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जीरो डॉलर के नीचे लुढ़का कच्चे तेल का भाव, सैंकड़ों अमेरिकी तेल कंपनियां हो सकती हैं दिवालिया- oil prices fall below zero dollar per barrel Hundreds of US oil companies could go bankrupt | business – News in Hindi

जीरो डॉलर के नीचे लुढ़का कच्चे तेल का भाव, सैंकड़ों अमेरिकी तेल कंपनियां हो सकती हैं दिवालिया

सैंकड़ों अमेरिकी तेल कंपनियां हो सकती हैं दिवालिया

कच्चे तेल की कीमतें गिरकर जीरो के नीचे चली गई, जिससे अमेरिकी तेल कंपनियों के लिए पैसा कमाना असंभव हो गया है. इसके चलते अमेरिकी तेल कंपनियां 2021 के अंत तक दिवालिया हो सकती हैं.

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट के मद्देनजर मांग घटने से कच्चे तेल की कीमत (Crude oil Prices) सोमवार को जीरो डॉलर/बैरल से भी नीचे चली गई. कच्चे तेल में यह गिरावट उत्पादकों के पास स्टोरेज की जगह नहीं होने की वजह से आई. कच्चे तेल के भाव में ऐतिहासिक गिरावट से सैंकड़ों अमेरिकी तेल कंपनियां दिवालिया हो सकती हैं. बता दें कि मई डिलीवरी के लिए यूएस बेंचमार्क वेस्ट टेक्सास इंटरमिडिएट की कीमत सोमवार को पहली बार शून्य से नीचे गिरी. मंगलवार को मई डिलीवरी के लिए कारोबार का आखिरी दिन है. ऐसे में सोमवार को बाजार में कच्चा तेल की कीमत जीरो से नीचे 37.63 डॉलर/बैरल पहुंच गयी.

जीरो से ऊपर आया कच्चे तेल का दाम
हालांकि, मंगलवार को अमेरिका में कच्चे तेल की कीमतें निचले स्तर से वापसी कर जीरो से ऊपर पहुंच गई. इससे पहले तेल का फ्यूचर जीरो से नीचे कारोबार कर रहा था. मई डिलीवरी के लिए यूएस बेंचमार्क वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट की कीमत सोमवार को पहली बार शून्य से नीचे गिरी. मंगलवार को मई डिलीवरी के लिए कारोबार की अंतिम तिथि है. ऐसे में सोमवार को बाजार में कच्चा तेल की कीमत शून्य से नीचे 37.63 डॉलर/बैरल पहुंच गयी थी. यह अब 0.56 प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. कोरोना वायरस संकट के कारण कच्चे तेल की मांग में कमी आयी है और तेल की सभी भंडारण सुविधाएं भी अपनी पूर्ण क्षमता पर पहुंच चुकी हैं.

सैंकड़ों तेल कंपनियां हो सकती हैं दिवालियासीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, कच्चे तेल की कीमतों में ऐतिहासिक गिरावट से अमेरिका में सैंकड़ों तेल कंपनियां दिवालिया हो सकती हैं. कोरोना वायरस संकट के कारण कच्चे तेल की मांग में कमी आयी और तेल की सभी भंडारण सुविधाएं भी अपनी पूर्ण क्षमता पर पहुंच गई है. इसी समय, रूस और सऊदी अरब ने अतिरिक्त आपूर्ति के साथ दुनिया में कच्चे तेल की बाढ़ ला दी. इस दोहरे मार से तेल की कीमतें गिरकर जीरो के नीचे चली गई, जिससे अमेरिकी तेल कंपनियों के लिए पैसा कमाना असंभव हो गया है.

ये भी पढ़ें: कच्चे तेल के भाव में ऐतिहासिक गिरावट के बाद आया उछाल, जीरो डॉलर के ऊपर आई कीमत

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First published: April 21, 2020, 10:01 AM IST



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