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इंटरनेट स्लो होने से ऑनलाइन क्लास लेने में आ रही थी दिक्कत, टीचर ने पेड़ पर ही बना लिया वर्कप्लेस | west bengal teacher set up his workspace on a tree to take online classes without network disruptions | nation – News in Hindi

इंटरनेट स्लो होने से ऑनलाइन क्लास लेने में आ रही थी दिक्कत, टीचर ने पेड़ पर ही बना लिया वर्कप्लेस

सुब्रत पति रोज सुबह 9:30 से शाम 6 बजे के बीच इतिहास के कई क्लासेज लेते हैं.

ये मामला बंगाल के बांकु़ड़ा जिले का है. सुब्रत पति (35) इतिहास के टीचर हैं और कोलकाता से करीब 200 किलोमीटर दूर स्थित अपने गांव अहंदा से छात्रों को पढ़ा रहे हैं.

कोलकाता. देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है. संक्रमितों को आंकड़ा 20 हजार पार कर गया है. कोरोना (Coronavirus) को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया है. इस महामारी में लोगों के बीच घर से काम करने का कल्चर शुरू हुआ है, जिससे इंटरनेट पर दबाव पड़ रहा है. इन सबके बीच पश्चिम बंगाल के एक टीचर ने इंटरनेट की समस्या का समाधान निकाला है. उनके घर में इंटरनेट की स्पीड अच्छी नहीं आ रही थी. लिहाजा उन्होंने घर के पास नीम के पेड़ पर ही अपना वर्कप्लेस बना लिया, ताकि खुले और ऊंची जगह पर इंटरनेट की स्पीड ठीक मिल सके. अब वह पेड़ पर बैठकर ही छात्रों को ऑनलाइन इतिहास पढ़ा रहे हैं.

ये मामला बंगाल के बांकु़ड़ा जिले का है. सुब्रत पति (35) इतिहास के टीचर हैं और कोलकाता से करीब 200 किलोमीटर दूर स्थित अपने गांव अहंदा से छात्रों को पढ़ा रहे हैं. दरअसल, लॉकडाउन के दो दिन पहले वो अपने गांव आए थे और यहीं फंस गए. वह कोलकाता के दो इंस्टीट्यूट में पढ़ाते हैं. पढ़ाने के दौरान कभी उनका मोबाइल फोन रुक जाता था तो कभी काम करने लगता. इससे क्लासेज लेने में दिक्कत हो रही थी.

न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में सुब्रत पति बताते हैं, ‘मुझे रोज सुबह 9:30 से शाम 6 बजे के बीच कई क्लासेज लेनी होती है. इंटरनेट की स्पीड कम होने से मैं बीच-बीच में ऑफलाइन हो जा रहा था. इससे पढ़ाने में दिक्कत आ रही थी. एक दिन मुझे ख्याल आया कि क्यों न नीम के पेड़ पर चढ़के देखा जाए, शायद इंटरनेट की स्पीड अच्छी आने लगे.’

सुब्रत आगे बताते हैं, ‘मेरा ये आइडिया काम कर गया. अब मैं हर रोज नीम के पेड़ पर चढ़ जाता हूं. मैंने शाखाओं के बीच बैठने के लिए एक मचान जैसा बना लिया है. यहां मुझे मोबाइल पर लगातार सिग्नल मिलते हैं. अब दिक्कत नहीं आती.’

वह बताते हैं, ‘जब लगातार क्लासेज लेनी होती है, तब मैं अपने साथ खाना और पानी भी लेकर पेड़ पर चढ़ जाता हूं. मौसम के कारण भले ही परेशानी होती हो लेकिन वह उससे पार पाने का प्रयास करते रहते हैं.’

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First published: April 23, 2020, 8:34 AM IST



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