकार मजदूरों की स्क्रीनिंग करने के बाद ही ट्रेन से भेज सकती है. दूसरी तरफ जिस राज्य में ये मजदूर जा रहे हैं वहां पर उनके लिए क्वारंटाइन की व्यवस्था भी अनिवार्य होगी. ऐसे में अगर ये लोग बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड जैसे राज्य में जाते हैं तो वहीं की सरकार को इनको 21 दिनों तक क्वारंटीन करना भी एक बड़ी चुनौती है.
वैसे दिल्ली सरकार मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए अन्य राज्य सरकारों के संपर्क में है. इसके लिए नियुक्त नोडल अधिकारी लगातार बात भी कर रहे हैं. दिल्ली सरकार घर लौटने वाले मजदूरों को मेडीकल और स्क्रीनिंग की सुविधा देने के लिए तैयार है. लेकिन, विशेष ट्रेनों और बसों के लिए इन राज्यों को खुद ही अनुरोध करना पड़ेगा तभी ये मजदूर जा सकेंगे.
दिल्ली पुलिस ने फॉर्म भरवाना शुरू किया
इसके बावजूद दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस के मार्फत घर वापस लौटने वाले मजदूरों के नाम, पते लिखना शुरू कर लिया है. दिल्ली के हर थाने में घर वापसी के इच्छुक फॉर्म भर कर जमा कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस खुद भी इलाकों में जाकर उनके नाम-पता और फोन नंबर लिख रही है. दिल्ली सरकार अपने स्तर पर पूरी तैयारी कर रही है कि जब भी ट्रेन चलाने का ऐलान होगा वह कागजी कार्रवाई और डाटा सरकार के साथ शेयर कर देगी. फिहाल दिल्ली में 5 से 7 लाख सिर्फ मजदूर की बात सामने आ रही है. अगर छात्रों, पर्यटकों को जोड़ दें तो यह आंकड़ा और बढ़ जाएगा.
दिल्ली के हर थाने में घर वापसी के इच्छुक फॉर्म भर कर जमा कर रहे हैं.(प्रतीकात्मक फोटो)
बिहार सरकार की क्या है तैयारी
वहीं बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने भी इन लोगों की वापसी को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि दूसरे राज्यों में जो लोग फंसे हैं और बिहार आना चाहते हैं उनका पंजीकरण कराया जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार एक एप पर काम कर रहा है. बहुच जल्द ही इस एप के जरिए लोग अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे. आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात सरकार से बिहार सरकार की बात भी हुई है. इन राज्यों में कुछ राज्यों से ट्रेन चलनी भी शुरू हो गईं हैं, लेकिन दिल्ली के लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है.
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