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2 किलोमीटर तक बीमार पिता को ठेले पर लेकर दौड़ता रहा बेटा, पिता की हुई मौत – lockdown covid19 kota Son keeps running for 2 kilometers with sick father on cart father dies nodrss | kota – News in Hindi

2 किलोमीटर तक बीमार पिता को ठेले पर लेकर दौड़ता रहा बेटा, पिता की हुई मौत

राजस्थान के कोटा में कोरोना संक्रमण के बीच प्रशासन का अमानवीय पहलू सामने आया है.

मृतक के बेटे के कहना है कि बीमार पिता को एंबुलेंस (Ambulance) के लिए घंटों इंतजार किया फिर भी ऐंबुलेंस नहीं आई. किसी तरह जब अस्पताल (Hospital) पुहंचे तो अस्पताल प्रशासन की तरफ से भी घोर लापरवाही बरती गई.

कोटा. राजस्थान के कोटा (Kota) में कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के बीच प्रशासन का एक अमानवीय पहलू सामने आया है. एक बीमार पिता को बेटा करीब सवा दो किलोमीटर तक ठेले पर रखकर भागता रहा, लेकिन रास्ते में किसी ने मदद नहीं की. रास्ते में राजस्थान पुलिस की बैरिकेडिंग  भी सामने आई, लेकिन किसी पुलिस वाले ने भी कोई मदद नहीं किया. लाचार बेटा कभी पिता को संभालता तो कभी बैरिकेडिंग को खुद हटाता. इस दौरान पुलिसकर्मी भी उसे मिले लेकिन किसी ने उसकी कोई मदद नहीं की. अमानवीयता की पराकाष्ठा तो तब हुई जब एमबीएस अस्पताल पहुंचने के बाद चिकित्सकों ने एक कमरे से दूसरे कमरे में उसे दौड़ाना शुरू किया.

बेटे की मेहनत भी पिता को बचा न सका
मृतक का बेटा मनीष के मुताबिक, अस्पताल प्रशासन कभी 125 कमरे से 104 और तो कभी वहां के चिकित्सकों ने 125 नंबर कमरा से किसी और कमरे में भेजते रहे. अंत में 104 ओपीडी में भेजा जहां उनकी ईसीजी करने के बाद मृत घोषित कर दिया गया.

इमरजेंसी से ओपीडी तक दौड़ते रहे परिजन इस घटना को लेकर बेटे ने दर्द बयां करते हुए कहा है कि अपने बीमार पिता को एंबुलेंस भी नहीं दे पाए. इस मामले में अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही की बात सामने आई है. वहीं कई जगह रास्ते में बेरिकेट के पास मिले पुलिसकर्मियों ने भी नहीं की मदद नहीं की.

दरअसल रामपुरा फतेहगढी के हनुमान मंदिर के पास रहने वाले सतीश अग्रवाल बाथरूम जाते समय दमे के कारण अचेत होकर गिर गए. तभी उनकी पत्नी गायत्री व बेटे मनीष अग्रवाल ने 108 एम्बुलेंस को फोन किया. लेकिन, डेढ घंटे तक एम्बुलेंस के नहीं आने से उन्होंने पिता को उठाया और ठेले पर ही डालकर एमबीएस अस्पताल की और निकल गए. लेकीन कर्फ्यू के चलते उन्हें न तो कोई मदद मिल सकी और न ही वो आपने पिता की जान बचा सका. आखिर में जब एमबीएस अस्पताल में डॉक्टर्स तक पहुंचा तो पिता दम तोड़ चुके थे.

(इनपुट-भवानी सिंह)

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First published: April 28, 2020, 3:16 PM IST



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