आजकल शाम होते ही आसमान में कौन सा ग्रह सबसे ज्यादा चमकता हुआ दिखता है।why venus planet seems most bright in sky | knowledge – News in Hindi
अगर आजकल आप आसमान में शाम को देखेंगे तो सबसे चमकदार बड़ा सा तारा पृथ्वी के बहुत करीब नजर आएगा. ये शुक्र है
अगर आप ध्यान से देखें तो शाम होते ही पश्चिम की ओर एक तारा सबसे ज्यादा चमकता हुआ नजर आता है. ये दूसरे तारों की तुलना में धरती से ज्यादा करीब और बड़ा भी लगता है. दरअसल ये तारा नहीं बल्कि शुक्र ग्रह है. जो इन दिनों आसमान में साफ नजर आ रहा है
सूरज के ढ़लने के बाद पश्चिम में सबसे चमकदार और सबसे बड़ा दिखलाई देने वाला तारा शु्क्र ग्रह ही है. उसे शाम का तारा भी कहा जाता है. चूंकि आजकल वातावरण एकदम साफ है, लिहाजा शुक्र की चमक भी कुछ ज्यादा ही नजर आ रही है.
सूरज और चांद के बाद सबसे चमकदार
चमक की द्रष्टि से सूर्य तथा चंद्रमा के बाद अगर कोई ग्रह, तारा या आकाशीय पिंड सबसे चमकदार है तो वो शुक्र है. अंधेरी रात में इसके प्रकाश के कारण वस्तुओं की हल्की छाया भी देखी जा सकती है. जिस प्रकार यह ग्रह शाम को सबसे पहले दिखाई देता है. उसी तरह सुबह पूर्व दिशा में सबसे बाद तक दिखाई देता हैं. इसे हम भोर का तारा भी कहते हैं.पाइथागोरस ने बताया था कि ये शुक्र यानी वीनस है
आदि काल में लोग इसे शाम को पश्चिम और सुबह पूर्व में दिखाई पड़ने के कारण दो अलग ग्रह मानते थे लेकिन वास्तव में ये एक ही है. इसे तब दो अलग नाम भी दिए गए थे. ये नाम थे – फास्फोरस तथा हैस्पैरस. बाद में गणितज्ञ पाइथागोरस ने 500 ईसा पूर्व ये पता लगा लिया कि ये दोनों तारे वास्तव में एक ही हैं. आप मानें या ना मानें इसकी जबरदस्त चमक विशेष अवस्थाओं में इसे धूप के समय भी दिखा देती है. शायद उसकी वजह ये भी है कि ये प्रकाश का अच्छा परावर्तक भी है.
कितनी है पृथ्वी से दूरी
पृथ्वी से इसकी दूरी करीब 40 करोड़ किलोमीटर है. अगर कोई 1000 किलोमीटर प्रति घंटे गति वाले किसी यान में भी चले तो शुक्र तक पहुंचने में उसको साढ़ें चार साल लग जाएंगे.
पृथ्वी और शुक्र में बहुत समानता
हमारी पृथ्वी और शुक्र में बहुत समानताएं हैं. शुक्र का व्यास लगभग बारह हजार किलोमीटर है. पृथ्वी का 12800 किलोमीटर. शुक्र और पृथ्वी की मा़त्रा का अनुपात चार और पांच का है. इसका घनत्व 5.1 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर है जो पृथ्वी के घनत्व से थोड़ा ही कम है. इसका घूर्णन अक्ष अपनी कक्षा से 23 डिग्री का कोण बनाता है जबकि पृथ्वी की अक्ष का झुकाव 23.5 डिग्री है. इसे पृथ्वी की जुड़वां बहन भी कहा जाता है.
शुक्र के चारों ओर घने बादलों का आवरण
शुक्र के चारों ओर तरफ घने बादलों का मोटा आवरण है जिसके कारण शक्तिशाली दूरबीन की मदद से भी इसकी वास्तविक सतह को देखना मुश्किल होता है. वैसे इस पर क्रेटर अच्छे-खासे हैं.
शुक्र का एक दिन कितना लंबा
शुक्र के एक दिन की लंबाई 243 दिन आंकी गई है. जबकि वो सूर्य की परिक्रमा 225 दिनों में पूरी करता है. शुक्र का कोई उपग्रह नहीं है. नीदरलैंड में हुए शोध बताते हैं कि शुक्र का एक शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र है. जब शुक्र सूर्य व पृथ्वी के बीच से होकर गुजरता है. तब उसका चुम्बकीय क्षेत्र सूर्य से पृथ्वी तक आने वाले आवेशयुक्त कणों पर अपना प्रभाव डालता है.
जितना सुंदर उतना ही रहस्यमय
शुक्र हमारे जितने पास है और जितना सुंदर दिखाई देता है उतना ही अधिक रहस्यमय भी है. इसीलिए शुक्र के बारे में केवल अनुमान ही लगाए जा सकते हैं. ये भी कहा जाता है कि ये हमारे सौर मंडल का सबसे गर्म ग्रह है. शुक्र का वायुमंडल मुख्यरूप से कॉर्बनडाइऑक्साइड CO2 से भरा हुआ है. सूरज की गर्मी इसमें प्रवेश तो करती है लेकिन निकल नहीं सकती. इस तरह से ये एक भट्टी का रूप ले लेती है. शुक्र की सतह का तापमान लगभग 462 डिग्री सेल्सियस रहता है.
ये भी पढ़ें :-
क्या कोविड 19 के लिए माओ त्से तुंग ज़िम्मेदार हैं?
कोरोना वायरस त्रासदी में क्या सच में मसीहा है माफिया?
घने बसे गरीब दक्षिण एशिया में कोविड 19 से क्यों सबसे कम हैं मौतें?
News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए नॉलेज से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.
First published: April 27, 2020, 3:51 PM IST