भारत ने चीन से खरीदी थी 5 लाख एंटीबॉडी रैपिड किट, राज्यों की शिकायत के बाद टेस्टिंग पर रोक | CoronaVirus India bought 5 lakh antibody rapid kits from China Prohibition of testing after complaints of states | nation – News in Hindi

उल्लेखनीय है कि भारत में चीन की दो कंपनियों से पांच लाख एंटीबॉडी रैपिड टेस्टिंग किट की आपूर्ति हुयी है. विभिन्न राज्यों को कोरोना वायरस के संक्रमण की अधिकता वाले इलाकों में संक्रमण पर निगरानी के लिये यह किट मुहैया करायी गयी है.
तीन अन्य राज्यों से की गई थी इसकी पुष्टि: रमन आर गंगाखेड़कर
आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक रमन आर गंगाखेड़कर ने मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस किट के परीक्षण परिणाम में अंतर मिलने के बारे में एक राज्य से मिली शिकायत के आधार पर तीन अन्य राज्यों से इसकी पुष्टि की गयी. उन्होंने कहा कि आईसीएमआर के विशेषज्ञों को विभिन्न क्षेत्रों में इस किट से परीक्षण के लिये भेजा गया है.गंगाखेड़कर ने कहा कि कोरोना वायरस के परीक्षण के लिये इस्तेमाल होने वाली आरटी-पीसीआर किट और रैपिड टेस्टिंग किट के परिणाम में काफी अंतर मिलने की एक राज्य से शिकायत मिलने पर इसकी पुष्टि दो अन्य राज्यों से कराये जाने के बाद सभी राज्यों को दो दिन तक इस किट का इस्तेमाल नहीं करने का परामर्श दिया गया है.
राजस्थान सरकार ने आईसीएमआर से की थी शिकायत
गौरतलब है कि राजस्थान सरकार ने मंगलवार को इन किट से असंगत परिणाम मिलने की आईसीएमआर को जानकारी दी थी. राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने इसका खुलासा करते हुये कहा कि इस किट के परिणाम सटीक होने की दर 5.4 प्रतिशत ही है, जबकि दावा 90 प्रतिशत होने का किया गया था, इसलिये इस किट के इस्तेमाल का कोई लाभ नहीं है.
कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान में आईसीएमआर सरकार की नोडल एजेंसी की भूमिका निभा रहा है. गंगाखेड़कर ने बताया कि इस किट के परिणाम में पीसीआर किट के परिणाम की तुलना में 6 से 71 प्रतिशत तक का अंतर पाया गया. उन्होंने कहा कि आईसीएमआर के विशेषज्ञों द्वारा दो दिन में वस्तुस्थिति का पता लगाने के साथ ही राज्यों को इस किट के उपयोग के बारे में परामर्श जारी किया जायेगा.
सप्लाई करने वाली चीनी कंपनी से की जाएगी शिकायत
उन्होंने कहा कि किट में अगर गड़बड़ी पायी जाती है तो इसकी आपूर्ति करने वाली कंपनी से इसे बदलने के लिये कहा जायेगा. उन्होंने कहा कि इस बीच आईसीएमआर ने किट में तकनीकी परेशानी का हल किये जाने तक सभी राज्यों को दो दिन तक रैपिड किट से परीक्षण नहीं करने को कहा है.
इस बीच कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिये गठित उच्चाधिकार प्राप्त समूह की ओर से बताया गया कि कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ अभियान में व्यापक पैमाने पर मानव संसाधन की जरूरत को पूरा करने के लिये सरकार ने देश भर में मौजूद ‘कोरोना योद्धाओं’ (स्वास्थ्य कर्मियों और स्वयंसेवियों) का डाटाबेस तैयार कर लिया है. समूह के अध्यक्ष ने बताया कि इसके लिये दो वेबपोर्टल (‘कोविड वॉरियर डॉट जीओवी डॉट इन’ तथा ‘आईगॉट डॉट जीओवी डॉट इन’) शुरु किये गये हैं.
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में साथ दे रहे 1.24 लोग
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में सीमित छूट दिये जाने और लॉकडाउन के बाद संक्रमण रोकने के लिये उचित प्रबंधन करने में स्वयंसेवियों की मदद ली जायेगी. पोर्टल के जरिये अब तक देश में 1.24 करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों, पूर्व सैनिकों और स्वयंसेवियों आदि ने पंजीकृत करा लिया है.
