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लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था पर गहराया संकट, 40 साल में पहली बार मंदी का खतरा: रिपोर्ट – Axis bank report indian economy may step into recession for the 1st time in 40 years know in detail | business – News in Hindi

लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था पर गहराया संकट, 40 साल में पहली बार मंदी का खतरा: रिपोर्ट

40 साल में पहली बार भारत में मंदी आ सकती है.

प्राइवेट सेक्टर के एक्सिस बैंक (Axis Bank) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि लॉकडाउन बढ़ने की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था बीते 40 साल में पहली बार आर्थिक मंदी (Recession) के दौर में जा सकती है. हालांकि, इस रिपोर्ट में कहा ​गया कि कृषि सेक्टर पर लॉकडाउन का असर नहीं पड़ेगा.

नई दिल्ली. एक्सिस बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट (Axis Bank Report) में कहा है कि पिछले 40 साल में पहली बार भारत में आर्थिक मंदी (Recession) आ सकती है. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) को रोकने के लिए देशभर में 24 मार्च से ही लॉकडाउन है. इस रिपोर्ट में कहा गया कि मंदी के कारण भारत की GDP लुढ़ककर 1.7 फीसदी हो जाएगी. GDP में यह बड़ी गिरावट मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेड ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन सेक्टर के ठप पड़ने की वजह से होगी.

कृषि क्षेत्र पर कोरोना का असर नहीं
एक्सिस बैंक (Axis Bank) की इस रिपोर्ट में कहा गया, ‘पूरे साल अगर किसी एक सेक्टर में कोई गिरावट नहीं देखने को मिलेगी तो वो कृषि सेक्टर है. कुछ हद तक फाइनेंस एंड बिजनेस सेवाओं का सेक्टर भी कोविड-19 से अछूता रहेगा.’

यह भी पढ़ें: सरकारी कर्मचारियों के बढ़े हुए डीए पर लगी रोक, जुलाई 2021 तक करना होगा इंतजारक्या है CII का कहना?
बता दें कि कई ​अन्य रिपोर्ट्स में कहा गया है कि लॉकडाउन की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को बड़ा धक्का लगने वाला है. कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) ने कहा कि वित्त वर्ष 2021 के लिए GDP -0.9 फीसदी के स्तर तक पहुंच सकती है. हालांकि, CII ने यह भी कहा कि अगर परिस्थिति कुछ अ​नूकुल रहती है तो यह 1.5 फीसदी के स्तर पर ही रहेगी.

सप्लाई बेहतर रही तो रिकवरी की बढ़ेगी उम्मीद
एक्सिस बैंक के पृथ्वीराज श्रीनिवास ने कहा कि यह गिरावट जून 2020 तिमाही की तुलना में होगा लेकिन यह कना मुश्किल है कि किस स्तर तक अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी. रिपोर्ट में कहा गया, ‘अगर जून तिमाही में -10 से 15 फीसदी के स्टार्टिंग प्वाइंट को लिया जाए तो साल दर साल के आधर पर 4 से 5 फीसदी की ही रिकवरी दिखती है. ऐसे में ​पूरे साल में शायदी ही कोई ग्रोथ दिखाई दे. हालांकि, बेस केस में, अगर सप्लाई ठीक रहती है तो डिमांड बढ़ता है तो जून के बाद ​से रिकवरी देखने को मिल सकती है.यही कारण है कि हम पिछले 40 साल में पहली बार भारत आर्थिक मंदी के दौर में पहुंच सकता है.’

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वैश्विक ग्रोथ भी 3 फीसदी तक लुढ़कने का अनुमान
आने वाली तिमाही में के दौरान सप्लाई की पर्याप्त व्यवस्था और मांग में तेजी की वजह से ही अर्थव्यवस्था में रिकवरी देखने को मिल सकती है. श्रीनिवास ने कहा कि ‘द ग्रेट लॉकडाउन’ की वजह से साल 2020 में वैश्विक ग्रोथ में 3 फीसदी की कमी आएगी.

उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपने अनुमान में भारत के लिए निगेटिव ग्रोथ का अनुमान नहीं लगाया है, लेकिन हमें लॉकडाउन के बढ़ने के बाद इसका अंदेशा है.

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First published: April 23, 2020, 6:37 PM IST



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