COVID-19: इंदौर में 39 संक्रमित ठीक होकर घर लौटे, बोले-ईश्वर स्वर्ग में ही नहीं इसी धरती पर….| 39 coronavirus infected patients recovered in Indore | indore – News in Hindi
इंदौर में 39 संक्रमित स्वस्थ होकर घर लौटे (प्रतीकात्मक फोटो)
अपना अनुभव साझा करते हुए एक स्वस्थ हो चुके मरीज कहते हैं- 14 अप्रैल को अरविन्दो अस्पताल में एडमिट किया गया. कोरोना पॉजिटिव (corona positive) होने से मैं घबरा गया था. लेकिन मेरा जिस तरह से इलाज किया गया वह तारीफ के काबिल है. वो इमोशनल हो कर कहते हैं ईश्वर इस धरती पर है यह साबित हो गया…
इमोशनल हो कर मेडिकल स्टाफ को कहा शुक्रिया
इंदौर के अरविदों और एमआरटीबी अस्पतालों से स्वस्थ होकर घर वापसी कर रहे लोगों ने उनको उपलब्ध कराये गए इलाज व सुविधाओं की सराहना की और इससे जुड़े सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया. कोरोना की महामारी को परास्त कर नया जीवन पाने वाले कैलाश लहरी बहुत खुश हैं. उनका कहना है कि ईश्वर स्वर्ग में ही नहीं इस धरती पर भी है. यह सिर्फ सुना था, लेकिन मैंने इसे खुद महसूस किया और देखा भी है. डॉक्टरों, नर्सों, अन्य स्टॉफ जिन्होंने मेरा इलाज किया वह ईश्वर तुल्य हैं. कैलाश लहरी ने बताया कि मुझे 14 अप्रैल को अरविन्दो अस्पताल में एडमिट किया गया. कोरोना पॉजिटिव होने से मैं घबरा गया था. लेकिन मेरा जिस तरह से इलाज किया गया वह तारीफ के काबिल है. वो इमोशनल हो कर कहते हैं ईश्वर इस धरती पर है यह साबित हो गया है.
नया जीवन मिलासुदामा नगर में रहने वाली श्रद्धा शर्मा ने भी कोरोना की जंग को जीता है. श्रद्धा शर्मा का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टरों, नर्सों, स्टॉफ ने मुझे नया जीवन देने में पूरे समर्पण भाव से इलाज और सेवा की है. उनकी मेहनत और देखभाल ने मुझे ठीक किया. श्रद्धा शर्मा ने चिकित्सकों, स्टॉफ के साथ ही शासन-प्रशासन का भी आभार व्यक्त किया है. कोरोना वायरस (COVID-19) से स्वस्थ होकर अस्पताल से बाहर निकले प्रवीण पोद्दार का कहना है कि जब मैं कोरोना पॉजिटिव पाया गया और अस्पताल आया तो बेहद डरा हुआ था. अस्पताल में भर्ती हुआ लेकिन पहले ही दिन अस्पताल और प्रशासन की व्यवस्थाओं को देख कर मुझे विश्वास था कि मैं ठीक होकर ही बाहर निकलूंगा. सभी डॉक्टरों, नर्स, अन्य स्टॉफ और प्रशासन का बेहद सहयोगात्मक रवैया रहा. वहीं सुरभि समाधिया ने बताया कि मेरा बहुत अच्छा ट्रीटमेंट हुआ. कोरोना से ठीक होकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. मुझे नया जीवन मिला है. आज मैं बहुत खुश हूं. 74 साल के मकमुद्दीन भी अपने घर की ओऱ रवाना होते हुए बोले कि ये उनका दूसरा जीवन लौटा है.
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First published: April 29, 2020, 10:49 PM IST