जिला शिक्षा अधिकारी ने राज्य शासन को भेजा प्रस्ताव
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जिले के चिन्हित छह स्कूलों में इसी सत्र से अंग्रेजी माध्यम की पढाई होगी शुरू
जिले के भिलाई। सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू किए जाने के लिए दुर्ग जिले से छह स्कूलों का चयन किया गया है। पूर्व में कुल नौ स्कूल चिन्हित किए गए थे। शिक्षा सचिव डॉ आलोक शुक्ला ने सभी नौ स्कूलों का निरीक्षण किया था। लेकिन बाद में तीन स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम की योजना से बाहर कर दिया गया। इसमें शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला दीपक नगर दुर्ग, जेआरडी विद्यालय दुर्ग तथा शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला वैशाली नगर शामिल है। चयनित स्कूलों में शासकीय जनता उच्चतर माध्यमिक शाला भिलाई-3, शासकीय हाईस्कूल बालाजी नगर खुर्सीपार, शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला सेक्टर-6, भिलाई, शासकीय उ.मा.शाला कुम्हारी तथा शासकीय बालक उ.मा. शाला पाटन है। जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास सिंह बघेल ने बताया कि शासन के दिशा निर्देश के तहत चिन्हित नौ में से छह स्कूलों का चयन कर प्रस्ताव भेजा गया है।
इस प्रस्ताव में सबसे पहला नंबर शासकीय जनता उच्चतर माध्यमिक शाला भिलाई-3 है जिसमें भीं इसी सत्र से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इसके लिए कक्षा पहली, छठवीं और नवमी में बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी ने इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर राज्य शासन को प्रेषित कर दिया है।
राज्य शासन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा और सोंच के अनुरुप चुनिंदा सरकारी स्कूलों को अग्रेजी माध्यम से तब्दील करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोंच को साकार करने उनके ओएसडी मनीष बंछोर तथा शाला विकास समिति के अध्यक्ष प्रकाश लोहाणा ने जनता स्कुल को अंग्रेजी माध्यम बनाने की दिशा में सार्थक पहल की। इसी कड़ी में गत दिनों प्रदेश शासन के शिक्षा सचिव डॉ आलोक शुक्ला ने जनता स्कूल सहित 9 स्कूलों का का निरीक्षण किया था जिसमें 6 स्कूलों को चिन्हित किया गया है।
बताया जाता है कि शासकीय जनता उच्चतर माध्यमिक शाला भिलाई-3 में अभी छठवीं से बारहवीं तक की कक्षाओं मेंं लगभग साढ़े तीन सौ छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। हिन्दी माध्यम से अध्ययन करने वाले इन सारे छात्र-छााओं को भिलाई-3 के ही शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला में स्थानांतरित किया जाऐगा। इसके पश्चात इसी सत्र से अंग्रेजी माध्यम शुरू करते हुए कक्षा पहली, छठवीं तथा नवमी में छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा। प्रवेश लेने वाले सभी छात्र-छात्राओं को सीबीएसई पद्धति से निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी।