डेढ़ साल से खसरा ऑनलाइन नहीं होने की बात कही जा रही है इसके कारण कृषक परेशान
सबका संदेस न्यूज छत्तीसगढ़ सकरी- सकरी तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत बहतराई के किसान राजस्व विभाग की तकनिकी त्रुटियों के चलते जमीन की खरीदी-बिक्री नहीं कर पा रहे हैं। कई बार शासन से गुहार लगाने के बावजूद भी अघोषित रोक शासन द्वारा दूर नहीं की जा सकी है। इसके कारण डेढ़ साल से खसरा ऑनलाइन नहीं होने की बात कही जा रही है। इसके कारण कृषक परेशान होकर रह गए हैं।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वर्ष 2016 में सभी ग्रामों के कुल खसरे को आनलाइन करने की जिम्मेदारी पटवारियों को दी थी। इसके बाद पटवारियों ने अपने संबंधित हल्का नंबर के सभी खसरे का डाटा आनलाइन कर दिया था जो बाद में एनआइसी के माध्यम से लैंड रिकार्ड रायपुर में जाकर अपग्रेड हुआ और भुईंया सॉफ्टवेयर में प्रदर्शित होने लगा लेकिन तखतपुर तहसील की उपतहसील कार्यालय सकरी के अंतर्गत हल्का नंबर 40 बहतराई ग्राम में कृषि भूमि का बड़ा रकबा होने के कारण यहां तीन महाल नंबर में यहां के खसरा नंबर को विभाजित किया गया है। इससे से महाल नंबर दो एवं महाल नंबर तीन को तत्कालीन पटवारी द्वारा ऑनलाइन चढ़ा दिया गया था लेकिन महाल नंबर एक के खसरे का डॉटा ऑनलाइन एंट्री नहीं की गई और यहां से डॉटा नहीं जाने के कारण लैंड रिकार्ड में अपडेट नहीं है। इस बीच मैनुवल रजिस्ट्री होने के कारण लोगों का ध्यान इस ओर नहीं गया लेकिन छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विगत डेढ़ वर्ष पूर्व ही ऑनलाइन रजिस्ट्री की शुरूआत की गई इसके बाद रजिस्ट्री कार्यालय में सॉफ्टवेयर में आनलाइन खसरा नंबर दिखने के बाद ही जमीन की रजिस्ट्री होने लगी है। इस बीच बहतराई के महाल नंबर एक के किसान अपने जरूरत के अनुरूप अपनी जमीने बेचने एवं अन्य जमीन खरीदी के उद्देश्य से रजिस्ट्री कार्यालय पंजीयन कराने पहुंचे तब उनका खसरा नंबर ऑनलाइन नहीं दिखाने की बात कहकर वापस किया जाने लगा। तब इस बात की जानकारी महाल नंबर एक के किसानो को हुई। उन्होंने खसरा नंबरों को ऑनलाइन कराने कई बार पटवारी कार्यालय,तहसील कार्यालय सहित एसडीएम कार्यालय का च-र लगाया लेकिन विगत डेढ़ वर्ष से महाल नंबर एक को ऑनलाइन नहीं किया गया है। इससे बहतराई की जमीन की रजिस्ट्री पर अघोषित रोक लगी है इससे वहां के किसानों में आक्रोश व्याप्त है और अब आंदोलन करने की बात कह रहे हैं।
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