IIT छात्रों ने इनट्यूबेशन बॉक्स बनाने के लिए शुरू किया क्राउडफंडिंग अभियान, 6 घंटे में जुटाए 50 हजार | IIT Guwahati students start crowdfunding campaign to make intubation boxes | nation – News in Hindi


IIT गुवाहाटी के छात्रों ने इनट्यूबेशन बॉक्स बनाने के लिए शुरू किया क्राउडफंडिंग अभियान
इनट्यूबेशन बॉक्स सरकारी अस्पतालों को मुहैया कराने के लिए एक क्राउडफंडिंग अभियान शुरू किया गया है. अभियान ने लॉन्चिंग के 6 घंटे के भीतर ही रिकॉर्ड 50,000 जमा किए गए हैं.
यह डिवाइस एक एरोसोल बाधा बॉक्स के रूम में कार्य करता है. इसे मरीज के बिस्तर के ऊपर रखा जाता है, जो रोगी से चिकित्सक तक वायरस के बूंदों के प्रवाह को सीमित करता है. इनट्यूबेशन मुंह के जरिए प्लास्टिक की नली को श्वास नली (ट्रैकिया) में पहुंचाए जाने की प्रक्रिया को कहा जाता है. यह इसलिए किया जाता है ताकि एनेस्थीसिया, दर्द निवारक दवा दिए जाने या गंभीर बीमारी के दौरान व्यक्ति को वेंटिलेटर पर रखा जा सके और उसे सांस लेने में दिक्कत न हो.
The team has started a crowdfunding campaign in order to manufacture these boxes and provide them to government hospitals for free. The campaign raised a record INR 50,000 within six hours of launching: IIT, Guwahati https://t.co/x1dqsQVa75
— ANI (@ANI) April 30, 2020
बॉक्स की कीमत होगी बहुत कम
आईआईटी गुवाहाटी की ओर से विकसित यह उपकरण एरोसॉल निरोधक बॉक्स है जिसे मरीज के बेड पर सिर की तरफ से रखा जा सकता है जिससे मरीज से विषाणु से भरी बूंदों के डॉक्टर तक पहुंचने की आशंका घटती है, खासकर नली डाले जाने के दौरान. अनुसंधानकर्ताओं की टीम के मुताबिक, डिजाइन का प्रारंभिक प्रारूप रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) में पूरा किया गया है और इस बॉक्स की अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) समेत बड़े कोविड-19 देखभाल केंद्रों में समीक्षा की जा रही है. यह वर्तमान में मौजूद बॉक्स की कीमत से काफी कम पर उपलब्ध होगा.
अस्थायी एक्रलिक फेस शील्ड, N-95 मास्क
बायोसाइंस विभाग के बीटेक छात्र, उमंग माथुर ने कहा, “पावर्ड एयर प्यूरिफाइंग रेस्पिरेटर (संक्रमित हवा से बचाने वाले उपकरण) और पूरी तरह बंद फेस मास्क जैसे निजी सुरक्षात्मक उपकरणों (पीपीई) के अभाव में, यह आवश्यक है कि अस्थायी एक्रलिक फेस शील्ड, एन95 मास्क और सर्जिकल रेस्पिरेटर के इस्तेमाल को स्वीकारा जाए और मरीज के मुंह और नाक से निकलने वाले एयरोसॉल को रोका जाए. इनट्यूबेशन बॉक्स मरीज के आसपास ही संक्रमण को सीमित रख यह बचाव सुनिश्चित करता है.’ उन्होंने कहा कि अन्य सुरक्षात्मक उपकरणों के उलट यह बॉक्स मरीज का इलाज कर रहे कई डॉक्टरों और नर्सों के लिए प्रभावी तरीके से काम करता है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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First published: April 30, 2020, 4:05 PM IST