छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

रविशंकर सिंह ने नंदिनी में फेरो एलॉय संयंत्र लगाने सांसद विजय बघेल को लिखा पत्र

भिलाई। कारखाना निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष रविशंकर सिंह ने जिले के सांसद विजय बघेल  को पत्र लिखकर भिलाई इस्पात संयंत्र की कैप्टिव लाइम स्टोन माइंस नंदिनी में  के द्वारा स्वीकृत फेरो एलॉय संयंत्र एवं नान रिकवर कोक ओवन बैटरी संयंत्र के  निर्माण एंव भिलाई इस्पात संयंत्र के द्वारा नीति आयोग दिल्ली को अपने स्वामित्व की 3500 एकड़ जमीन की उपलब्धता नंदिनी में होने के संबंध में  जानकारी दी है। श्री सिंह ने कहा कि इस्पात निर्माण में चुने पत्थर की आपूर्ति हेतु नंदिनी माइंस एंव क्रसिंग प्लांट का निर्माण हुआ जिसमें 5 हजार अधिकारी कर्मचारी एंव मजदूर के आने  से नदिनी नगर अस्तित्व में आया धीरे-धीरे अधिकारी एवं कर्मचारियों मजदूरों की संख्या 340 के आस पास रह गई है जिससे नगर से पलायन हुआ। 2006 से नंदिनी में नए संयंत्रों की मांग करते हुए प्रयास कर रहे है। परिणाम स्वरूप नंदिनी में सेल एवं मोइल के संयुक्त उपक्रम फेरो अलांय संयंत्र लगाने हेतु सेल मोइल फेरो एलाय प्राइवेट लि. कंपनी निगमित हुई नंदिनी में स्थल का चयन हुआ। संयंत्र निर्माण हेतु पर्यावरण मंजूरी हेतु जन सुनवाई हुई 23 मार्च 2011 को पर्यावरण मं़त्रालय की मंजूरी मिली उम्मीद थी कि यहॉ जल्द ही फेरो एलॉय संयंत्र लगेगा।
सेल और स्टील इंडस्ट्री के उत्पन्न आर्थिक संकट की वजह से फेरो एलॉय संयंत्र एवं नान रिकवर कोक ओवन बैटरी संयंत्र का निर्माण कार्य प्रारंभ नही हुआ एवं 24 दिसम्बर 2013 को सेल मोइल के साथ आर आई एन एल (विशाखापट्नम) को शामिल कर 600 करोड़ की लागत से नंदिनी में फेरो एलॉय संयंत्र लगाने का निर्णय हुआ साथ ही 550 करोड़ की लागत से नंदिनी में नान रिकवर कोक ओवन बैटरी संयंत्र लगाने का निर्णय हुआ हैं जिसकी निविदा भी जारी हुई परन्तु अभी तक दोनों संयंत्रों का निर्माण कार्य प्रारंभ नही हुआ हैं। कोक ओवन संयंत्र  के बनने से महत्वपूर्ण विदेशी मुद्रा में बचत होती सेल के खनिज अयस्क की लागत में लगभग 50 प्रतिशत विदेशी कोल खनिज का इस्तेमाल किया जाता है नंदिनी में संयंत्र लगने से इसमें कमी आती और सेल को मुनाफा होता। वर्तमान में नीति आयोग दिल्ली के द्वारा देश के सभी सार्वजनिक उपक्रमों के रिक्त पड़ी औद्योगिक भूमि के संबंध में जानकारी मांगी गई थी। भिलाई इस्पात संयंत्र ने नंदिनी में अपने कैप्टिव माइंस नंदिनी में 3500 एकड़ रिक्त औद्योगिक भूखण्ड की जानकारी नीति आयोग को प्रस्तुत की है । नीति आयोग के द्वारा भूखण्ड की जानकारी मांगने का स्पष्ट आशय है कि इस रिक्त भूमि पर बड़े उद्योग लगाने का मार्ग प्रशस्त हो सके। नंदिनी माइंस भिलाई से 18 किलोमीटर की दूरी पर है। यहॉ खनिज आधारित बड़े एंव छोटे कृषि आधारित संयंत्र संचालित है, 3500 एकड़ का औद्योगिक भूखण्ड़ दुर्ग जिले में और कही नही है। वर्तमान समय में कोरोना संकट की वजह से उद्योग जगत में भारी गिरावट आई है। पिछले वर्ष केन्द्र सरकार ने टेैक्स को घटाकर 25.17 फीसदी कर दिया था। वही नई फैक्ट्ररिया लगाने वालों के लिए ये टैक्स घटकर 17 फीसदी पर ला दिया गया है, यह टैक्स दक्षिण पूर्व एशिया में सबसे कम है।  संयंत्र स्वीकृत होने के बाद भी नंदिनी क्षेत्र में दोनों संयंत्र अभी तक लंबित है। संयंत्र के आने से स्थानीय स्तर पर रोजगार व्यवसाय के अवसर के साथ क्षेत्र से हो रहा पलायन रूकेगा। नगर एवं क्षेत्र की आर्थिक एंव सामाजिक उन्नति होगी।

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