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देश की टॉप 100 में से 27 कंपनियों के लिए वेतन खर्च का बोझ उठा पाना मुश्किल- Deloitte study27 of top 100 companies can not sustain current wage bill | business – News in Hindi

'लॉकडाउन से कमाई घटी तो देश की टॉप 27 कंपनियां नहीं दे पाएंगी सैलरी'

27 कंपनियों के लिए वर्तमान वेतन बरकरार रखना मुश्किल

डेलॉयट (Deloitte) की एक अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि आवाजाही पर देशव्यापी पाबंदी के चलते अगर इन कंपनियों की कमाई 30 फीसदी या उससे ज्यादा घटती है तो इनके लिये मौजूदा वेतन स्तर को बरकरार रखना मुश्किल होगा.

नई दिल्ली. परामर्श सेवा कंपनी डेलॉयट (Deloitte) की एक अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में दर्ज शीर्ष 100 कंपनियों में से 27 के लिए वर्तमान वेतन खर्च का बोझ उठा पाना मुश्किल होगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि आवाजाही पर देशव्यापी पाबंदी के चलते अगर इन कंपनियों की कमाई 30 फीसदी या उससे ज्यादा घटती है तो इनके लिये मौजूदा वेतन स्तर को बरकरार रखना मुश्किल होगा. देश में कोरोना वायरस से फैली महामारी (Coronavirus Pandemic) का संक्रमण रोकने के लिए 3 मई तक लॉकडाउन लागू है.

Deloitte ने कहा है कि इस समय हर क्षेत्र में सामान्य उपभोग कम हुआ है. ऐसे में कंपनियों को वेतन भुगतान करने की अपनी क्षमता का मूल्यांकन जरूर करना चाहिए. इस अध्यन में एनएसई में सूचीबद्ध बाजार-पूंजी की दृष्टि से शीर्ष 100 कंपनियों को लिया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 27 कंपनियां ऐसी हैं जो अगर उनकी आय 30 प्रतिशत या उससे ज्यादा गिरती है तो वे वेतन का वर्तमान खर्च नहीं उठा पाएंगी.

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रिपोर्ट में कहा गया है, यह असर वास्तव में इससे भी अधिक होगा. कारण यह है कि उनका पैसा इन्वेंट्री (गोदामों में पड़े माल) और दूसरों के पास पड़े बकायों में फंसा है. उपभोग में गिरावट की स्थिति में धन और अधिक फंसेगा. रिपोर्ट में किसी कंपनी का नाम नहीं लिया गया है. इसमें कहा गया है कि इन 27 में से 11 कंपनियों पर कर्ज का बोझ उनकी शेयर पूंजी के 100 फीसदी से ऊपर है. ऐसी स्थिति में वेतन चुकाने के लिए कर्ज लेने में भी मुश्किल होगी.अध्ययन में शामिल सभी कंपनियों के पास औसतन 5.5 माह तक के लिए अपने स्थायी परिचालन खर्चों, ब्याज और पारिश्रमिक देने भर को नकदी या नकदी समतूल्य संपत्तियां है. लेकिन 20 कंपनियां ऐसी है जिनके पास इन खर्चों के लिए 3 माह के लिए भी पर्याप्त नकदी नहीं है. लेकिन इसमें यह भी कहा गया है इसी नकदी से और भी देनदारियां चुकाई जानी है. ऐसे में अगर शेयरधारक चालू वित्त वर्ष में अपने निवेश का मूल्य बढ़ने (लाभांश) की अपेक्षा छोड़ भी दे तो भी इन कंपनियों में वेतन कटौती करना जरूरी होगा. इसमें कुछ कंपनियां बड़े आकार की हैं.

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डेलॉयट की रिपोर्ट में कंपनियों को वेतन भुगतान की अपनी क्षमता का आकलन अवश्य करने और इसके लिए कंपनी के परिचालन लाभ की तुलना में पारिश्रमिक लागत के अनुपात को देखना चाहिए. वेतन बिल की तुलना में परिचालन लाभ ऊंचा होना चाहिए. देश में 25 मार्च से कोराना पाबंदी लागू है और सरकार के वर्तमान आदेश के अनुसार यह फिलहाल 3 मई तक लागू रहेगी.

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First published: April 30, 2020, 8:57 AM IST



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