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बागपत में गेहूं क्रय केंद्र पर घटतौली, कृषि उपनिदेशक ने खुद वजन कराया तो हुआ खुलासा- Ghatauli at the wheat purchasing center in Baghpat disclosed agriculture deputy director himself check weight upsr upas | baghpat – News in Hindi

बागपत में गेहूं क्रय केंद्र पर घटतौली, कृषि उपनिदेशक ने खुद वजन कराया तो हुआ खुलासा

बागपत में गेहूं क्रय केंद्र पर घटतौली पकड़ी गई है.

बागपत (Baghpat): घटतौली और गेहूं चोरी की सूचना पर उप कृषि निदेशक मौके पर पहुंचे. यहां उन्होंने जांच कराई तो गेहूं की चोरी गई बोरी क्रय केंद्र से बरामद हो गई. वहीं जब उन्होंने भरे जा रहे गेहूं की बोरी का वजन कराया तो सभी मे बोरियों में निर्धारित मात्रा से 3 से 7 किलो गेहूं ज्यादा पाया गया.

बागपत. उत्तर प्रदेश के बागपत (Baghpat) में किसानों की खून पसीने की कमाई पर गेहूं क्रय केंद्र कर्मचारी डाका डाल रहे हैं. इसका खुलासा तब हुआ, जब यूपी एग्रो क्रय केंद्र पर घटतौली होती पाई गई. यही नहीं आरोप है कि यहां 50 किलो का एक गेहूं की बोरी भी किसानों की गायब कर ली गई. जानकारी लगते ही किसानों ने हंगामा कर दिया.

उपनिदेशक ने जांच की तो पकड़ी गई चोरी

घटतौली और गेहूं चोरी की सूचना पर उप कृषि निदेशक मौके पर पहुंचे. यहां उन्होंने जांच कराई तो गेहूं की चोरी गई बोरी क्रय केंद्र से बरामद हो गई. वहीं इस दौरान एक बात और देखने को मिली, जब कृषि उपनिदेशक ने भरे जा रहे गेहूं की बोरी का वजन कराया तो सभी मे बोरियों में निर्धारित मात्रा से 3 से 7 किलो गेहूं ज्यादा पाया गया. जिसका नुकसान किसानों को ही उठाना पड़ रहा था. इसके बाद कृषि उपनिदेशक ने क्रय केंद्र कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई और सही तरीके से गेहूं तौल करने को हिदायत दी.

तमाम चुनौतियों के बीच प्रदेश में शुरू हुई गेहूं खरीदबता दें प्रदेश भर में गेहूं की खरीद शुरू हो गई है. लेकिन इस दौरान किसानों को मुश्किलों का सामना भी करना पड़ रहा है. खाद्य एंव रसद विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते कोलकाता से जूट के बोरों की आपूर्ति बाधित होने के कारण क्रय केंद्रों पर कुछ परेशानी संभव है लेकिन करीब 20 प्रतिशत खरीद के लिए पर्याप्त बोरे जिला मुख्यालयों में उपलब्ध करा दिए गए हैं. अभी 55 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद के लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 2 प्रतिशत गेहूं खरीद हो सकी है. कानपुर व अन्य कई मंडलों में शुरुआती खरीद कम रहने के पीछे अफसर फसल की कटाई और मड़ाई में देरी को कारण मान रहे हैं.

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बड़ी चुनौती

वहीं लॉकडाउन के दौरान जन सेवा केंद्र व साइबर कैफे आदि बंद रहने से किसानों के सामने पंजीकरण कराने के साथ कागजात मिलान की समस्या बनी हुई है. नाम दर्ज कराने में मामूली गलती को सुधारने और गेहूं बिक्री की अनुमति लेने के लिए किसान को एसडीएम कार्यालय जाना होता है. मौजूदा विपरीत परिस्थितियों में एसडीएम कार्यालय जाना और अनुमति लाना आसान काम नहीं है.

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First published: April 22, 2020, 3:13 PM IST



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