जमातियों की मदद के आरोपी निलंबित प्रो. मोहम्मद शाहिद पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने बिठाई जांच- Allahabad University has conducted a probe on accused of helping jamatis suspended proffessor Mohammad Shahid upas | allahabad – News in Hindi


इलाहाबाद यूनिवर्सिटी (फ़ाइल तस्वीर)
इलाहाबाद सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी (Allahabad Central University) के कुलपति ने 5 प्रोफेसरों की कमेटी को जांच सौंप दी है. इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद के निलंबन के बाद की कार्रवाई होगी.
5 प्रोफेसरों की टीम करेगी जांच
कुलपति प्रोफेसर आरआर तिवारी ने पांच प्रोफेसरों की कमेटी को जांच सौंप दी है. जांच रिपोर्ट कार्य परिषद की बैठक में रखी जायेगी. इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद के निलंबन के बाद की कार्रवाई होगी. बता दें प्रोफेसर मो शाहिद पर विदेशी जमातियों की मदद का आरोप लगा था. उनके खिलाफ महामारी छिपाने, विदेशी जमाती की मदद के साथ ही फारेनर्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. पुलिस ने 21 अप्रैल को प्रोफेसर और 16 विदेशी जमातियों समेत 30 लोगों को जेल भेजा था.
पुलिस रिपोर्ट के आधार पर निलंबनप्रोफेसर की गिरफ्तारी के बाद उन्हें जेल भेजे जाने की वजह से यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उन्हें निलंबित कर दिया था. यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने पुलिस रिपोर्ट के आधार पर प्रोफेसर को सस्पेंड करने का आदेश दिया था. जिसके बाद रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ला ने सस्पेंशन आर्डर जारी कर दिया.
प्रोफेसर शाहिद पर आरोप है कि उन्होंने जमात में शामिल होने के बाद भी जानकारी छिपाई थी. वे जमात से लौटने के बाद यूनिवर्सिटी भी गए थे और उन्होंने छात्रों की परीक्षा भी कराई थी. हालांकि कोरोना की जांच में प्रोफेसर शाहिद की रिपोर्ट निगेटिव आई थी. लेकिन जमात से लौटने की जानकारी प्रशासन से छिपाने और इंडोनेशिया से आए सात विदेशी जमातियों को प्रयागराज की एक मस्जिद में ठहराने के आरोप में उनके खिलाफ शिवकुटी थाने में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था.
इनपुट: सर्वेश दुबे
ये भी पढ़ें:
COVID-19: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रो. मोहम्मद शाहिद सस्पेंड…
यूपी में 30 जून तक हैंड सैनिटाइजर बेचने के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं
News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए इलाहाबाद से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.
First published: April 27, 2020, 3:57 PM IST