Greater Noida को नए साल से मिलेगा गंगाजल, खत्म हुआ 16 साल का इंतजार, जानिए प्लान Greater Noida will get Ganga water from the new year, the wait of 16 years is over, know the plan

ग्रेटर नोएडा. तमाम अड़चनों के बाद गंगाजल (Gangajal) पीने का ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) का 16 साल पुराना सपना अब सच होने जा रहा है. नए साल से नलों में गंगाजल की सप्लाई शुरू हो जाएगी. अब सिर्फ फाइनल टेस्टिंग का काम बाकी रह गया है. ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (Eastern Peripheral Expressway) की रुकावट को भी दूर कर लिया गया है. अच्छी बात यह है कि अब 6 की जगह 12 घंटे पानी की सप्लाई मिलेगी. इसी के चलते पानी की मात्रा भी बढ़ाई जा रही है. 2015 में शुरु होने वाली यह योजना जमीन अधिग्रहण समेत दूसरी वजहों से लेट होती चली गई. हाल ही में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी (Greater Noida Authority) के सीईओ नरेन्द्र भूषण ने सभी तैयारियों का जायजा लेकर इसे हरी झंडी दिखाने की तैयार कर ली है.
70 से 85 क्यूसेक हो जाएगी पानी की सप्लाई
गाजियाबाद के देहरा गांव से ग्रेटर नोएडा तक पाइप लाइन बिछाई गई है. इस लाइन से ग्रेटर नोएडा तक 51.9 क्यूसेक गंगाजल लाया जाएगा. अफसरों का कहना है कि अभी शुरुआत में कुछ सेक्टर और गांवों से गंगाजल पिलाने की शुरुआत की जाएगी. हालांकि पानी की यह मात्रा बाद में बढ़कर 85 क्यूसेक तक पहुंच जाएगी. अभी तक ग्रेटर नोएडा में 70 क्यूसेक ग्राउंड वॉटर की सप्लाई हो रही है. लेकिन पीने में यह पानी खारा है.लेकिन गंगाजल योजना के तहत 85 क्यूसेक गंगाजल की सप्लाई की जाएगी. गंगाजल को ट्रीट करने के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाए गए हैं. पहला ट्रीटमेंट प्लांट देहरा से 11 किलोमीटर दूर. दूसरा वहां से 18 किलोमीटर दूर पल्ला में बनाया गया है. इसी रास्ते से होकर ग्रेनो के मास्टर रिजर्व वायर तक गंगाजल लाया जाएगा. फिर यहां से सप्लाई के लिए बने रिजर्व वायर तक पानी पहुंचाया जाएगा. आखिर में ओवरहेड टैंक के जरिए पूरे ग्रेनो में गंगाजल की सप्लाई की जाएगी. देहरा प्लांट से तो अक्टूबर में ही पानी की टेस्टिंग शुरू हो चुकी है. अब सिर्फ फाइनल टेस्टिंग का काम बाकी रह गया है.2005 में गंगाजल परियोजना की घोषणा हुई. 2015 में गंगाजल ग्रेनो तक पहुंचाने का पहला लक्ष्य रखा गया. 2017 के बाद से इस परियोजना के काम में तेजी आई. फरवरी 2019 में दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन के नीचे काम करने की अनुमति मिली. जुलाई 2019 में एनटीपीसी दादरी से मिली अनुमति मिली. वहीं इसी साल जून 2021 में वन विभाग ने भी काम करने की अनुमति दे दी. सितंबर 2021 में आईओसीएल से पाइप लाइन डालने की अनुमति मिली. अक्तूबर 2021 में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के नीचे से लाइन डालने की अनुमति दी गई.