कोरोना संक्रमण पर चौंकाने वाला शोध, जहां अधिक वायु प्रदूषण, वहां अधिक मौतें | air pollution related to coronavirus deaths research reveals | nation – News in Hindi


वायु प्रदूषण और कोरोना से हो रही मौतों के बीच संबंध की आशंका.
साइंस ऑफ द टोटल एनवायरमेंट जर्नल में प्रकाशित हुआ है नया शोध. शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस (Coronavirus) से हो रही मौतों और वायु प्रदूषण (Air Pollution) के बीच संबंध होने की आशंका जताई है.
नाइट्रोजन डाईऑक्साइड है खतरनाक
साइंस ऑफ द टोटल एनवायरमेंट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक नए शोध में यह पाया गया है कि हवा में मौजूद प्रदूषक तत्व नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का संबंध कोरोना वायरस से हो रही मौतों से हो सकता है. यह प्रदूषण तत्व शरीर में श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाता है.
प्रदूषण से है कोरोना मौतों का संबंधजर्मनी की मार्टिन लूथर यूनिवर्सिटी (एमएलयू) के शोधकर्ताओं ने कहा कि इस अध्ययन से यह जाहिर होता है कि उन क्षेत्रों में उल्लेखनीय तौर पर ज्यादा मौतें हो रही हैं, जहां स्थायी तौर पर प्रदूषण उच्च स्तर पर रहता है. नाइट्रोजन डाइऑक्साइड कई तरह की श्वसन समस्याओं और हृदय रोग का कारक बनता है.
एमएलयू के शोधकर्ता यैरों ओगेन ने कहा, ‘कोरोना वायरस भी श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है. ऐसे में यह बात मानना उचित है कि वायु प्रदूषण और कोरोना वायरस संक्रमण से हो रही मौतों के बीच संबंध हो सकता है.’
सैटेलाइट से जुटाए डाटा पर शोध
इस शोध के लिए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के सेंटनल 5पी सैटेलाइट की मदद से नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के स्तरों के आंकड़ों को जुटाया गया. ओगेन ने बताया, ‘हमने यूरोप में महामारी की शुरुआत होने से पहले यानी जनवरी और फरवरी के डाटा पर गौर किया. इसमें ज्यादा मौत वाले क्षेत्रों में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का उच्च स्तर पाया गया. उत्तरी इटली, मैड्रिड के आसपास के इलाकों और मध्य चीन के हुबेई प्रांत में सामान हालात पाए गए. ये क्षेत्र पहाड़ों से घिरे हुए हैं. ऐसे में इन स्थानों पर वायु स्थिर और वायु प्रदूषण का स्तर उच्च हो सकता है.’
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First published: April 21, 2020, 4:05 PM IST