Lockdown: स्कूल बंद रहने तक परिवहन शुल्क वसूला तो खैर नहीं- डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा| Educational institutions will not charge transportation fee until school is closed due to lockdown-Deputy CM Dinesh Sharma | lucknow – News in Hindi


डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के निर्देश पर स्कूलों के ट्रांसपोर्ट शुल्क वसूलने पर पाबंदी (File Photo)
प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने पत्र जारी करते हुए समस्त जिलाधिकारी और माध्यमिक शिक्षा निदेशक को लॉकडाउन (Lockdown) की अवधि में और विद्यालय बंद रहने तक छात्र-छात्राओं से परिवहन शुल्क ना लिए जाने का निर्देश दिया है.
लखनऊ. महामारी (Pandemic) कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण के चलते देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) है. ऐसे में स्कूल, कॉलेज सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं. लेकिन कई स्कूल संचालक अभिभावकों से जबरन वाहन शुल्क की डिमांड कर रहे हैं. लॉकडाउन की अवधि में जबरन फीस वसूली रोकने का आदेश पहले ही दिया जा चुका था. अब वाहन शुल्क मामले में भी माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सूबे के अभिभावकों को बड़ी राहत दी है. जिसके बाद अब स्कूल परिवहन शुल्क भी अभिभावकों से नहीं वसूल सकेंगे.
डिप्टी सीएम ने दिए निर्देश
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के निर्देश के बाद मंगलवार को प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने इस बाबत पत्र जारी किया है. उन्होंने समस्त जिलाधिकारी और माध्यमिक शिक्षा निदेशक को लॉकडाउन की अवधि में और विद्यालय बंद रहने तक छात्र-छात्राओं से परिवहन शुल्क ना लिए जाने के लिए निर्देशित किया है. गौरतलब है कि इस संबंध में न्यूज 18 प्रमुखता से बात उठाता रहा है.
विद्यालयों द्वारा लॉक डाउन की अवधि में/ विद्यालय बंद रहने तक छात्र छात्राओं से परिवहन शुल्क न लिया जाए ,इस आशय का आदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा जारी किया गया है।
— Dr Dinesh Sharma BJP (@drdineshbjp) April 21, 2020
अग्रिम शुल्क पर भी सरकार चला चुकी है कैंची
आदेश के मुताबिक लॉकडाउन के बावजूद भी स्कूल अभिभावकों से परिवहन शुल्क वसूल रहे हैं. जबकि इस समय स्कूल बंद हैं. ऐसे में कोई भी स्कूल लॉकडाउन के दौरान परिवहन शुल्क नहीं वसूल करेगा. इससे पहले उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण घोषित आपदा की अवधि में विद्यालयों की ओर से मासिक आधार पर शुल्क लिए जाने को लेकर आदेश जारी किया था. जिसमें किसी छात्र या अभिभावक को 3 माह का अग्रिम शुल्क जमा करने के लिए बाध्य नहीं किया जाने की बात थी. साथ ही विद्यालयों की ओर से चल रही ऑनलाइन पढ़ाई में किसी विद्यार्थी को वंचित नहीं किए जाने पर भी सरकार ने सख्त रवैया अपनाया था. आदेशों का अनुपालन किए जाने में शिथिलता बरते जाने पर उत्तर प्रदेश स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय ( शुल्क निर्धारण) अधिनियम 2018 के अंतर्गत गठित जिला शुल्क नियामक समिति के समक्ष अभिभावकों द्वारा शिकायत प्रस्तुत की जा सकती है. जिसके आधार पर ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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First published: April 21, 2020, 10:51 PM IST