उन्होंने बताया कि इन दोनों ऑनलाइन प्लेटफार्म की मदद से स्वास्थ्य कर्मियों और स्वयंसेवियों की जरूरत वाले स्थानों पर तैनाती की जा रही है और कोरोना वायरस संकट से निपटने से संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. स्वयंसेवियों की जिम्मेदारियों को 20 वर्गों में श्रेणीबद्ध कर राज्य सरकारों की मदद से जरूरत वाले स्थानों पर उनकी तैनाती की जा रही है.
सरकार दे रही है ऑनलाइन प्रशिक्षण
उन्होंने बताया कि पोर्टल के जरिये स्वास्थ्यकर्मियों और स्वयंसेवियों सहित सभी वर्ग के लोगों को कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के शुरुआती दौर के उपायों से लेकर आईसीयू में भर्ती मरीज की देखरेख तक, विभिन्न प्रकार के कामों को करने का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
कुल संक्रमितों की संख्या 18985
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना वायरस संक्रमण के नये मामलों में कमी आने और स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा दर्ज होने की जानकारी दी. मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 18985 पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़कर 3259 हो गयी है.
उन्होंने कहा कि 4 घंटों में स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या 705 थी, यह एक दिन में स्वस्थ होने वालों की सर्वाधिक संख्या है. अग्रवाल ने कहा कि इसके साथ ही स्वस्थ होने वाले मरीजों का प्रतिशत 14.75 से बढ़कर 17.48 हो गया है. उन्होंने बताया कि 24 घंटे में संक्रमण के 1336 नये मामले सामने आये. सोमवार को यह संख्या 1553 थी.
कोरोना से अब तक 603 लोगों की मौत
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की कुल संख्या 603 हो गयी है. पिछले 24 घंटों में संक्रमण से मौत के 60 नये मामले सामने आये हैं. उल्लेखनीय है कि सोमवार को 24 घंटों में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 36 थी.
अग्रवाल ने बताया कि जिन जिलों में 28 दिनों से एक भी संक्रमित मरीज नहीं मिला है उनमें पुडुचेरी के माहे, कर्नाटक के कोडागु और उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल के अलावा राजस्थान का प्रतापगढ़ जिला शामिल है. वहीं, 23 राज्यों के 61 जिले ऐसे भी हैं जिनमें पिछले 14 दिनों से संक्रमण के किसी मामले की पुष्टि नहीं हुयी है. सोमवार तक ऐसे जिलों की संख्या 59 थी.
अग्रवाल ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने गैर कोविड-19 अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने की घटनाओं के मद्देनजर ऐसे अस्पतालों के लिये पृथक दिशानिर्देश भी जारी किये हैं. इनके तहत सभी अस्पतालों को आपदा प्रबंधन कार्ययोजना बना कर उसे अमल में लाने को कहा गया है.
रक्तदान के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया
अग्रवाल ने बताया कि इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में रक्त की उपलब्धता बनाये रखने के लिये भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी से रियल टाइम निगरानी तंत्र को सुचारु रखने को कहा है. साथ ही रक्त की यथाशीघ्र उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये एक हेल्पलाइन (011-23359379) भी शुरु की गयी है. इस पर जरूरतमंद लोगों की कभी भी किसी भी ग्रुप के रक्त की मांग पूरी हो सकेगी.
इस दौरान गंगाखेडकर ने बताया कि देश में अब तक कोरोना वायरस के 4,49,810 परीक्षण किये जा चुके हैं. इनमें 35,832 परीक्षण पिछले 24 घंटों में किये गये. इनमें आईसीएमआर की 201 प्रयोगशालाओं में 29,776 परीक्षण और निजी क्षेत्र की 86 प्रयोगशालाओं में 6076 परीक्षण किये गये.
केंद्रीय कमेटी ने चार राज्यों का दौरा किया
संवाददाता सम्मेलन में गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि संक्रमण की अधिकता वाले राज्यों में लॉकडाउन के पालन की स्थिति का आकलन करने के लिये मंत्रालय द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समूहों ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान और पश्चिम बंगाल का दौरा किया.
उन्होंने बताया कि इन समूहों को महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन का भरपूर सहयोग मिला है. लेकिन पश्चिम बंगाल में कोलकाता और जलपाईगुड़ी जिलों में जमीनी हकीकत का आकलन करने में राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन का सहयोग नहीं मिलने की मंत्रालय को जानकारी दी गयी है.
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