निगम क्षेत्र की तालाबों को नहर से भरे जाने से बढ़ा भिलाईतीन चरोदा क्षेत्र में भूजल का स्तर
भूजल पर निर्भर भिलाई-चरोदा की जनता को मिली राहत
भिलाई । निगम क्षेत्र के तालाबों को नहर से भरे जाने का सिलसिला शुरू होते ही भूजल के स्तर में तेजी से इजाफा होने लगा है। जिसके कारण निस्तारी से लेकर पीने के पानी के लिए पूरी तरह से भूजल स्रोत पर निर्भर भिलाई-चरोदा की जनता को राहत मिलने लगी है। नलों की धार तेज हो जाने से लोगों को जरुरत के मुताबिक पानी मिलने लगी है।
भिलाई-चरोदा निगम क्षेत्र की तालाबों को तांदुला शाखा नहर के माध्यम से भरने का काम शुरू हो गया है। भिलाई-3 की टप्पा तालब के साथ ग्रामीण वार्डों के प्रमुख तालाबों को भरे जाने से निस्तारी के साथ ही लोगों को हो रही पीने के पानी की दिक्कत काफी हद तक कम हो गई है। तांदुला मुख्य नहर में 20 अप्रैल को पानी आ चुका था। डबरापारा के पास से निकली शाखा नहर पर पानी छोड़े जाने के बाद निगम क्षेत्र के चरोदा बस्ती, रेलवे कालोनी, सिरसा कला, देवबलोदा, उरला सहित भिलाई-3 के टप्पा तालाब को भरने काम चल रहा है। इसके अलावा गनियारी, मोरिद, सोमनी, हथखोज, अकलोरडीह, जरवाय, उमदा के तालाबों को भी भरने का काम जारी है। आने वाले दिनों में भिलाई-3 के सबसे बड़े गतवा तालाब को भी भरा जाएगा।
फिलहाल निगम क्षेत्र के आधे से भी अधिक तालाबों के भरे जाने के बाद पेयजल को लेकर हो रही दिक्कतें दूर होने लगी है। नलों की धार मोटी हो जाने से गर्मी के इस मौसम में लोगों को जरुरत के अनुरुप पानी मिलने लगा है। ग्रामीण वार्डों की अच्छी खासी आबादी की निस्तारी तालाबों के माध्यम से ही होती है। नहर के जरिए तालाब भर जाने से लोगों को निस्तारी में काफी सहुलियत हो रही है।
गौरतलब रहे कि भिलाई-चरोदा निगम क्षेत्र की पूरी जलापूर्ति व्यवस्था भूजल स्रोत पर निर्भर है। कोरोना महामारी के चलते घोषित लॉकडाउन ने खारुन नदी के पानी से जल आवर्धन योजना को साकार करने की कवायद को अंतिम चरण में रोक दिया। तालाबों के जल स्तर में गर्मी बढऩे के साथ आ रही गिरावट की वजह से भूजल स्रोत से जलापूर्ति व्यवस्था चरमराने लगी थी। भिलाई-3 चरोदा शहरी क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में निगम का अमला टेंकर के माध्यम से जलापूर्ति करने लगा था। नलों की धार पतली हो जाने से पीने के पानीको लेकर आपसी विवाद भी पनप रहा था। लेकिन नहरों के माध्यम से तालाब भरने का काम शुरू होते ही भूजल स्तर में इजाफा होना जल संकट से जूझ रही एक लाख की आबादी के लिए राहत भरा साबित हो रहा है। नहर में पानी छोड़े जाने के साथ आसपास के भूमिगत बोर, नलकूप और कुंओं में जल स्तर बढऩे से भी लोगों को राहत मिली है।
जीवनदायिनी है भिलाई-3 का टप्पा तालाब
भिलाई-3 में पुराने थाना भवन के पीछे स्थित टप्पा तालाब को जीवन दायिनी माना जाता है। दरअसल यह तालाब शहर के भूतल से काफी उंचाई पर है। लिहाजा इस तालाब में पानी भरे रहने से भिलाई-3 के अनेक वार्डो का भूजल का स्तर उंचा बना रहता है। निगम अमला भी इस कोशिश में लगा रहता है कि टप्पा तालाब हमेशा भरा रहे। इस बार भी नहर खुलते ही निगम ने प्राथमिकता के साथ टप्पा तालाब को पानी से लबालब कर दिया है। इसके साथ ही शहर के अनेक वार्डों का भूजल स्तर बढऩे से निजी व सार्वजनिक बोर में पानी पहले से अधिक निकलने लगा है।