COVID 19: जब नहीं मिलते अपनों के चार कंधे तो ये दूत आते हैं अंतिम सफर में साथ देने 9 muslim youth is doing last rituals of deads who suffered from corona nodss | bhopal – News in Hindi


संक्रमण का खतरा होने के बावजूद युवकों की ये टीम इस बात का पूरा ध्यान रखती है कि किसी की अंतिम यात्रा में कोई कमी न रह जाए. (सांकेतिक फोटो)
भोपाल में कोरोना (Corona) संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार के लिए नौ मुस्लिम युवाओं ने जिम्मा उठाया है. वे पूरे रीती रिवाज के साथ शवों का अंतिम संस्कार करते हैं.
जिम्मेदारी हमारी टीम की
टीम के प्रभारी मो. इफ्तेखार ने बताया कि कोरोना संदिग्ध या पीड़ित दोनों तरह के मरीजों की मौत के बाद ये हमारी जिम्मेदारी होती है कि इनका अंतिम संस्कार पूरे रीति रिवाजों के साथ हो. इफ्तेखान ने कहा कि संक्रमित शवों के साथ संक्रमण फैलने का खतरा रहता है. लेकिन हमारा फर्ज बड़ा है. उन्होंने कहा कि लोगों को हमसे उम्मीद रहती है और हम उस पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करते हैं.
रखते हैं पूरी सुरक्षाराजस्थान पत्रिका की एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि शव को लेने से पहले और बाद में शव वाहन को पूरी तरह से सैनेटाइज करते हैं. यहां तक की टीम के सभी साथियों को हर शव के मिलने से पहले ही नई पीपीई किट दी जाती है. इफ्तेखार के अनुसार हम अपनी तरफ से सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हैं और सभी मानकों का पालन करते हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक करीब 12 शवों का वे अंतिम संस्कार कर चुके हैं.
लोगों को समझाना बड़ा काम
इफ्तेखार के अनुसार कोरोना संक्रमित शवों को विशेष तरीके से पैक किया जाता है. इस दौरान ऐसी स्थिति भी आती है जब परिजन मृत व्यक्ति का चेहरा अंतिम बार देखने की जिद करने लगते हैं. उन्हें समझाना बड़ी चुनौती होता है. ऐसे में उन्हें संक्रमण की जानकारी देकर अंतिम संस्कार करना हमारे लिए आसान नहीं होता है. उन्होंने बताया कि मृतक के धर्म के अनुसार उसका अंतिम संस्कार किया जाता है. मुस्लिम को दफनाकर और हिंदू को अग्नि देकर रीतियों का पूरा ध्यान रखते हुए ये काम किया जाता है.
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First published: April 28, 2020, 7:13 AM IST