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लॉकडाउन के बाद उद्योग चलाने में आएगा बड़ा संकट, सरकार दे रिलीफ पैकेज:-अरविंदर सिंघ खुराना

भिलाई। उद्योगपति लॉकडाउन से संकट में थे ही अब सभी उद्योगपति बोल रहे है की लॉकडाउन के बाद उद्योग चलाने में बड़ा संकट है। उद्योग एक ऐसे मक़ाम पर है जहा पर मार्केट के सेंसेक्स काफ़ी निर्भर करते है और उद्योगों से काफ़ी छोटे व्यापारी भी निर्भर रहते है। अगर उद्योगपति की हालत खऱाब रहेगी तो मार्केट में छोटे व्यापारों को भी इस मंदी का सामना करना पड़ सकता है। बीएसपी ऐन्सिलेरी इंडस्ट्रीज एशोसिएशन के अध्यक्ष अरविन्दर सिंघ खुराना ने कहा की उद्योगों के लिए काफ़ी दिनों से माँगी जा रही थी कि उद्योगों के लिए रिलीफ़ पैकेज दिए जाए पर सरकार ने इस पर अभी तक अपना रुख़ साफ़ नही किया है।
सरकार से उद्योगों के लिए अगले तीन महीने के किसी भी प्रकार के कजऱ़् के ब्याज को माफ़ किया जाए। ब्याज को आगे बढ़ाना कोई समाधान नही है। इससे तो उद्योगों पे और ज्यादा दबाव आ गया है क्योंकि उद्योग जहां पर किसी प्रकार का माल बन के जा नही रहा कही से पेमेंट्स आ नही रही है तो उनकी तकलीफ़ बढ़ गयी है।
अब उद्योगों को एक और बड़ी समस्या का सामना करना पड़े रहा है की कई उद्योगों ने बड़े स्टील प्लांट्स के ऑर्डर पे सामग्री बनाई थी। उस पर अब लॉक डाउन को ज़रिया बना कर उन बड़े स्टील प्लांट ने उद्योगों के ऑर्डर कैन्सल करने का सोचा है। अगर ऑर्डर कैन्सल नही कराना है तो 30 से 40 प्रतिशत छूट माँगी। इससे उद्योगों पे भय का समय आ गया है क्योंकी ऑर्डर के कारण माल बना दिया गया है और अब बड़े प्लांट माल उठाने से मना कर रहे या 30 प्रतिशत छूट माँग रहे जो की उद्योगों पर दोहरी मार है।
अरविन्दर सिंघ खुराना ने केंद्र एवं राज्य सरकार से उद्योगों को बचाने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया है। उन्होंने माँग की है कि उद्योगों के किसी भी कजऱ़् के ब्याज से दो महीने की छूट दी जाए। उद्योगों को कम से कम एक साल के लिए ब्याज मुक्त लोन या बहुत ही नॉमिनल ब्याज पर लोन दे ताकि उद्योग चल सकें। बिजली बिल में दो महीने की पूरी तरह से छूट दी जाए।
बड़े स्टील प्लांट को चाहे वो सेल हो चाहे जिंदल हो या अन्य बड़े प्लांट हो उन्हें निर्देश दिए जाय की एमएसएमई के कोई भी ऑर्डर ना तो कैन्सल करें और ना तो कोई छूट माँगे। उद्योगों ने जिस रेट पे ऑर्डर लिए है और मैटीरियल बनाया है उस ऑर्डर पे ही माल लिया जाए। बहुत संकट से उद्योगपति जूझ रहे है, सभी उद्योगपति कह रहे है की लाकडाउन के बाद तो स्थिति और डरावनी सी लगती है। अगर सरकारों द्वारा जल्द उद्योगों की माँगो पर ध्यान नही दिया गया तो बहुत से उद्योग बंद जो जाएँगे एवं काफ़ी वर्कर बेरोजग़ार हो जाएँगे। जिससे बेरोजग़ारी बढ़ जाएगी।

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