इस बैंक में है आपका खाता तो मिलेंगे 5 लाख रुपये! RBI ने लिया बड़ा फैसला – RBI cancels CKP Co-operative Banks licence depositors to get up to Rs 5 lakh | business – News in Hindi
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RBI ने CKP को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है.
RBI ने शनिवार को जानकारी दी कि सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक (CKP Co-Operative Bank) का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. आरबीआई की तरफ से जारी स्टेटमेंट में कहा गया कि बैंक के रिवाइवल या मर्जर का कोई प्लान नहीं है.
आरबीआई ने कहा कि बैंक ऐसी स्थिति में नहीं है कि वो अपने मौजूदा या भविष्य के डिपॉजिटर्स को पेमेंट कर सके. साथ ही बैंक तय किए गए न्यूनतम पूंजीगत जरूरतों के नियम का भी उल्लंघन किया है.
मौजूदा स्थिति डिपॉजिटर्स के लिए हानिकारक
इस बयान में कहा गया, ‘आम लोग और डिपॉजिटर्स के हित को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया जा रहा है. बैंक की मौजूदा न सिर्फ मौजूदा डिपॉजिटर्स के लिए हानिकारक है, बल्कि आम लोगों के हित के लिए भी यह सुरक्षित नहीं है.’यह भी पढ़ें: लॉकडाउन में अगर आपका TV या AC खराब हो गया है तो सिर्फ एक कॉल पर मिलेगी मदद
रिवाइवल और विलय का कोई प्लान नहीं
केंद्रीय बैंक ने कहा कि रिवाइवल के लिए बैंक द्वारा उठाया गया कदम प्रभावी नहीं, हालांकि इसके लिए पर्याप्त मौका लिया गया. बैंक के विलय को लेकर भी कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया है. ऐसे में आम लोागों के हितों को ध्यान में रखते हुए बैंक को आगे बिजनेस जारी रखने से रोका जा रहा है.
डिपॉजिटर्स को मिलेंगे 5 लाख रुपये
चूंकि, अब बैंक का लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद लिक्विडेशन प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इसके साथ ही डीआईसीजीसी एक्ट, 1961 भी प्रभावी होगा. इसके तहत CKP को-ऑपरेटिव बैंक के मौजूदा ग्राहकों को पेमेंट किया जाएगा. डीआईसीजीसी के इस नियमों के तहत इस बैंकों के डिपॉजिटर्स को उनके डिपॉजिट के आधार पर 5 लाख रुपये तक दिए जाएंगे.
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क्या कहता है नियम?
DICGC एक्ट, 1961 की धारा 16 (1) के प्रावधानों के तहत, अगर कोई बैंक डूब जाता है या दिवालिया हो जाता है, तो DICGC प्रत्येक जमाकर्ता को भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होता है. उसकी जमा राशि पर 5 लाख रुपये तक का बीमा होगा. आपका एक ही बैंक की कई ब्रांच में खाता है तो सभी खातों में जमा अमाउंट और ब्याज जोड़ा जाएगा और केवल 5 लाख तक जमा को ही सुरक्षित माना जाएगा. इसमें मूलधन और ब्याज (Principal and Interest) दोनों को शामिल किया जाता है. मतलब साफ है कि अगर दोनों जोड़कर 5 लाख से ज्यादा है तो सिर्फ 5 लाख ही सुरक्षित माना जाएगा.
DICGC के अंतर्गत कितने बैंक आते हैं?
31 मार्च 2019 तक DICGC के पास डिपॉजिट इंश्योरेंस के तौर पर 97,350 करोड़ रुपये था, जिसमें 87,890 करोड़ रुपये सरप्लस भी शामिल है. DICGC ने 1962 से लेकर अब तक कुल क्लेम सेटलमेंट पर 5,120 करोड़ रुपये खर्च किया है जो कि सहकारी बैंकों के लिए था. डीआईसीजीसी के अंतर्गत कुल 2,098 बैंक आते हैं, जिनमें से 1,941 सहकारी बैंक हैं. अधिकतर इन्हीं बैंकों में लिक्विडेशन की कमी देखने को मिल रही है.
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First published: May 2, 2020, 10:01 PM IST