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लॉकडाउन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ऑडियो-वीडियो से जुड़े कारोबारी क्यों हो रहे हैं परेशान? – audio video industry social distancing played a big role in lockdown now industry are upset nodrss | business – News in Hindi

लॉकडाउन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ऑडियो-वीडियो से जुड़े कारोबारी क्यों हो रहे हैं परेशान?

ऑडियो-वीडियो कारोबार से जुड़े छोटे-मोटे कारोबारियों को इस लॉकडाउन ने कमर तोड़ दी है. फाइल फोटो.

भारत में ऑडियो-वीडियो कारोबार (Audio-Video Industry) की करें तो लॉकडाउन (Lockdown) ने इस सेक्टर को बड़ी क्षति पहुंचाई है. यह सेक्टर मुख्यतौर पर देश में ऑनलाइन वर्चुअल क्लासरुम, वर्चुअल ऑफिस और एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस को कनेक्ट करने में अहम रोल अदा करती है.

नई दिल्ली. लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान छोट-मोटे काराबारियों को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है. खासकर छोटे-मोटे कारोबारियों को इस लॉकडाउन ने कमर तोड़ दी है. अगर बात भारत में ऑडियो-वीडियो कारोबार की करें तो लॉकडाउन ने इस सेक्टर को बड़ी क्षति पहुंचाई है. यह सेक्टर मुख्यतौर पर देश में ऑनलाइन वर्चुअल क्लासरुम, वर्चुअल ऑफिस और एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस को कनेक्ट करने में अहम रोल अदा करती है. यह उद्योग लॉकडाउन के दौरान भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और वेब कास्टिंग सेवा के जरिए सोशल डिस्टेंसिंग में अहम रोल अदा किया, लेकिन इस कारोबार से जुड़े कारोबारी अब परेशान हो रहे हैं.

भारत में ऑडियो-वीडियो का कारोबार लगभगग 15 हजार करोड़ रुपये का
भारत में ऑडियो-वीडियो का कारोबार लगभगग 15 हजार करोड़ रुपये का है, लेकिन लॉकडाउन ने इस कारोबार को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. ऑडियो-वीडियो के क्षेत्र में कारोबार करने वाले मिडीटास इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर राकेश चौधरी न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहतें हैं, ‘लॉकडाउन के कारण हमारे जैसे हजारों छोटे-मोटे कारोबारी बर्बाद होने के कगार पर हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर डॉलर का भाव बढ़ते जा रहा है. जो सामान आज से 30-35 दिन पहले साढ़े सात हजार रुपये में खरीदते थे वह अब 8 हजार में मिल रहा है. लॉकडाउन की वजह से कंपनियों ने माल सप्लाई नहीं किया और वही कंपनियां उस प्रोडक्ट का रेट बढ़ा कर माल भेजने की बात कर रहा है. अब हमारे सामने दो तरह की चुनौती है. पहला, हमने जो मेहनत कर मार्केट तैयार किया है उसको बरकरार रखने के लिए घाटा सहें या फिर उस ऑर्डर को कैंसिल कर नए रेट में माल बेचें.’

चौधरी के मुतबिक, ‘भारत में इस कारोबार से जुड़े लगभग तीन हजार कंपनियां हैं. लगभग 5 लाख कर्मचारी इस सेक्टर से जुड़े हुए हैं. लॉकडाउन की वजह से इस उद्योग में फिलहाल 1 हजार करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है. हमारी सरकार से मांग है इसको एसेंसिएल वर्क के अंतगर्त लाया जाए, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग को और अच्छी तरह से पूरा करने में सरकार को मदद मिले. साथ ही जीएसटी के स्लैब में राहत दी जाए. ‘GST टैक्स स्लैब में फेरबदल करने की मांग
इस उद्योग से जुड़े लोगों की मांग है कि लॉकडाउन के कारण उनके  उद्योग-धंधे को जो नुकसान हो रहा है उसके लिए सरकार एक पैकेज की एलान करे. व्यापारी पर जो भारी GST का बोझ आने वाला है उसको कम किया जाए. लोग GST को भरने में फिलहाल असमर्थ हैं. कई कंपनियां बैंक करप्ट होने के कगार पर पहुंच गई है. सरकार को विशेष ध्यान देते हुए सप्लाई और इंस्टॉलेशन का काम करने के लिए ऑर्डर देना चाहिए.

देश ही नहीं दुनिया के कई देशों ने लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस और ऑनलाइन पढ़ाई की जा रही है. ये सभी भी इसी इंडस्ट्री से जुड़े लोग हैं. ऐसे में इससे जुड़े लोगों की मांग है कि इंडस्ट्री से ज़ुड़े लोगों को लॉकडाउन के दौरान भी काम करने की सुविधा मिले. चीन भी आपने यहां इस ऑनलाइन तकनीक का पूरा सहयोग लिया है. भारत को भी इस का पूरा सहयोग लेना चाहिए.

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First published: May 1, 2020, 2:03 PM IST



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