जानिए क्या है ग्राम स्वामित्व योजना, जिससे मिनटों में हल होंगे जमीनी विवाद – Know what is the swamitva yojana, so that the ground disputes hanging for 20 years will be resolved in minutes | nation – News in Hindi
पंचायती राज दिवस के मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सरपंचों से बात करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.
स्वामित्व योजना के तहत पंचायती राज मंत्रालय, राज्य राजस्व विभागों और भारतीय सर्वेक्षण मंत्रालय के सहयोग से ड्रोन सहित नवीनतम सर्वेक्षण विधियों का उपयोग करके ग्रामीण आबादी क्षेत्र में निवासियों की भूमि का सीमांकन किया जाएगा.
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामित्व योजना का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि स्वामित्व योजना सभी ग्राम पंचायतों के डिजिटाइजेशन की ओर बढ़ाया गया कदम है. इससे ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता बढ़ेंगी और रिकॉर्ड रखना आसान होगा. आइए जानते हैं कि आखिर स्वामित्व योजना क्या है और इससे किस तरह का लाभ होता है.
स्वामित्व योजना भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए काफी लाभकारी है. इस योजना से एकीकृत संपत्ति का सत्यापन काफी आसान हो जाएगा. स्वामित्व योजना के तहत पंचायती राज मंत्रालय, राज्य राजस्व विभागों और भारतीय सर्वेक्षण मंत्रालय के सहयोग से ड्रोन सहित नवीनतम सर्वेक्षण विधियों का उपयोग करके ग्रामीण आबादी क्षेत्र में निवासियों की भूमि का सीमांकन किया जाएगा. इसके माध्यम से हर साल पंचायती राज मंत्रालय सेवाओं और सार्वजनिक वस्तुओं के वितरण में सुधार के लिए अच्छे काम को मान्यता देने के लिए पंचायतों के प्रोत्साहन के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली पंचायत को पुरस्कृत करता रहा है.
स्वामित्व योजना से मिलने वाला लाभ1- किसी भी प्रकार के स्वामित्व के रिकॉर्ड की अनुपस्थिति या आबादी की भूमि के कब्जे, जल निकासी या सीमा वाले झगड़ों को हल करने में आसानी होगी.
2- अभी गांव के जमीनी विवाद को हल करने में 20 साल से भी अधिक का समय लग जाता है.
3- यह योजना ग्राम परिवारों को लोन और अन्य वित्तीय लाभों के लिए वित्तीय परिसंपत्तियों के रूप में अपने घरों का उपयोग करने के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों के संपत्ति अधिकारों का रिकॉर्ड प्रदान करने में सक्षम करेगा.
4- स्वामित्व योजना से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के प्रयासों को गति मिलेगी.
5- इस योजना के जरिए भारतीय सर्वेक्षण मंत्रालय ड्रोन के जरिए आबादी क्षेत्र को डेटाबेस बनाएगा, जिससे विकास योजनाओं को बनाने में लाभ होगा.
6- ग्रामीण क्षेत्रों में रिहायाी भूमि का सीमांकन करने में आसानी होगी साथ ही सभी ग्रामीण संपत्तियों का भी नामांकन किया जा सकेगा.
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