राहुल गांधी ने सरकार से पूछा- पेट्रोल के दाम 69 रुपये क्यों? पाासवान ने दिया ये जवाब | rahul gandhi questions govt over petrol prices despite plunge in world oil price Paswan gave this answer | nation – News in Hindi


पासवान ने राहुल गांधी के सवाल का दिया जवाब.
COVID-19: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कच्चे तेल की कीमत में ऐतिहासिक गिरावट के बाद मंगलवार को सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस स्थिति में भी पेट्रोल 69 रुपये और डीजल 62 रुपये प्रति लीटर बेचा जा रहा है.
रामविलास पासवान ने ट्वीट किया, ‘उनको तो कहना चाहिए की सैनिटाइजर और मास्क बनाकर गरीबों को दीजिए. उनको राज्यों में जाकर ये देखना चाहिए की कहां मजदूर भूखा है और राज्य सरकारों पर दबाव बनाए या हमको ही लिखे.’
उनको तो कहना चाहिए की सैनिटाइजर और मास्क बनाकर गरीबों को दीजिए, उनको राज्यों में जाकर ये देखना चाहिए की कहां मजदूर भूखा है और राज्य सरकारों पर दबाव बनाए या हमको ही लिखे :राहुल गांधी के बयान पर रामविलास पासवान pic.twitter.com/qd0neaFU78
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 21, 2020
कच्चे तेल में गिरावट तो फिर देश में पेट्रोल 69 रुपये क्यों: राहुल
दरअसल, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कच्चे तेल की कीमत में ऐतिहासिक गिरावट के बाद मंगलवार को सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस स्थिति में भी पेट्रोल 69 रुपये और डीजल 62 रुपये प्रति लीटर बेचा जा रहा है.
उन्होंने सवाल किया कि पेट्रोल-डीजल की कीमत कम करने की मांग पर सरकार क्यों ध्यान नहीं दे रही है? गांधी ने ट्वीट किया, ‘दुनिया में कच्चे तेल की क़ीमतें अप्रत्याशित आंकड़ों पे आ गिरी हैं, फिर भी हमारे देश में पेट्रोल 69 रुपये, डीज़ल 62 रुपये प्रति लीटर क्यों है? इस विपदा में जो दाम घटे, सो अच्छा. कब सुनेगी ये सरकार?’
तेल की कीमतों में राहत एक ऐतिहासिक मौका: पवन खेड़ा
इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि सरकार को आम उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करनी चाहिए. खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘तेल के दामों में अचानक अप्रत्याशित कमी का आना एक ऐतिहासिक मौका है. इतनी कमी कि वह शून्य से भी नीचे जा पहुंचा. एक बार तो ऐसा क्षण आया कि दाम शून्य से 37 डॉलर नीचे चला गया. इसका कारण है कि अमेरिका में इस कच्चे तेल का कोई खरीददार नहीं हैं.’
उन्होंने कहा, ‘सरकार ने पिछले छह वर्षों में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क लगाकर 20 लाख करोड़ रुपये अर्जित किये. सवाल यह है कि आप इस लाभ को उपभोक्ता के साथ क्यों बांट नहीं सकते? वह राहत आम उपभोक्ता को क्यों नहीं दे सकते?’ खेड़ा ने सरकार से आग्रह किया कि इस मुश्किल दौर में आम लोगों को राहत देनी चाहिए.
(भाषा इनपुट के साथ)
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First published: April 21, 2020, 7:25 PM IST