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सुप्रीम कोर्ट ने फिर से कहा-50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण की इजाजत नहीं दी जा सकती -more than 50 percent reservation can not be allowed says supreme court | nation – News in Hindi

सुप्रीम कोर्ट ने फिर से कहा-50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण की इजाजत नहीं दी जा सकती

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सरकारों को चेताया कि भविष्य में कभी भी किसी समुदाय को 50 फीसदी से ज़्यादा आरक्षण ना दें.

नई दिल्ली. आंध्र प्रदेश के कुछ जिलों में अनुसूचित जनजातियों (scheduled tribe) को सौ फीसदी आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया है. लेकिन अब तक नौकरी पाए लोगों की हित को देखते हुए उन्हें नौकरी में बहाल रखने का आदेश दिया है. कोर्ट ने सरकारों को चेताया कि भविष्य में कभी भी किसी समुदाय को 50 फीसदी से ज़्यादा आरक्षण ना दें.

क्या है पूरा मामला?
दरअसल साल 2000 में आंध्र प्रदेश ने कुछ अनुसूचित जन जाति बहुल जिलों में टीचर के पोस्ट के लिए 100 फीसदी आरक्षण दिया था. आदेश के मुताबिक उन जिलों में सिर्फ अनुसूचित जन जाति के लोगों को ही टीचर की नौकरी मिलनी थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को रद्द कर दिया है.

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट नेकोर्ट ने कहा कि इससे आरक्षित वर्गों के अधिकारों का हनन हो रहा है. ऐसे में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने आंध्र प्रदेश के राज्यपाल द्वारा जारी किए गए सरकारी आदेश को रद्द कर दिया

पुराने फैसले को दोहराया
सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने फैसले के मुताबिक आरक्षण 50 फीसदी से ज़्यादा नहीं हो सकता. पीठ ने इंदिरा साहनी जजमेंट को भी दोहराया है, जिसके मुताबिक आरक्षण संवैधानिक रूप से वैध है अगर वे 50% से आगे नहीं जाते हैं. जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने 13 फरवरी को फैसला सुरक्षित रखा था कि अनुसूचित क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों के पदों में 100% आरक्षण अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के पक्ष में किया जा सकता है या नहीं.

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First published: April 23, 2020, 6:46 AM IST



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