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कृषको की महापंचायत: मक्का प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना से जिले की बनेगी नई पहचान – मोहन मरकाम
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कोण्डागांव । ‘‘आज जिले के समस्त कृषको के लिए ऐतिहासिक क्षण है प्रथम बार कृषकों ने शासन द्वारा प्रस्तावित इस महत्वाकांक्षी योजना के संबंध में पूरे उत्साह के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराया है। यह बेहद खुशी की बात है इससे पता चलता है कि किसान शासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए तत्पर है। जिले के अन्नदाताओं के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में निश्चय ही यह प्रसंस्करण केन्द्र एक मील का पत्थर साबित होगा।‘‘
दिनांक 2 फरवरी को कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में किसानो के एक बड़े पंचायत में क्षेत्र के विधायक मोहन मरकाम द्वारा उक्त बाते कही गई। इस मौके पर जिला कलेक्टर नीलकंठ टीकाम, अध्यक्ष जिला पंचायत देवचंद मातलाम, उपाध्यक्ष रवि घोष, अध्यक्ष जनपद पंचायत कोण्डागांव सविता पोयाम एवं माकड़ी संजु पोयाम, विजय लांगड़े, दिनेश चैरड़िया, उप संचालक कृषि बी.के.बिजरोनिया, अनुविभागीय अधिकारी कृषि उग्रेश देवांगन, सहायक पंजीयक (सहकारिता) बी.के.उईके, महाप्रबंधक उद्योग ए.के.टोप्पो, कार्यपालन अभियंता जल संसाधन अशोक धोटे सहित सभी पंचायतो के वरिष्ठ जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
विधायक ने इस संबंध में अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि इस प्रोसेसिंग प्लांट के खुलने से न केवल कृषको को उनकी उपज का सही और उचित मूल्य मिलेगा बल्कि सहकारी समिति के माध्यम से सभी सदस्य कृषक ही इस प्लांट के सर्वे-सर्वा होंगे। राज्य के माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा अपने जिले के प्रवास के दौरान ही किसान हितो की चिंता करते हुए तत्काल इस मांग को स्वीकृति दी गई थी, इसके लिए जिले के कृषक सदैव आभारी रहेंगे। कवर्धा एवं बालोद में स्थापित शक्कर कारखाने की तर्ज पर बनने वाले इस मक्का प्रोसेसिंग प्लांट से कोण्डागांव जिला मक्का उत्पादक जिले के रुप में अपनी एक नई पहचान बनायेगा। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे प्लांट की स्थापना के संबंध में किए जा रहे प्रयासों पर अपना पूरा सहयोग देकर, विकास की नई ईबारत लिखे।
मक्का की खेती को अब उद्योग प्रधान बनायेंगे – कलेक्टर
जिला कलेक्टर नीलकंठ टीकाम ने इस अवसर पर कहा कि जिले के कृषको की समृद्धि में मक्का उत्पादन की बड़ी भूमिका है। अब मक्का की खेती को उद्योग में बदलकर स्थानीय कृषकों को नई ऊंचाईयाँ देने के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है। इस तरह सहकारी समिति के माध्यम से प्रसंस्करण केन्द्र के अंशपूंजी सदस्यता, संचालक मण्डल, लाभांश आदि पर स्थानीय कृषको का ही नियंत्रण होगा। उन्होंने बताया कि जिले के 80 हजार कृषको में से 65 हजार कृषक मक्का उत्पादक कृषक है तथा 20 हजार कृषक धान एवं मक्का दोनो फसल लेते है। इसके साथ ही प्लांट के लिए 25 एकड़ भूमि का चिन्हांकन भी कर लिया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि प्रसंस्करण केन्द्र के माध्यम से जिले के कृषको में एक सुखद सकारात्मक परिवर्तन आयेगा। इस मौके पर उन्होंने मक्का से बनने वाले विभिन्न उत्पाद के पैकेटो को कृषको को दिखाते हुए कहा कि मक्का की फसल से 34 प्रकार के उत्पाद बनाये जा सकते है, जिनका बाजार मूल्य साधारण खरीदे गए मक्का से दोगुना-तिगुना होता है। इस महापंचायत में जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष द्वारा भी प्रसंस्करण केन्द्र के संबंध में किसानो के समक्ष अपने विचारों को भी साझा किया गया।
कार्यक्रम के समापन पर उप संचालक कृषि, सहायक पंजीयक (सहकारिता) एवं महाप्रबंधक उद्योग द्वारा कृषको को सहकारी समिति के निर्माण, उद्योग हेतु अनुदान, तकनीकी सेवाऐं, उपज भंडारण, गोदाम शेड निर्माण के संबंध में आवश्यक जानकारियाँ दी गई।