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कोटा से 400 छात्रों को घर लाई असम सरकार, CM नीतिश के फैसले को भी सराहा | 400 students from kota reached to assam health minister appreciates bihar cm nitish kumar decision covid 19 lockdown | nation – News in Hindi

कोटा से 400 छात्रों को घर लाई असम सरकार, CM नीतिश के फैसले को भी सराहा

कोटा से अपने-अपने राज्‍य जा रहे छात्र-छात्राएं.

बुधवार को असम (Assam) के हेल्‍थ मिनिस्‍टर हेमंत बिस्‍वा सरमा ने सीएनएन न्‍यूज18 से खास बातचीत में यह जानकारी दी.

नई दिल्‍ली. देश में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) को रोकने के लिए 3 मई तक लॉकडाउन (Lockdown) की घोषणा की गई है. ऐसे में कई छात्र राजस्‍थान के कोटा (Kota students) में फंसे हुए हैं. विभिन्‍न राज्‍यों के ये छात्र वहां कोचिंग पढ़ते हैं. इस बीच असम सरकार (Assam) कोटा में फंसे राज्य के करीब 400 छात्रों को बसों के जरिये वापस असम ले आई है. बुधवार को प्रदेश के हेल्‍थ मिनिस्‍टर हेमंत बिस्‍वा सरमा ने सीएनएन न्‍यूज18 से खास बातचीत में यह जानकारी दी. इसके साथ ही उन्‍होंने बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के छात्रों को अभी वापस ना लाने संबंधी फैसले की भी सराहना की.

हेमंत बिस्‍वा सरमा ने कहा, ‘हमने गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन किया. हमने केंद्रीय गृह सचिव से भी कोटा से अपने राज्‍य के छात्रों को वापस लाने संबंधी बात की और अनुमति ली. चूंकि कोटा रेड जोन के रूप में उभर रहा है, ऐसे में वहां फंसे छात्रों को बुलाने का फैसला लिया गया.’

 

उन्‍होंने कहा, ‘हमारे राज्‍य में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले कम हैं. साथ ही कोटा में हमारे राज्‍य के छात्रों की संख्‍या महज 400 है. ऐसे में उन्‍हें वहां से निकालना हमारे लिए आसान था. लेकिन इस दौरान बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले की भी सराहना करते हैं. क्‍योंकि बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले और कोटा में फंसे बिहार के छात्रों की संख्‍या अधिक है. नीतिश कुमार की चिंता जायज है. लेकिन असम का स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री होने के नाते हम अपने छात्रों की देखभाल कर रहे हैं. हम वही कर रहे हैं जो हमारे राज्‍य के लिए बेहतर है.’

राज्‍य के बाहर फंसे छात्रों को प्रवासी मजदूरों की तुलना में तवज्‍जो देने के सवाल पर सरमा ने कहा, ‘छात्र हमारा भविष्‍य हैं. उनकी उम्र कम है. हमारी प्राथमिकता राज्‍य के बाहर फंसे कैंसर और किडनी जैसे गंभीर रोगों के इलाज के लिए गए मरीजों को भी वापस लाने की है. हम केंद्र सरकार से यह आग्रह कर चुके हैं कि देश में उद्योगों को खोलने और मजदूरों के काम करने के संबंध में जल्‍द ही गाइडलाइंस जारी की जाए.’

नीतीश कुमार ने कहा था केंद्र जारी करे गाइडलाइंस
27 अप्रैल को कोरोना वायरस पर आयोजित प्रधानमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि राजस्थान के कोटा में कोचिंग संस्थान में बिहार के छात्र भी बडी़ संख्या में पढ़ते हैं. उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुरुप हम लोग लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं. गृह मंत्रालय द्वारा जारी केन्द्रीय आपदा कानून के अनुसार अन्तर्राजीय आवागमन पर प्रतिबंध है. उन्होंने कहा कि जब तक नियमों में संशोधन नहीं होगा तब तक किसी को भी वापस बुलाना नियम संगत नहीं है. नीतीश ने कहा कि केन्द्र सरकार इसके लिये आवश्यक दिशा निर्देश जारी करे.

यह भी पढ़ें: जानिए कौन है बिहार का ‘पेशेंट नंबर 31’ जिससे फैला COVID-19, 83 लोग संक्रमित

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First published: April 29, 2020, 5:13 PM IST



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