सुप्रीम कोर्ट ने कहा- भारत-नेपाल सीमा पर फंसे 1500 प्रवासी मजदूरों को उनके देश लौटने दिया जाए- 1500 migrant laborers stranded on Indo-Nepal border should be allowed to return to their country Supreme Court | nation – News in Hindi


भारत-नेपाल सीमा पर फंसे नेपाल के करीब 1500 प्रवासी मजदूर (प्रतीकात्मक तस्वीर)
कोविड-19 (Covid-19) महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के कारण ये श्रमिक सीमा पर फंसे हुए हैं और वे वापस अपने देश लौटना चाहते हैं.
न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस मामले की सुनवाई की और सालिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि इस संबंध में आवश्यक निर्देश प्राप्त करें. पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘इस मामले को मंगलवार, पांच मई को सूचीबद्ध किया जाये. इस दौरान, केन्द्र की ओर से पेश सालिसीटर जनरल तुषार मेहता इस मामले में आवश्यक निर्देश प्राप्त करेंगे.’
यह याचिका गंगा गिरि गोस्वामी ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के 20 अप्रैल के आदेश के खिलाफ दायर की है. उच्च न्यायालय ने कहा था कि नेपाली नागरिकों को राजनयिक चैनल के माध्यम से उनके देश वापस भेजने के लिये केन्द्र सरकार को कोई निर्देश नहीं दिया जा सकता क्योंकि ऐसा निर्देश देने का मतलब केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण होगा.
चंपावत जिले में फंसे करीब 1700 प्रवासीउच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि याचिकाकर्ता ने भी स्वीकार किया है कि कोविड-19 की वजह से नेपाल सरकार ने भी अपने यहां लॉकडाउन घोषित कर सकता है और किसी को भी नेपाल सीमा पार करने की अनुमति नहीं है. इस आदेश के खिलाफ दायर याचिका में गंगा गिरि गोस्वामी ने आरोप लगाया है कि भारत-नेपाल सीमा पर पिथौरागढ़ और चंपावत जिले में फंसे करीब 1700 प्रवासी श्रमिकों को राहत देने से उच्च न्यायालय ने गलत तरीके से इंकार किया है.
इस मामले में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोन्साल्विस ने कहा कि नेपाल की शीर्ष अदालत ने सात अप्रैल को नेपाल सरकार को निर्देश दिया था कि भारत की ओर फंसे उसके नागरिकों को सीमा पार करके देश में प्रवेश की अनुमति दी जाये.
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First published: April 30, 2020, 9:43 PM IST