Lockdown की मार किसान व उपभोक्ता दोनों पर, कुमाऊं की मंडी में सड़ रहे हैं फल व सब्जियां…. | Lockdown: Vegetables are rotting in Kumaon Mandi, retail shopkeepers are charging arbitrary price | dehradun – News in Hindi
कुमाऊँ मंडी में सड़ रहे सब्जियों के ढेर
कुमाऊं में उत्तराखंड की सबसे बड़ी सब्जी और फल मंडी है. यहां से कुमाऊं के छह जिलों नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, ऊधम सिंह नगर, चंपावत और बागेश्वर में सब्जियों की की सप्लाई होती है. लॉकडाउन के चलते इस सप्लाई पर खासा असर पड़ा है…
इन सब्जियों को नहीं मिल रहे ग्राहक
बता दें कि कुमाऊं में उत्तराखंड की सबसे बड़ी सब्जी और फल मंडी है. यहां से कुमाऊं के छह जिलों नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, ऊधम सिंह नगर, चंपावत और बागेश्वर में सब्जियों की की सप्लाई होती है. लेकिन लॉकडाउन के चलते मंडी में ग्राहक नहीं पहुंच रहे जिससे सब्जियां सड़ रही हैं और किसान परेशान है. हालांकि जो सब्जी वाले मंडी से सब्जियां खरीदकर ले जा रहे हैं वो दुकानों पर कई गुना ज्यादा कीमत में इसे बेच रहे हैं, जिससे आम ग्राहक महंगाई से परेशान है. गर्मी के इस सीजन में मूली की अच्छी डिमांड रहती है. यूपी के बरेली, बहेड़ी से इस सीजन अच्छी मात्रा में मूली की सप्लाई हो रही है. लेकिन लॉकडाउन की वजह के ग्राहक नहीं मिल रहे और मूली के ढेर के ढेर आढ़तों के बाहर सड़ रहे हैं. यही हाल बंद गोभी का का भी है, क्योंकि गर्मी में लोग बंद गोभी खाने से बचते हैं इसलिए ये भी ढेर के ढेर सड़ रहे हैं.
सप्लाई न होने से मंडी में बहुत कम मिल रही कीमतमंडी में आलू, प्याज के अलावा गोभी, लौकी, कद्दू, करेला, बींस, बैगन, गाजर, मटर जमकर आ रही है. लेकिन इन सब्जियों के मंडी रेट देखकर आप चौंक जाएंगे क्योंकि जो सब्जी मंडी से दो से 10 रुपये किलो तक बिक रही है वही बाहर सब्जी की दुकानों में 20 से 60 रुपये किलो तक मिल रही है. कुमाऊं मंडी के आढ़ती मनोज News 18 से बातचीत में कहते हैं कि लॉकडाउन से पहले हल्द्वानी शहर में ही सब्जी की अच्छी-खासी खपत थी. रेहड़ी-पटरी वाले भी मंडी में खरीद के लिए पहुंचते थे. साथ ही यूपी की बड़ी मंडियों से भी ग्राहक पहुंचते थे, लेकिन लॉक डाउन के चलते रेहड़ी-पटरी वालों का मंडी के भीतर आना बंद है और प्रदेश के बाहर से आने वाला ग्राहक भी नहीं आ रहा. नतीजतन सब्जियां औने-पौने दामों पर बेचनी पड़ रही हैं.
इस मुद्दे पर जब हल्द्वानी मंडी के सचिव विश्व विजय देव सिंह से बात की गई तो उनका दावा है कि मंडी में सब्जियों की आवक ज्यादा हो गई है. क्योंकि ऊधम सिंह नगर जिले से लौकी, बैगन, करेला, खीरा और भिंडी जमकर आ रही है. जबकि पहाड़ से मटर की आवक है. इसलिए पूर्ति ज्यादा और मांग कम होने की वजह से रेट कम मिल रहे हैं. लेकिन खुदरा बाजार में रेट कई गुना अधिक होने के बारे में वो कुछ नहीं कहते. किसानों का कहना है कि अगर सब्जियों को उनके सप्लाई वाले जिलों में भेजे जाने की व्यवस्था सुचारू रूप से कर दी जाए तो सब्जियां जरुरतमंदों तक सड़ने से पहले पहुंच जाएंगी और उन्हें भी उनके उत्पाद का बेहतर मूल्य मिल सकेगा.
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First published: April 21, 2020, 3:14 PM IST