देश दुनिया

जानिए, उस राष्ट्रपति के बारे में जो बार-बार मृत लोगों को ऊंचे पद पर बिठा देता है nigerian president appointed a dead man in government position | knowledge – News in Hindi

जानिए, उस राष्ट्रपति के बारे में जो बार-बार मृत लोगों को ऊंचे पद पर बिठा देता है

प्रेसिडेंट मोहम्मद बुहारी (Muhammadu Buhari) ने एक बार फिर देश के उच्च पद पर एक एक मृत शख्स को बिठा दिया

नाइजीरिया (Nigeria) के प्रेसिडेंट मोहम्मद बुहारी (Muhammadu Buhari) ने एक बार फिर देश के उच्च पद पर एक ऐसे शख्स को बिठा दिया, जिसकी 2 महीने पहले ही मौत हो चुकी थी. इससे पहले भी बुखारी पांच बार मृत लोगों को बड़े पदों पर बैठा चुके हैं.

देशों में सर्वोच्च पदों पर बैठे लोगों से भी कई बार गलतियां हो जाती हैं, खासकर जनता को संबोधित करते हुए बहुत से पीएम और प्रेसिडेंट को कई बार अजीबोगरीब बातें कहते सुना जाता है लेकिन नाइजीरिया के प्रेसिडेंट (Nigerian president) इन सबसे अलग माने जा सकते हैं. वे मरे हुए लोगों को ऊंचे पदों पर बैठाने के शौकीन माना जा सकते हैं. ऐसा छठवीं बार हुआ है कि प्रेसिडेंट मोहम्मद बुहारी ने किसी मृत को सरकारी पद दे दिया है.

एक वक्त पर खुद बुहारी के मारे जाने और उनके पद पर उनके क्लोन के काम करने की अफवाह उड़ चुकी है. बात साल 2018 की है. प्रेसिडेंट बुहारी 3 सालों से बीमार चल रहे थे और साल 2017 में वे 3 महीने की मेडिकल लीव पर भी थे. अगले ही साल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ये बात चल निकली के बुहारी नहीं रहे. यहां तक कि उनकी जगह सूडान मूल के एक बॉडी डबल ने ले ली है, जिसका स्थानीय नाम Jubril था. दावा किया जा रहा था कि बुहारी का चेहरा उनकी कद-काठी से मिलते-जुलते इस व्यक्ति में ट्रांसप्लांट कर दिया गया है. इस बात को सच्चा दिखाने के लिए कई हॉलीवुड फिल्मों का भी सहारा लिया गया कि कैसे चेहरा बदलकर कोई व्यक्ति देश के सर्वोच्च पद पर आ सकता है. यहां तक कि फिर खुद बुहारी को सामने आना पड़ा और जनता को बताना पड़ा कि वे जिंदा हैं और अच्छी सेहत में हैं.

एक वक्त पर खुद प्रेसिडेंट बुहारी के मारे जाने और उनके पद पर उनके क्लोन के काम करने की अफवाह उड़ चुकी है

अब 77 साल के बुहारी खुद अजीबगरीब काम कर रहे हैं. कभी सैन्य अधिकारी रह चुके बुहारी को धीरे-धीरे फैसले लेने के लिए Baba Go Slow नाम से भी जाना जाता है. जैसे साल 2015 में अपनी पहली केबिनेट को चुनने में इन्हें पूरे छह महीने लग गए थे. बुहारी को खुद के बारे में अंदाजा है कि लोग उन्हें क्या कहकर बुलाते हैं. इस बारे में सफाई देते हुए एक बार उन्होंने कहा था कि बाबा स्लो नहीं है, बल्कि सिस्टम स्लो है.हाल ही में इन्होंने देश के फेडरल कैरेक्टर कमीशन के लिए एक अधिकारी Tobias Chukwuemeka की नियुक्ति की, जबकि इस शख्स की मौत के बाद फरवरी में अंतिम संस्कार भी हो चुका है, जिसमें वे खुद भी शामिल हुए थे. प्रेसिडेंट को अपनी गलती का अहसास तब हुआ, जब पत्रकारों ने इस बारे में बताया. उन्होंने एक तरह से मजाक बनाते हुए कहा कि Tobias फिलहाल इस पद के लिए उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि 59 साल की उम्र में इसी फरवरी को उनकी मौत हो चुकी है.

सफाई में राष्ट्रपति ने कहा कि लंबे समय से इस पोस्ट के लिए आवेदनों की छंटाई हो रही थी और इसलिए ही ये गलती हो गई. उनकी मीडिया अधिकारी ने गलती के बारे में कहा कि Tobias इंटरव्यू के दौरान भी शामिल हो चुके थे. उनके आवेदन को फाइनल किया जा चुका था, इसी बीच उनकी मौत हो गई. अब नई नियुक्ति के लिए काबिल व्यक्ति की तलाश दोबारा शुरू हो चुकी है.

सैन्य शासक रह चुके बुहारी को धीरे-धीरे फैसले लेने के लिए Baba Go Slow नाम से भी जाना जाता है

बता दें कि नाइजीरिया के उम्रदराज राष्ट्रपति से ऐसी भूल पहली बार नहीं हुई है. साल 2017 में भी बुहारी ने एक के बाद एक लगातार 5 मृत लोगों को सरकारी पद दे दिए थे. इनमें से एक थे Francis Okpozo. मौत के एक साल बाद उन्हें नाइजीरियन प्रेस काउंसिल के चेयरमैन के पद पर बिठा दिया गया था. साथ ही 4 दूसरे लोगों को भी अहम सरकारी पद दिए गए थे, जिनका कई महीनों या सालभर पहले निधन हो चुका था. ये नाम थे- Donald Ugbaja, Ahmed Bunza, Christopher Utov और Kabir Umar. ये सारे ही नाम सरकार में अहम पदों पर काम कर चुके थे और मौत के बाद खुद प्रेसिडेंटन बुहारी ने उन्हें श्रद्धाजंलि दी थी, इसके बाद भी कैबिनेट में उन्हें चुना गया.

साल 1983 से लेकर 1985 के बीच देश के सैन्य शासक रह चुके बुहारी को साल 2015 में पहली बार राष्ट्रपति पद के लिए चुना गया. इसके बाद 2019 में भी नाइजीरिया की जनता ने उन्हें 3 मिलियन से भी ज्यादा वोटों से जिताया. हालांकि बुहारी की अजीबोगरीब गलतियां जब-तब लोगों के बीच उन्हें हंसी का पात्र बनाती रहती हैं. जैसे 2016 में उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का एक भाषण कॉपी करते देखा गया था. गलती सामने आने पर उनके स्टाफ को एंटी-प्लेजरिज्म ( anti-plagiarism) सॉफ्टवेयर दिया गया ताकि नकल की गलती दोबारा न हो.

ये भी देखें:

दक्षिण कोरिया और स्वीडन ने कैसे बगैर लॉकडाउन कर लिया कोरोना पर काबू

जानें चीन ने क्यों माना, कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में भारत की होगी अहम भूमिका

तो क्‍या इन ‘डेड पार्टिकल्‍स’ के कारण दोबारा पॉजिटिव पाए जा रहे हैं ठीक हो चुके कोरोना पेशेंट

जानें क्‍या ठीक हो चुके संक्रमित के शरीर में 70 दिन तक छुपकर बैठ सकता है कोरोना वायरस?

News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए नॉलेज से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.


First published: May 2, 2020, 10:29 AM IST



Source link

Related Articles

Back to top button