भदोही के रहने वाले थे पालघर में मारे गए संत कल्पवृक्ष गिरी, 10 वर्ष की उम्र में छोड़ा था घर- Saint Kalpavriksh was killed in Palghar was a resident of Bhadohi uttar pradesh left home at the age of 10 upakb upas | bhadohi – News in Hindi
भदोही में संत कल्पवृक्ष गिरी के परिजनों ने मामले की निष्पक्ष जांच कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
भदोही (Bhadohi) में संत कल्पवृक्ष गिरी के छोटे भाई राकेश चंद्र तिवारी ने कहा कि लॉक डाउन होने की वजह से वह लोग उनके अंतिम संस्कार में नहीं पहुंच पाए. उन्होंने मांग की है कि जो लोग दोषी हैं, उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो. उनको कड़ी सजा दी जाए.
पिता ने नाम रखा था कृष्ण चंद्र तिवारी
भदोही जनपद के वेदपुर गांव के रहने वाले चिंतामणि तिवारी के पुत्र थे संत कल्पवृक्ष गिरी. पता चला है कि उन्होंने 10 वर्ष की उम्र में घर छोड़ दिया था और संत-महात्माओं के साथ जूना अखाड़े में जाकर रहने लगे थे. परिजनों ने उनका नाम कृष्ण चंद्र तिवारी रखा था. जब वह संतों की संगत में आए, तब उनका नाम संत कल्पवृक्ष गिरी हुआ. उनके परिजनों ने बताया कि जब वह करीब 10 साल की उम्र के थे तब अचानक घर से गायब हो गए थे और फिर कुछ साल के बाद उनके कुछ परिचित महाराष्ट्र के जोगेश्वरी मंदिर में एक भंडारे में गए हुए थे. तब उनको पता लगा कि वह वहां हैं.
अंतिम संस्कार में नहीं पहुंच सके भाईउसके बाद परिवार के लोग भी उनसे मिलने गए और उनको घर आने के लिए खूब मनाया लेकिन वह घर वापस नहीं आए. संत कल्पवृक्ष गिरी के छोटे भाई राकेश चंद्र तिवारी ने कहा कि लॉक डाउन होने की वजह से वह लोग उनके अंतिम संस्कार में नहीं पहुंच पाए. लेकिन उनके परिवार के कुछ लोग वहां थे, वह पहुंचे हुए थे. अपने भाई के विषय में बताते हुए उनकी आंखें भर आईं. उन्होंने मांग की है कि जो लोग दोषी हैं, उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो. उनको कड़ी सजा दी जाए. उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाले लोगों ने राक्षसी काम किया है.
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First published: April 21, 2020, 5:04 PM IST