गर्मी तेज होते ही सतर्कता बरतने में जुटा रेलवे प्रशासन अल्ट्रा सोनिक मशीन से रेलवे करा रही है पटरियों की जांच
सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-
गर्मी तेज होते ही सतर्कता बरतने में जुटा रेलवे प्रशासन
अल्ट्रा सोनिक मशीन से रेलवे करा रही है पटरियों की जांच
भिलाई। गर्मी में तापमान बढ़ते ही रेलवे प्रशासन ने रेल फ्रेक्चर की घटनाओं पर अंकुश लगाने की कवायद शुरू कर दिया है। इसके लिए अल्ट्रा सोनिक फ्ला डिटेक्शन (यूएसएफडी) मशीन को पटरी पर दौड़ाया जा रहा है। यह मशीन रेल पटरियों की स्कैनिंग करते हुए अंदरुनी खामियों को सामने लाने का काम करती है।
तेज गर्मी में रेल पटरी टेढ़ी-मेढ़ी हो सकती है। दो रेल पटरियों में जोड़ पर गैप भी कम हो जाने की संभावना तापमान के साथ बढ़ जाती है। ऐसे में दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। अभी फिलहाल लॉकडाउन के चलते यात्री ट्रेनों के पहिए थमे हुए हैं। लेकिन मालगाडिय़ां ट्रेक खाली होने की वजह से सामान्य से तेज रफ्तार में आवाजाही कर रही है।
इस स्थिति में रेल पटरियों में फ्रेक्चर अथवा तेज तापमान के चलते अन्य खामियों की अनदेखी से मालगाडिय़ां दुर्घटना ग्रस्त हो सकती है। इस तरह की आशंका को टालने रेलवे प्रशासन ने रेल पटरियों की स्कैनिंग करने का काम तेज कर दिया है। इसके लिए अल्ट्रा सोनिक फ्ला डिटेक्शन मशीन का इस्तेमाल इंजीनियरिंग विभाग कर रही है। बताया जा रहा है कि भिलाई से दुर्ग के बीच प्रतिदिन चार से पांच किमी के दायरे में रेलवे ट्रेेक को अल्ट्रा सोनिक मशीन के माध्यम से जांचा जा रहा है। यह मशीन डबल रेल टेस्टर श्रेणी की है। मशीन को इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारी धक्के लगाते हुए पटरी पर चलते हैं। इस मशीन के द्वारा पटरी के अंदरुनी फ्रेक्चर का भी आसानी से पता लगाया जा सकता है। अल्ट्रा सोनिक मशीन से खराबी का पता चलते ही उसे दूर करने का काम समय रहते पूरा कर लिए जाने से दुर्घटना की संभावना को टालने में आसानी होती है।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि भिलाई में रेलवे का विस्तृत यार्ड क्षेत्र है। भिलाई इस्पात संयंत्र होने की वजह से मुख्य रेल मार्ग पर हमेशा मालगाडिय़ों का दबाव बना रहता है। फिलहाल कोरोना वारस के संक्रमण को रोकने लॉकडाउन घोषित है। इस लिहाज से भिलाई इस्पात संयंत्र के उत्पादन व निष्पादन में भी कमी आई है। जिसका असर रेल आवागमन पर पड़ा है। वही यात्री ट्रेनों पर अभी रोक लगी हुई है। बावजूद इसके सीमित संख्या मं चल रही मालगाडिय़ों को दुर्घटना से बचाने रेल पटरियों की खामियों को दूर करने रेलवे किसी तरह का समझौता करता नहीं दिख रहा है।
सर्वे व पेट्रोलिंग भी चल रही
गर्मी के तेवर बढ़ते ही रेल पटरी कहीं कहीं पर फैलने लगती है। इससे ट्रेनों के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी दुर्घटना न हो इसके लिए गैंगमेनों के माध्यम से सर्वे व पेट्रोलिंग कराया जा रहा है। स्लीपर व रेल पटरी को जोड़े रखने वाला चाबी सही स्थिति में है या नहीं इसे देखने गैंगमेन निश्चित दूरी तक पैदल चलते हैं। गर्मी के दिनों में अप्रैल के दूसरे सप्ताह से जून के प्रथम सप्ताह के बीच रेल पटरी को अधिक तापमान की वजह से विशेष निगरानी रखनी पड़ती है।
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