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Reliance Jio और Facebook के बीच हुई Deal से डिजिटल लेनेदेन के साथ-साथ बदल सकती हैं ये चीजें – Reliance Jio And Facebook Deal Emphasizes Jio as Catalyst For India Digital Shift changed telecom sector | business – News in Hindi

नई दिल्ली. रिलायंस जियो (Reliance Jio) और फेसबुक (Facebook) डील का सीधा असर भारत के टेलीकॉम सेक्टर पर दिखाई देगा. इससे देश के करोड़ों किसान और व्यापारी ठीक उसी तरह जियोमार्ट से जुड़ सकेंगे जिस तरह वे अमेजन, फ्लिपकार्ट, ग्रोफर्स और बिगबास्केट के साथ जुड़े हैं. जियोमार्ट के जरिए बिजनेस कर रहे किसान व्हाट्सएप पेमेंट के जरिए पेमेंट ले और दे सकेंगे. जियोमार्ट पर डिजिटल पेमेंट के लिए व्हाट्सएप पेमेंट का इस्तेमाल होगा.

डिजिटल लेनेदेन के साथ बदल सकती हैं ये चीजें

किसी भी अन्य देश के मुकाबले व्हाट्सएप के भारत में अधिक यूजर्स तो हैं लेकिन कंपनी को अभी तक इस ऐप से कमाई नहीं हो रही है. अपनी कमाई के लिए व्हाट्सएप ने डिजिटल पेमेंट सर्विस व्हाट्सएप पे शुरू किया है लेकिन फिलहाल इसकी टेस्टिंग ही चल रही है. इस डील से व्हाट्सएप पेमेंट से कंपनी की कमाई का रास्ता साफ हो गया है.व्हाट्सएप ने साल 2018 में भारत में छोटे व्यापारियों की मदद के लिए व्हाट्सएप बिजनेस एप लॉन्च किया था. जियो के साथ पार्टनरशिप के बाद व्हाट्सएप के बिजनेस एप में भी कुछ बदलाव किए जा सकते हैं.

आपको बता दें कि दुनिया की दिग्गज सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक (Facebook) ने देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) में 43,574 करोड़ रुपये का निवेश किया है.MoneyControl की खबर के मुताबिक, रिलायंस लंबे समय से दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन-टू-ऑफलाइन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाने के लिए काम कर रही है. फिलहाल देश में 15,000 किराना स्टोर डिजिटाइज हुए हैं.

रिलायंस अपने हाई-स्पीड 4G नेटवर्क के जरिए कस्टमर्स को उनके आस-पास के किराना स्टोर्स से जोड़ेगा, जिससे ग्राहक घर बैठे किराना स्टोर से सामान मंगा सकें. अब JioMart वॉट्सऐप के साथ करेगी काम करोड़ों किराना दुकानदार जोड़ने में मिलेगी मदद.

रिलायंस के मुताबिक इस डील का फायदा भारत के 6 करोड़ माइक्रो, छोटे और मंझोले व्यवसायों, 12 करोड़ किसानों, 3 करोड़ छोटे दुकानदारों और इंफॉर्मल सेक्टर के लाखों छोटे और मंझोले व्यवसायों को होगा.

आपको बता दें कि ग्राहकों के लिहाज से रिलायंस जियो देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है. ट्राई के ताजा आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2019 तक रिलायंस जियो के पास 37 करोड़ ग्राहक थे.

मार्केट कैपटीलाइजेशन की बात करें तो जियो की पैरेंट कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज टॉप पर है. 2016 में शुरू हुई जियो का पूरा नेटवर्क 4जी पर आधारित है.

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जब तीन करोड़ छोटे दुकानदारों को इस नेटवर्क में शामिल किया जाएगा तो रिलायंस मार्ट का सामान गांव-गांव तक आसानी से पहुंचेगा.

ये दुकानें उनके लिए डिलिवरी प्वाइंट का काम करेगा. इसके तहत होगा यह कि कोई व्यक्ति वॉट्सऐप पर ऑर्डर देगा तो उसका जहां घर है, उसके पास के दुकानदार के पास तुरंत संदेश पहुंचेगा.

बस तुरंत उसके घर सामान पहुंचाने की व्यवस्था हो जाएगी. हां, इस चक्कर में पहले से स्थापित ई-कामर्स कंपनियों की बैंड बजना तय है.

रिलायंस के इस प्रयास से देश का इनफॉर्मल बाजार पूरी तरह से फॉर्मल हो जाएगा. रिलांयस का कहना है कि जब लोगों का ऑर्डर डिजिटल तरीके से लिया जाएगा तो भुगतान भी डिजिटल तरीके से होगा.

सरकार के तमाम प्रयासों से अभी तक अर्थव्यवस्था का यह हिस्सा डिजिटल नहीं हो पाया था. जब एक बार यह हिस्सा भी डिजिटल हो जाएगा तो सरकार की कर वसूली तो अपने आप बढ़ जाएगी.
रिलायंस के अधिकारी का कहना है कि फल, सब्जी एवं कुछ एग्री कमोडिटी के लिए रिलायंस सीधे किसानों से हाथ मिलाता है.

इससे बिचौलियों पर लगाम लगती है और क्वालिटी अपने हाथ में रहती है. जब नए इलाकों में रिलांयस मार्ट का प्रवेश होगा तो वहां के किसानों से भी समझौता होगा. इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी.

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(डिस्केलमर- न्यूज18 हिंदी, रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनी नेटवर्क18 मीडिया एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड का हिस्सा है. नेटवर्क18 मीडिया एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड का स्वामित्व रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास ही है.)



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