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Lockdown: गेहूं खरीद में प्रदेश की क्या है स्थिति, कौन सा जिला टॉप पर-कौन छूट रहा पीछे | Lockdown: What is the status of the state in purchasing wheat, which district is at the top – who was left behind | lucknow – News in Hindi

Lockdown: गेहूं खरीद में प्रदेश की क्या है स्थिति, कौन सा जिला टॉप पर-कौन छूट रहा पीछे

लॉकडाउन के दौरान गेंहू क्रय का कार्य जारी है

गेहूं खरीद में बरेली मण्डल अव्वल है तो मिर्जापुर मण्डल सबसे फिसड्डी है, प्रयागराज और वाराणसी मंडल की भी हालत गेंहू खरीद में काफी पिछड़ी है. किसानों का गेहूं 1925 रूपये प्रति क्विंटल के दर से सरकार खरीद रही है.

लखनऊ. कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण से बचाव के चलते लागू किए गए लॉकडाउन (Lockdown) से किसानों के सामने गेहूं को बेचने की बड़ी समस्या खड़ी हो गयी थी. कटाई से पहले ये उम्मीद धूमिल होती जा रही थी कि अनाज का क्या होगा लेकिन, स्थितियां बिगड़े इससे पहले ही इसे प्रदेश सरकार (UP Government) द्वारा संभाल लिया गया. 15 अप्रैल से अभी तक सरकारी मण्डियों में 45 लाख 49 हजार क्विंटल गेहूं की खरीद की जा चुकी है. 5 इन दिनों में साढ़े छः लाख क्विंटल हर रोज गेहूं की खरीद मण्डियों में सरकार कर रही है. पिछले साल की खरीद की तुलना में ये थोड़ा ही कम है. प्रदेश में 28 अप्रैल तक 5 हजार 6 सौ 23 केन्द्रों में कुल 80 हजार किसानों से सरकार ने गेहूं खरीदा है.

खरीद में कौन से मण्डल हैं पीछे
अभी तक हुई गेहूं खरीद में मिर्जापुर मण्डल सबसे फिसड्डी साबित हुआ है. यहां पिछले 13 दिनों में महज 1 लाख क्विंटल गेहूं की ही खरीद हो सकी है. हालांकि इस मण्डल में महज तीन ही जिले शामिल हैं. लेकिन हैरत की बात तो ये है कि 4 जिलों वाले प्रयागराज मण्डल की हालत भी इससे जुदा नहीं है. ये मण्डल फिसड्डी की लिस्ट में दूसरे स्थान पर है. चार जिलों वाले प्रयागराज मण्डल में अभी तक सिर्फ 1 लाख 12 हजार क्विंटल ही गेहूं की खरीद की जा सकी है. तीसरे स्थान पर कानपुर मण्डल है जिसकी दशा और भी दयनीय है. 6 जिलों वाले कानपुर मण्डल में महज 1 लाख 15 हजार क्विंटल ही गेहूं की खरीद हो सकी है. वाराणसी मण्डल में गेहूं खरीद की रफ्तार बहुत धीमी है. बम्पर पैदावार वाले इस मण्डल में अभी तक 1 लाख 43 हजार क्विंटल ही गेहूं की खरीद हो सकी है. ये आंकड़ा काफी निराशाजनक है. इस निराशा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गोरखपुर मण्डल में वाराणसी के मुकाबले दोगुनी खरीद की गयी है. अभी तक कुल 2 लाख 99 हजार क्विंटल. खरीद कम होने के मामले पर खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि अलग-अलग जिलों का लक्ष्य अलग-अलग होता है. ऐसे में जहां लक्ष्य कम होता है वहां खरीद भी कम होती है.

गेहूं खरीद में कौन सा मण्डल है टॉप परयूपी सरकार ने पिछले 13 दिनों में किसानों से गेहूं की खरीद कर पाने में अच्छी सफलता हासिल की है. 15 अप्रैल से खरीद शुरु की गयी थी. अभी तक लगभग 46 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद की जा सकी है. इसमें बरेली मण्डल सबसे आगे है. बरेली मण्डल के चारों जिलों में अभी तक जमकर किसानों से गेहूं खरीदा जा सका है. 9 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद के साथ बरेली मण्डल टॉप पर है. इसके बाद लखनऊ मण्डल का नंबर है. 6 जिलों वाले लखनऊ मण्डल में अभी तक 6 लाख 24 हजार क्विंटल गेहूं की खरीद की जा चुकी है. तीसरे नम्बर पर अलीगढ़ मण्डल है. चार जिलों वाले अलीगढ़ मण्डल में अभी तक 3 लाख 27 हजार क्विंटल गेहूं की खरीद हो सकी है.

पिछले साल इन्हीं दिनों में कितनी हो चुकी थी खरीददारी
साल 2019 में अप्रैल के महीने में कुल 77 लाख 41 हजार क्विंटल गेहूं की खरीद की गयी थी. इस साल अभी तक 45 लाख 50 हजार क्विंटल ही खरीद हो सकी है. यानि पिछले साल के मुकाबले रफ्तार तो धीमी है. हालांकि साल 2019 में खरीद 1 अप्रैल से ही शुरु हो गयी थी जबकि इस साल 15 अप्रैल से. खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि खरीद का आंकड़ा थोड़ा ही कम है. लॉकडाउन की वजह से किसानों को गेहूं बेचने के दूसरे माध्यम भी उपलब्ध हो गये हैं. मण्डियों में जो प्राइवेट पार्टी खरीद के लिए मौजूद होती थी वो किसानों से उनके पास से ही गेहूं की खरीद कर ले रहे हैं. फ्लोर मिल वाले भी खरीद कर ले रहे हैं. इस कारण थोड़ी सी आवक कम है लेकिन संतोषजनक है. उन्होंने ये भी बताया कि गांवों में अभी लेबर की भी समस्या है और लॉकडाउन की वजह से किसान भी कम आ रहे हैं. बता दें कि पिछले साल कुल 3 करोड़ 70 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद की गयी थी. इस साल ये लक्ष्य पूरा करने में सरकारी सिस्टम को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी.

खाद्य विभाग की चुनौतियां
गेहूं खरीद में खाद्य विभाग को सबसे बड़ी समस्या बोरों की आयी. कोलकाता से जूट के बोरे मंगाये जाते हैं जिसमें अनाज भरा जाता है लेकिन लॉकडाउन की वजह से बोरों की सप्लाई लगभग ठप हो गयी. फिर विभाग ने केंद्र की अनुमति से पुराने और प्लास्टिक के बोरों का इस्तेमाल शुरु किया. हालांकि अब तो ये समस्या खत्म हो गयी है लेकिन किसानों को मण्डी तक ले आना बढ़ाना ही होगा तभी लक्ष्य हासिल हो सकेगा. 5 करोड़ 50 लाख क्विंटल खरीद का लक्ष्य कैसे होगा हासिलइस साल सरकार ने 55 लाख मीट्रिक टन यानी 5 करोड़ 50 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा है. प्रदेश में खरीद जून तक जारी रहेगी. अभी तक हुई ये खरीद दस फीसदी भी नहीं पहुंच पायी है. ऐसे में खाद्य विभाग और जिला प्रशासन के अफसरों को पूरी ताकत लगानी होगी जिससे लक्ष्य हासिल किया जा सके. किसानों का गेहूं 1925 रूपये प्रति क्विंटल के दर से सरकार खरीद रही है.

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First published: April 28, 2020, 7:49 PM IST



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